हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सुनील है और में आज एक बार फिर से आप सभी के सामने अपनी एक और नई कहानी लेकर आया हूँ. आज जो कहानी में आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ यह कहानी मेरी और मेरी पड़ोसन ज्योति भाभी की है, जो कि पुणे की रहने वाली है. दोस्तों भाभी मेरे बिल्कुल पड़ोस में रहती है, वो दिखने में बहुत सुंदर और सेक्सी है और उनका रंग बहुत गोरा और उनकी हाईट 5 फिट 3 इंच है. उनकी उम्र 29 साल है और उनका एक बच्चा भी है, जिसका नाम दीपू है और वो देखने में बिल्कुल मॉडल लगती है. Antarvasna
उनको हमारे पड़ोस में आए हुए 6 महीने हो गये है, वो दिखने में बहुत ही आकर्षक लगती है और पहली बार मेरी नज़र उन पर तब पड़ी, जब वो बालकनी में कपड़े फैला रही थी, वो उस समय काली कलर की साड़ी पहने हुई थी और वो उस काली कलर की साड़ी में बिल्कुल पटाका लग रही थी. में उन्हे देखता ही रह गया और उन्हें देखकर ऐसा लगा कि बस ज्योति भाभी को चोदना ही है, तो भाभी ने मुझे देख लिया कि में उन्हे देख रहा हूँ और उन्होंने मेरी तरफ स्माईल किया. फिर मैंने उन्हे हैल्लो कहा और फिर वो कपड़े फैलाकर नीचे अपने फ्लेट में चली गई, लेकिन में अब भी छत पर ही खड़ा हुआ था और मन ही मन सोचता रहा कि हमारी बिल्डिंग में इतना मस्त माल रहता है और मुझे उसका पता ही नहीं और फिर जब रात हुई तो भाभी को मन ही मन सोचकर मैंने तीन बार मुठ मारी और सो गया.
अब में हमेशा यही सोचता था कि भाभी को कैसे पटाऊँ, लेकिन मुझे बहुत डर लगता था कि कहीं भाभी भैया से मेरी इस हरकत की शिकायत ना कर दे, लेकिन फिर भी मैंने थोड़ी हिम्मत करके भाभी के घर पर आना, जाना शुरू किया और दीपू को खिलाने के बहाने में उनके घर जाने लगा. फिर एक दिन जब मैंने उनके घर पर पहुंचकर दीपू दीपू आवाज़ लगाई तो ज्योति भाभी ने दरवाजा खोल दिया और वो मुझसे बोली कि दीपू अभी नहाया है इसलिए रो रहा है, आप इसे अपने साथ थोड़ा बाहर घुमाकर ले आओ, में उनकी यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और में दीपू को लेकर पास ही के एक गार्डन में ले गया और थोड़ी देर बाद वापस आ गया.
फिर मैंने देखा कि भाभी उस समय बाथरूम में है और फिर मैंने जानबूझ कर आवाज़ दी कि भाभी आप कहाँ हो? अब भाभी ने बाथरूम के अंदर से जवाब दिया कि में नहा रही हूँ, आप चाहो तो दीपू को बैठाकर जा सकते है. फिर मैंने कहा कि ठीक है भाभी और अब में बिल्कुल चुप हो गया, लेकिन में बाहर नहीं गया और दीपू के पास में बैठ गया और कुछ देर बाद भाभी को ऐसा लगा कि में अपने घर पर चला गया हूँ और 15 मिनट के बाद भाभी बाथरूम से निकली तो उनके बदन पर सिर्फ एक टावल लिपटा हुआ था और जैसे ही भाभी ने मुझे वहां पर देखा वो एकदम से चौंक गई और फिर उसी हड़बड़ाहट में उनके हाथ से वो टावल उनके सेक्सी, गोरे, भीगे बदन से अचानक छूटकर नीचे गिर गया, जिसकी वजह से अब ज्योति भाभी मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो गई थी और में उन्हें देखता ही रह गया. Hindi sex story
फिर भाभी तुरंत बाथरूम के अंदर दौड़कर वापस चली गई और में उनके बारे में सोचता रहा कि क्या मस्त चिकना बदन था भाभी का? मेरा तो मन कर रहा था कि भाभी को अभी बाथरूम में जाकर पकड़कर चोद दूँ, लेकिन में सोच रहा था कि भाभी खुद कहेगी तभी में उन्हें चोदूंगा क्योंकि मुझे पता है कि कोई भी लड़की हर एक को अपना पूरा नंगा बदन नहीं दिखाती. फिर कुछ देर बाद भाभी बाथरूम से शरमाती हुई एक गाऊन पहनकर बाहर निकली और मुझसे बोली कि सुनील बैठो चाय पीकर चले जाना, में अभी आती हूँ और मुझसे इतना कहकर वो वहां से तुरंत चली गई. में सोफे पर बैठ गया और उनको जाते हुए पीछे से उनकी मटकती हुई गांड को घूरकर देखने लगा और थोड़ी ही देर बाद बच्चा भी सो गया. फिर मैंने उसको अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले जाकर सुला दिया.
फिर कुछ देर बाद भाभी मेरे लिए चाय बनाकर ले आई और हम दोनों चाय पीने लगे, तो मुझे अब उनकी आखों में मेरे लिए कुछ अजीब सी शरारत देखी और उसी बात का फायदा उठाते हुए मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनसे कह दिया कि भाभी आप बहुत सेक्सी और सुंदर हो. फिर भाभी ने मेरी यह बात सुनकर मेरी तरफ थोड़ी शरारत से स्माइल किया और फिर मुझसे पूछा कि आज तुमने मुझे पूरा नंगा देखा, क्यों कैसा लगा? तो मैंने तुरंत कहा कि भाभी मुझे ऐसा लगा कि बस आपको पकड़कर में अभी इस समय चोद डालूं. भाभी को मेरी इस बात को सुनकर विश्वास हो गया और वो मुझसे बोली कि मेरे पति शाम को आएगें और अब में उनके मुहं से यह बात सुनकर तुरंत समझ गया कि भाभी अब मुझसे चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
फिर मैंने भाभी को अपनी जाँघो पर बैठने के लिए कहा और भाभी तुरंत आकर मेरी गोद में बैठ गई. भाभी का चिकना बदन ऐसा लग रहा था कि जैसे मलाई हो और में अब भाभी को किस करने लगा और भाभी को उठाकर दूसरे रूम में ले गया और मैंने उन्हें बेड पर लेटा दिया और फिर भाभी के गाऊन को उतारा और मैंने उनसे कहा कि भाभी आप बहुत ही चिकनी मलाई हो जब मैंने आपको पहली बार देखा था तभी मुझे पता चल गया था कि आप मेरी तरफ आकर्षित हो और आपकी वो कातिलाना स्माइल ही तो मुझे आपके फ्लेट तक ले आई है और आज तो में आपको ऐसे चाटूंगा कि आपको आज जन्नत मिल जाएगी.
फिर मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और भाभी के पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटने चूमने लगा. वाह दोस्तों क्या चिकना गोरा बदन था, उसे छूकर महसूस करके मेरे लंड का तो बहुत बुरा हाल हो रहा था और वो अपने पूरे जोश में था. भाभी धीरे धीरे मोन कर रही थी और मेरे मोटे लंबे लंड को अपने चिकने हाथों से सहला रही थी. मेरा मोटा लंबा लंड अब भाभी की चूत में जाने के लिए बहुत उतावला हो रहा था और मैंने भाभी के दोनों पैरों को फैलाकर अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक जोरदार धक्का देकर अंदर डालकर धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए और अब मेरा पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत के अंदर बाहर होने लगा.
अब भाभी मोन कर रही थी उह्ह्ह्ह माँ मर आअअहह गई आईईईई और में लगातार धक्के मारता जा रहा था, वाह क्या चिकनी चूत थी भाभी की. ऐसा लग रहा था कि वो बिल्कुल मलाई है और फिर मैंने भाभी के चूतड़ के नीचे एक तकिया रखकर भाभी को जमकर ज़ोर से धक्के देकर चोदा, लेकिन ज्योति भाभी करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद ही झड़ गई. अब मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में बैठा दिया और मैंने अपना मोटा लंबा लंड भाभी की चूत में डाल दिया और उन्हें में कुत्ते की तरह चोदने लगा, भाभी अब भी धीरे धीरे मोन कर रही थी और कह रही थी माँ आहहहह आईईइईई में मर गई आह्ह्ह और वो करीब दस मिनट की चुदाई के बाद दोबारा झड़ गई और अब में भी झड़ने वाला था तो मैंने भाभी से पूछा कि कहाँ निकालूं?
तब भाभी ने कहा कि मेरे बूब्स के ऊपर मैंने अपना माल भाभी के बूब्स के ऊपर निकाल दिया और अब हम दोनों बेड पर थककर लेट गये. मैंने ज्योति भाभी को अपनी बाहों में लेकर अपने शरीर से चिपका रखा था और एक बार फिर से मेरा लंड धीरे धीरे तनकर खड़ा हो गया और अब मैंने ज्योति भाभी को अपने लंड पर बैठा लिया और भाभी को उनकी कमर से पकड़कर अपने लंड पर उछालने लगा. ज्योति भाभी भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और वो पांच मिनट में दोबारा झड़ गई.
फिर हम दोनों साथ में बाथरूम में जाकर फ्रेश हुए और हमने अपने कपड़े पहने और थोड़ी देर बाद भाभी ने दोबारा हमारे लिए चाय बनाई और हम लोगों ने मज़े किये. दोस्तों अब जब भी हमे कोई अच्छा मौका मिलता है चुदाई का मज़ा लेते है. भाभी को मेरी चुदाई बहुत अच्छी लगी और मैंने उनको चोदकर पहली बार में ही पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया था. उसके बाद हमारी चुदाई ऐसे ही चलती रही, मैंने कई बार उनकी गांड में अपना लंड डालकर उनकी गांड को भी फाड़ दिया था .अब भाभी पूरी तरीके से मेरी हो चुकी थी .और जब भी उनके पति घर में नहीं होता है तो वोह मुझे बुला लेती है .
धन्यबाद ……..