हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आकाश है और मेरी उम्र 18 साल है में बहुत अच्छा दिखने वाला और स्टाइलिश लड़का हूँ और मेरा लंड 7 इंच का है। मेरी एक कामवाली है, जिसकी उम्र 28 साल है और उसका नाम रेशमा है और वो दिखने में बहुत ही सेक्सी माल है, वो हमारी सोसाईटी के पास वाली झोपड़पट्टी में रहती है, वो हमारे यहाँ पर पिछले पांच महीने से काम पर है और वो दिखने में बहुत ही हॉट सेक्सी है, उसको देखकर नहीं लगता कि वो एक शादीशुदा औरत है, वो दिखने में बिल्कुल कुंवारी लड़की की तरह लगती है और उसका वो सेक्सी बदन झूलते हुए बूब्स मटकती हुई गांड मुझे हमेशा ही उसकी तरफ आकर्षित करते है।
दोस्तों उसकी वो साड़ी पहनने की स्टाईल भी बहुत सेक्सी है और उसे देखकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए, वो कुछ ऐसी ही है कि उसकी साड़ी एकदम कसी हुई हमेशा नाभि से नीचे रहती है, जिसकी वजह से उसकी वो सेक्सी कमर उस पर वो गहरी नाभि हर किसी को अपनी तरफ झुकने पर बेबस करती है और उसकी वो चोली भी थोड़ी छोटी होती है, उसकी कमर पर एक चैन, हाथ में हरे कलर की चूड़ियां आधा दिखता ब्रा, आगे बिखरे हुए बाल उसके बूब्स पर से हमेशा लहराते है, उसको इस तरह सजाधजा देखकर मुझे ऐसा लगता था कि वो हर रोज दस लोगों के साथ सेक्स करती होंगी और उसकी चूत अब तक फट चुकी होगी।
दोस्तों में अब आप सभी antarvasna के चाहने वालों को और ज्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी आज की सच्ची घटना जिसमें मैंने मेरी कामवाली बाई को चोदकर अपनी घरवाली बनाया, सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों जब मैंने पहली बार उसकी चूत को देखा तो में देखता ही रह गया, क्योंकि मैंने उसके रहने के तरीके को देखकर गलत अंदाजा लगा लिया था और जब उसकी प्यासी छोटी सी कुंवारी चूत को देखा तो में उसे घूर घूरकर कुछ देर देखता ही रहा और मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ कि उसकी चूत क्या ऐसी भी हो सकती है? दोस्तों में उम्मीद करता हूँ कि यह मेरी अपनी सच्ची चुदाई की घटना आप सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी और अब में उस घटना को थोड़ा विस्तार से सुनाता हूँ।
दोस्तों उसको पहली बार देखकर ही में उसका दीवाना हो गया और मन ही मन उसे चोदने बूब्स को चूसने दबाने के बारे में विचार करने लगा और मुझे अब कैसे भी करके उसकी चूत को एक बार जरुर अपने लंड का मज़ा देना था। दोस्तों मेरे परिवार में मेरी बहन, में और सिर्फ़ मेरी माँ है, मेरे पापा की कुछ समय पहले म्रत्यु हो गयी है, इसलिए अब घर में हम तीन ही लोग रहते है, मेरी माँ हर रोज सुबह जल्दी उठकर करीब दस बजे सबसे पहले अपने ऑफिस चली जाती है और उसके बाद मेरी दीदी हमेशा अपनी पढ़ाई के लिए कभी अपने कॉलेज तो कभी अपनी दोस्तों के घर पर, लेकिन हमारे घर से हमेशा पूरा दिन बाहर रहती है और में भी हमेशा अपने दोस्तों के साथ इधर उधर भटकता रहता हूँ, इसलिए घर पर कोई नहीं रहता, लेकिन दोस्तों जैसे ही जिस दिन से रेशमा हमारे घर पर काम करने आई, वैसे ही मैंने बिना किसी काम के बाहर आना जाना बंद कर दिया, यहाँ तक कि अगर कोई मुझे काम भी बताता तो भी में बहुत मुश्किल से अपने घर से बाहर निकलता।
दोस्तों वो भी बस उसी टाईम पर मेरे पास आती थी, जब मेरी माँ और मेरी दीदी घर पर ना हो और उसके पास हमेशा हमारे घर की एक दूसरी चाबी रहती थी, जिससे वो घर के अंदर आकर अपना सारा काम खत्म करके बिना किसी से कुछ कहे चली जाती थी। एक दिन में मेरे रूम से किचन की तरफ देख रहा था तो मुझे उसकी गांड और लटकते हुए बूब्स दिखाई दिए। उस समय वो झाड़ू लगा रही थी और में अपने बेड पर पड़े पड़े उसके मज़े ले रहा था।
फिर मेरे दिमाग में ना जाने कहाँ से एक विचार आ गया और अब मैंने अपने मोबाईल में उसकी वीडियो और कुछ फोटो निकलवाकर उसे देख देखकर में मुठ मारता था और ऐसा पूरे तीन महीने से हो रहा था, लेकिन मुझमें ज्यादा हिम्मत नहीं थी कि में उसको जाकर पकड़ लूँ। एक बार में दोस्तों के साथ गांजा पीकर अपने घर पर लोटा। उस दिन मैंने बहुत नशा किया हुआ था। मैंने घर पर आते समय नशे में एक प्लान बनाया कि मुझे आज कैसे भी करके रेशमा को चोदना ही है। में अपने घर पर पहुंच गया और दरवाजा खोला अंदर गया और अब में रेशमा को याद करके मुठ मारने लगा, रेशमा उह्ह्ह्ह रेशमा कहकर, लेकिन में गांजे के नशे में बिल्कुल भूल गया था कि मुझे बाथरूम का दरवाजा भी बंद करना था और मुझे जब उसे बंद करने के बारे में याद आया तो में दरवाजा बंद करने लगा।
फिर मैंने देखा कि वहां पर रेशमा मुझे छुपकर देख रही थी। जैसे ही उसने मुझे और मैंने उसे देखा तो वो तुरंत शरमाकर भागकर चली गई, क्योंकि में उसके सामने बिल्कुल नंगा था। फिर नहाने के बाद जब मुझे नशे का असर थोड़ा कम हो गया, तब मुझे एक बात सोचकर घबराहट और बैचेनी होने लगी कि में जब मुठ मारते वक़्त रेशमा रेशमा कह रहा था, तब उसने मुझे देख लिया था और अब वो मेरे घर से अपना काम छोड़ देगी तो मेरा उसको चोदने का सपना कभी पूरा नहीं होगा। फिर मैंने टावल पहना और वो तब किचन में जाकर मेरे लिए चाय बना रही थी।
किचन के सामने से गुजरते वक़्त मैंने उसे देखा तो वो किचन के फर्श पर अपनी गांड लगाकर मेरी तरफ़ देख रही थी, उसकी नज़र मुझ पर ऐसी थी कि जैसे वो मेरी रंडी हो। फिर में अपने रूम में चला गया, तब तक वो भी मेरे लिए चाय लेकर रूम में आ गई और फिर वो मुझसे बोली कि यह लो आकाश चाय, तो मैंने कहा कि सामने टेबल पर रख दो और तुम मेरा बेड साफ कर दो। अब वो मेरे कहते ही तुरंत मेरा बेड साफ करने लगी थी। में तैयार हो रहा था तो में कांच से उसको अपना बेड साफ करते वक़्त उसकी गांड, बूब्स को देख रहा था, अभी भी में टावल में खड़ा हुआ था और उसके सेक्सी गदराए बदन को देखकर मेरा लंड अब खड़ा हो चुका था, तभी अचानक मेरा टावल नीचे गिर गया और में पूरा नंगा हो गया।
तभी रेशमा ने मुझे देख लिया कि मेरा लंड तनकर खड़ा हुआ है, में थोड़ा घबरा गया और टावल को उठाने के लिए थोड़ा नीचे झुक गया। तभी उसने मस्ती में आकर मेरा टावल पकड़कर खींच लिया तो मैंने उससे कहा कि यह सब क्या है रेशमा? प्लीज तुम मुझे मेरा टावल दे दो। फिर उसने मुझसे कहा कि तुम अभी तक बच्चे हो, इसीलिये मैंने आपका टावल खींचा और वो हंसते हुए शरमाकर चली गई। फिर मैंने फ़टाफट अपने कपड़े पहने और में भी तुरंत किचन के पास चला गया, वो किचन से बाहर खिड़की के पास खड़ी हुई थी। वो वहां पर खड़ी होकर चाय पी रही थी। फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके धीरे धीरे उसके पीछे चला गया और मैंने उसकी गांड को पीछे से कसकर पकड़ लिया।
फिर उसने पीछे मुड़कर देखा और में अब थोड़ा सा घबरा गया था। फिर उसने मुझसे पूछा कि आकाश तुम यह क्या कर रहे हो? लेकिन मैंने उससे कुछ नहीं कहा, में बस थोड़ा सा पीछे हो गया, जिसकी वजह से मेरा लंड अब उसकी गांड के पीछे था, लेकिन मुझे अभी तक याद नहीं था कि मेरा हाथ अभी भी उसकी गोरी गोरी कमर पर था। अब उसने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि आकाश फिर से करो ना और अब वो ज़ोर से हंसने लगी और अब में मन ही मन बहुत खुश हो गया और मुझे भी इस बात का पक्का विश्वास हो गया कि रेशमा भी मेरे साथ अपनी चुदाई के लिए तैयार है,
क्योंकि वो अब कुतिया की तरह अपनी गांड को थोड़ा ऊपर करके चाय पीने लगी। अब में ज़रा भी नहीं हिचकिचाया और मैंने एक बार फिर से जाकर उसकी कमर पर हाथ रखकर अपनी कमर को उसके कूल्हों से चिपका दिया और जैसे ही मैंने उसकी गांड पर अपनी जाँघ रखी तो वैसे ही मेरा लंड करीब दो सेकेंड में उसकी गरमी पाकर बड़ा होकर उसकी गांड को साड़ी के ऊपर से धक्के देने लगा और अब मैंने उससे कहा कि रेशमा में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, में तुम्हें बहुत प्यार करूंगा और तुम्हें बहुत अच्छी तरह से रखूंगा।
दोस्तों यह सब सिर्फ़ पांच सेकेंड के अंदर अंदर हुआ, लेकिन अब तक उसने मुझसे कुछ नहीं कहा। फिर वो उठी और अपना सर मोड़कर ठीक से खड़ी होकर अपनी जीभ मुझे दिखाकर आआहह आकाश कहने लगी और अब उसने अपने हाथ को पीछे करके मेरी गांड पर रख दिया था। में समझ गया कि उसको अब मुझसे क्या क्या चाहिए? तो में झट से उसके पीछे गया और रेशमा एकदम सीधा हो गई, उसके हाथ से अब चाय नीचे गिर गई और तभी उसने मुझे किस किया और कहा कि आज तुम्हारी माँ थोड़ा सा जल्दी से आनी वाली है और हम लोग बचा हुआ काम कल करते है, तुम अब मुझे छोड़ो ना, मुझे जाने दो, लेकिन मैंने उसकी बात को अनसुना कर दिया और अब उसे ज्यादा ज़ोर से जकड़ लिया था।
तभी वो अब मुझसे कहने लगी कि देखो बाहर कोई आ रहा है, लेकिन मैंने नहीं सुना और में अब उसकी गर्दन को चूमने लगा, वो मुझसे छूटने का बहुत प्रयास कर रही थी, लेकिन मैंने उसे बहुत ज़ोर से जकड़ रखा था। तभी सामने से अचानक मेरी मम्मी आकर खड़ी हो गई, उन्होंने हम दोनों को इस तरह देख लिया था और वो बस हमे देखती ही रह गई, मेरी तो पूरी गांड फट गई और मेरी पकड़ उसकी कमर से कमजोर होने लगी थी और उस बात का फायदा उठाकर रेशमा मुझसे छूटकर भागकर बाहर दूसरे कमरे में चली गई। दोस्तों मेरी माँ अब भी मुझे ही देख रही थी, मेरा चेहरा बहुत उतरा हुआ सा था और मुझे लगा कि मम्मी आज मुझे बहुत मारेगी, लेकिन दोस्तों ऐसा कुछ नहीं हुआ।
माँ ने मुझसे हर दिन की तरह बिल्कुल शांत आवाज़ में रोज की तरह बात की। दोस्तों में अब उनका इतना सब कुछ देखने के बाद भी मेरे लिए ऐसा बदला हुआ व्यहवार देखकर बहुत हैरान था और में अब बहुत गहरी सोच में डूबा हुआ था। तभी माँ ने मुझसे कहा कि अरे बोलते क्यों नहीं आज गये थे ना अपनी ट्यूशन के लिए? मैंने कहा कि हाँ वो उन्होंने मुझे कल बुलाया है, में इसलिए कुछ देर वहां पर रुककर चला आया। अब मुझे बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ कि माँ ने कुछ देर पहले रेशमा को मेरे साथ मेरी बाहों में देख लिया था, उस समय मेरा एक हाथ उसकी कमर से होता हुआ
उसकी भरी हुई छाती पर जा रहा था और मेरा मुहं उसकी गर्दन को चूम रहा था, लेकिन वो मुझसे अब तक कुछ भी नहीं बोली, मुझे लगा कि शायद उनको कुछ समझ नहीं आ रहा होगा और अब मैंने वो सब जो कुछ हुआ उसके बारे में सोचना बिल्कुल बंद कर दिया था। मुझे लगा कि माँ मेरी हर एक ज़रूरते पूरा करती है तो वो चाहती होंगी कि मेरी यह ज़रूरत भी पूरी हो जाए, शायद इसलिए वो मुझसे कुछ नहीं बोली होंगी? फिर कुछ घंटो बाद रात हो गई और हम लोग खाना खाने के बाद टी.वी. देखने लगे। में कुछ देर बाद उठकर अपनी छत पर जाकर गांजा पीकर फिर से नीचे आकर सो गया।
दोस्तों दूसरे दिन में सुबह बहुत देर से उठा करीब 12 बजे, तब तक माँ ऑफिस चली गई थी और मेरी दीदी कॉलेज जा रही थी। में अब बहुत बेसब्री से रेशमा का इंतजार कर करके उसके बारे में सोचकर दो बार मुठ मार चुका था, लेकिन तब तक भी रेशमा नहीं आई। फिर मैंने अपनी माँ को यह सब मालूम होने के बावजूद भी मैंने उनको कॉल करके रेशमा को हमारे घर पर बुलाने को कहा और माँ के कॉल करने के बाद रेशमा बहुत देर से आई
और में फिर से झटपट बाहर से जाकर गांजा पीकर आ गया। फिर मैंने धीरे से दरवाजा खोलकर बाहर से देखा कि रेशमा सबसे पहले मेरे कमरे में झाड़ू लगा रही थी और फिर मैंने यही अच्छा मौका मान कर तुरंत दरवाजा बंद करके अंदर जाकर झट से अपने कमरे का भी दरवाजा बंद कर दिया। फिर उसने मेरी तरफ थोड़ा घबराकर देखा और फिर मेरे पास आ गई। फिर उसने मुझसे कहा कि दरवाजा खोलो, मुझे इस चक्कर में आकर मेरी नौकरी नहीं गंवानी, हम लोग बहुत ग़रीब है और हमे काम की बहुत ज़रूरत है, कल तुम्हारी माँ ने मुझे एक बार माफ़ किया है, यही उनकी रहम दिली है नहीं तो दूसरों के घर पर होती तो उन्होंने मुझे बहुत धक्के मारकर बाहर निकाल दिया होता।
फिर मैंने उसका एक हाथ पकड़ा और उसको यह झूठ बोला है कि माँ ने जब मुझसे पूछा कि में तुम्हारे साथ यह सब क्या कर रहा था। तब मैंने उनसे कहा कि रेशमा की गर्दन पर एक कीड़ा बैठा हुआ था और वो चिल्ला रही थी तो मैंने उस कीड़े को उससे दूर करने में उसकी मदद की थी और बस माँ मेरे मुहं से यह बात सुनकर मुझसे कुछ नहीं बोली और वो बोली कि अच्छा ठीक है। अब तुम बिल्कुल भी मत डरो। फिर मैंने उसे बेड पर बैठा दिया,
मुझे अब गांजे का थोड़ा थोड़ा नशा चड़ गया था और मेरा लंड एकदम टाईट हो गया था, उसने मुझे किस किया और में अब उसकी गांड को दबाने लगा। फिर उसकी चोली का हुक खोल दिया और अब में उसके बूब्स के निप्पल को चूसने लगा, रेशमा के मुहं से अह्हह माँ स्स्स्साईईईई निकल गया, में उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और वो मेरी पेंट का बेल्ट खोल रही थी, उसने फिर मेरी शर्ट को उतार दिया और पेंट को निकाल दिया और मैंने उसे फिर से हग किया।
फिर उसने मुझसे कहा कि मेरी गांड पर अपना लंड लगाओ, उसकी चोली नहीं थी, लेकिन उसके नीचे साड़ी थी और में उसकी साड़ी नीचे लेने लगा तो उसने कहा कि मुझे साड़ी में ही चोदो। वो अब डॉगी स्टाईल में बैठ गई थी और अपनी गांड को आगे पीछे आगे पीछे कुत्तो की तरह हरकत करने लगी, उसके मुहं से नशीली आवाज़ निकल रही थी, आकाश आह्ह्हह्ह सस्साआहा उफ्फ्फ्फ़ चोदो ना।
अब मैंने उसके पीछे जाकर अपना लंड हाथ में पकड़कर उसकी साड़ी में घुसा दिया। मेरा लंड साड़ी के साथ ही उसके दोनों गुब्बारों के अंदर चला गया। फिर मैंने उससे कहा कि ओह वाह रेशमा तुम्हें कितना कुछ पता है? तब उसने मुझसे कहा कि पगले में भी कुछ सालों पहले एक कॉलेज स्टूडेंट थी और मेरी शादी मेरी मर्जी से हुई थी। मेरा पति मुझे हर रोज नये नये तरीकों से चोदता था और मैंने उसके साथ सेक्स के बहुत मज़े किए, लेकिन अब पूरे 9 साल हो गये है मुझे किसी ने नहीं चोदा, अब तुम्ही मेरे पति की तरह मुझे हर बार चोदना और मेरी प्यासी चूत को अपने लंड से हर बार शांत करना।
फिर मैंने उससे कहा कि रेशमा मुझे माफ़ करना, लेकिन मुझे तुम्हारी गांड बहुत अच्छी महसूस हो रही है और में तुम्हारा पति हूँ, लेकिन सिर्फ़ तुम्हें ऐसे कैसे छोड़ सकता हूँ? अब मैंने उसकी साड़ी को नीचे खींचकर देखा तो उसकी चूत पर एक भी छोटा सा बाल नहीं था। उसकी चूत दिखने में एकदम 13 साल की बच्ची की तरह थी। फिर वो बोली कि हाँ देखो आकाश पिछले 9 साल हो गये है, अभी तक मेरी चूत में किसी का भी लंड अंदर नहीं गया, मुझे किसी ने नहीं चोदा।
मैंने अपनी चूत के आज तक कभी ऊँगली भी नहीं की, लेकिन तुम मुझे बहुत पसंद आए हो, इसलिए मैंने अपनी चूत को तुम्हारे हवाले कर दिया है, तू जैसे चाहो जब चाहो मुझे चोद सकते हो, में तुम्हें कभी भी मना नहीं करूंगी। दोस्तों में उसकी चूत को देखकर एकदम पागल हुआ जा रहा था और अब में उसकी चूत को ऊपर से चाटने लगा, तभी उसने कहा कि हाँ चाट मेरे राजा उफफ्फ्फ्फ़ हाँ आईईईइ आज तुम मुझे पूरा खा जाओ आह्ह्ह्ह पूरा अंदर तक अपनी जीभ को डालकर चाटो स्सीईईईई। दोस्तों उसका इतना जोश देखकर में और भी जोश में आ गया, वो अब अपनी चूत को उठा उठाकर मुझसे चटवा रही थी।
फिर कुछ देर चूत को चाटने के बाद मैंने उसको अपना लंड उसके मुहं में लेने के लिए कहा, उसने मुझे धक्का देकर बेड पर नीचे गिरा दिया और वो अब मेरे ऊपर लेटते हुए मुझे किस करके मेरी गर्दन को चाटने, पेट को चूमते हुए नीचे आती हुई फिर लंड के ऊपर उसने हल्का सा चुम्मा लेते हुए जीभ लगाई और फिर मेरी तरफ आखों में आखें डालकर ऐसे हंसने लगी जैसे उसे आज अपनी जिंदगी की सारी खुशियाँ मिल गई हो, उसने लंड पर फिर से अपनी जीभ को लगाकर गोल गोल घुमाकर मुहं में ले लिया और बहुत मज़े से मेरे लंड को चूसने लगी।
फिर उसके कुछ देर चूसने के बाद में उसके मुहं में झड़ गया और उसने मेरा पूरा वीर्य पी लिया और में उसके बूब्स को सहला रहा था, धीरे धीरे निप्पल को निचोड़ रहा था और हम दोनों बहुत देर तक ऐसे ही लेटे रहे। दोस्तों उसके कुछ देर बाद वो उठकर खड़ी हुई और अपने कपड़े ठीक करने लगी, तब तक मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए थे और कुछ देर बाद वो मुझे एक लंबा सा किस देकर चली और में उसके बारे में सोचता रहा और ना जाने कब सो गया, मुझे पता ही नहीं चला।
दोस्तों अब रेशमा के साथ सेक्स की शुरुआत करके मुझे दो दिन हो गये थे और अब रेशमा हमारे परिवार का हिस्सा बन गयी थी और वो मेरे साथ बहुत खुश थी। में हर कभी मौका देखकर उसके बूब्स को दबाने और चूत को मसलने लगा था, लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं कहती। दोस्तों तीसरे दिन की शाम को करीब 7 बजे में फुटबॉल खेलकर अपने घर पर आ गया, मेरी टी-शर्ट, शॉर्ट्स, जूते, मोजे सब कुछ गंदे हो गये थे, क्योंकि हम लोग बाहर बारिश में खेल रहे थे और उस समय बाहर बहुत ज़ोर से बारिश हो रही थी, जिसकी वजह से में पूरा भीग गया था, मेरे पूरे शरीर पर कीचड़ लगा हुआ था।
खेल खत्म होने के बाद हम सब दोस्त सिगरेट और चाय पीने पास में लगी एक चाय की टपरी में चले गये। हम लोग बारिश में भीगकर ही चाय और सिगरेट पी रहे थे और तभी अचानक से मुझे मेरी माँ का फ़ोन आ गया। उन्होंने मुझसे कहा कि तुम जल्दी से घर आ जाओ और फिर मैंने अपनी माँ को ठीक है में अभी आता हूँ बोल दिया। मेरे दोस्तों को मुझ पर शक हुआ और मेरे एक दोस्त ने मुझसे पूछा कि क्या यार आकाश आज कल घर जाने के लिए तू बड़ा बैचेन रहता है, क्यों कुछ तो बात है? क्योंकि घर का नाम सुनते ही आज कल तू बड़ा खुश हो जाता है? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं यार ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा तुम सोच रहे हो और अब सब दोस्त बार बार मुझसे पूछने लगे और मेरी शर्म देखकर वो सब मेरे ऊपर हंसने लगे और कहने लगे कि आज कुछ तो बात है। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं यार और में सब दोस्तों को बाय कहकर में अपनी साईकिल को लेकर उधर से चुपचाप निकल लिया और अपने घर पर पहुंचा। में आज बहुत भीगा हुआ था तो माँ ने मुझे बालकनी से देखा लिया था और मुझे उनके चेहरे पर गुस्सा साफ साफ दिखाई दे रहा था। फिर मैंने बंगले का गेट खोला और अपनी साईकिल को खड़ा कर दिया, बेल को बजाया और मुझे घर के अंदर से खाने की बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी। फिर दरवाजा खुल गया और अब मेरे सामने रेशमा खड़ी थी। दोस्तों रेशमा आज भी बहुत सेक्सी दिख रही थी। उसने नाक में नथ पहनी हुई थी और बालों में गजरा लगाया हुआ था, होंठो पर हल्की सी लिपस्टिक लगाई हुई थी और बालों को बहुत अच्छे से पीछे गोल गोल करके बाँध दिए थे।
उसका वो सफेद कलर का ब्लाउज भी थोड़ा छोटा था, उसकी साड़ी गहरे काले कलर की थी और उसने अपनी साड़ी को हर दिन की तरह अपने घुटनों के ऊपर धोती जैसी ही पहनी हुई थी। उसने मस्त आई ब्रो किया हुआ था और उन बड़ी बड़ी नशीली आखों पर हल्का सा काजल भी लगाया हुआ था, जिसमें हर कोई डूबकर मरने को तैयार था। दोस्तों उसने वो ब्लाउज बहुत कसा हुआ पहना था, जिसकी वजह से सफेद कलर के ब्लाउज पर वो काली कलर की साड़ी बहुत आकर्षित दिख रही थी। फिर में उसे देखकर मन ही मन बोला कि वाह क्या हॉट, सेक्सी औरत दिख रही है?
फिर में कुछ देर बाद अपने होश में आ गया और मैंने देखा कि रेशमा के बिल्कुल पीछे मेरी माँ खड़ी हुई थी। अब रेशमा ने अपने नाज़ुक होंठो को अपने दांतों में दबाकर अपनी नशीली आखों को पीछे घुमाकर मुझे पीछे देखने का इशारा किया। फिर माँ मुझसे बोली ओह आकाश मैंने तुम्हें बोला था कि कम्पनी की एक जरूरी मीटिंग की वजह से में आज दिल्ली जा रही हूँ। फिर तुमने आज घर पर आने में इतना लेट क्यों कर दिया? तो मैंने उनसे कहा कि गलती हो गई आप मुझे माफ़ कर दो और मैंने दरवाजे से रेशमा को हल्का सा धक्का देकर अंदर चला गया और अपने जूते खोलने लगा।
तभी माँ ने मुझसे कहा कि में अभी अपनी फ्लाईट के लिए निकल रही हूँ और रेशमा तुम्हारे लिए खाना बना देगी, मुझे लगा था कि तुम जल्दी से आओगे तो हम होटल में जाकर खाना खा लेंगे, लेकिन तुम्हारी वजह से आज रात का खाना भी रेशमा को बनाना पढ़ रहा है और अब उसे भी तो अपने घर पर जाना है, उसे आज तुम्हारी वजह से बहुत देरी हो जाएगी।
दोस्तों जब माँ मुझे डांट रही थी, तब मेरे मन में कुछ और ही चल रहा था, क्योंकि उस दिन के बाद से दो दिन हो गये है मुझे रेशमा के साथ सेक्स किये। मैंने अब तक उसे सिर्फ छुआ ही है चोदा नहीं था। अब में मन ही मन आज की रात सेक्स की कल्पना कर रहा था और चुदाई का प्लान बना रहा था, तभी माँ ने मुझे छूकर हिलाया और मुझसे पूछा कि तुम्हारा ध्यान किधर है? अब में अपने सपने से उठ गया और बोला कि हाँ आप बोलो ना माँ? और वो कहने लगी कि में अभी जा रही हूँ नहा धोकर खाना खा लेना, क्योंकि तुम्हारी दीदी को आज घर पर आने में बहुत वक़्त लगेगा, इसलिए तुम खाना खा लो, में अब चलती हूँ बाय। दोस्तों मुझसे यह बात कहकर माँ ने अपना बेग उठाया और वो अपनी गाड़ी में बैठकर चली गई और फिर जैसे ही मेरी माँ गई तो मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। मैंने तुरंत दरवाजा लगा दिया और उस समय रेशमा किचन से मुझे देखकर हंस रही थी, में अब उसकी तरफ़ चला गया और उसको अपनी बाहों में लेने ही वाला था कि तभी वो चिल्ला उठी। फिर मैंने डरते हुए उससे पूछा कि क्या हुआ रेशमा?
फिर रेशमा मेरी तरफ हल्का सा मुस्कुराते हुए बोली कि सबसे पहले नहाकर आओ पागल देखो तुम्हारी क्या हालत हो रही है। दोस्तों मुझसे यह बात कहकर उसने मेरी शर्ट की कॉलर को पकड़कर उठाकर मेरे गाल पर एक किस किया, फुटबॉल खेलने और बारिश में भीगने के बाद मेरे पूरे शरीर पर बहुत सारी गीली मिट्टी लगी हुई थी तो में सीधा बाथरूम में चला गया, अपने कपड़े उतारे और मैंने बाथरूम का दरवाजा खुला ही छोड़ दिया। मैंने अब अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया, मेरा लंड पहले से ही तनकर खड़ा हो चुका था, मेरा लंड 8 इंच लंबा था, रेशमा नहीं आई और जैसा में चाहता था वैसे वो नहीं आई। मैंने उसे बहुत आवाज़ लगाई रेशमा मुझे टावल दो। फिर भी वो नहीं आई। अब में नहाकर बाहर आ गया।
मैंने टावल पहना हुआ उसके अंदर कुछ नहीं था, सिर्फ़ कमर पर टावल लगाया हुआ था। फिर में रेशमा को ढूँडने चला गया, वो किचन में थी। उसने मुझे देखा और किचन टेबल पर रखी चाय को अपने एक हाथ से उठाकर मुझे चाय पीने का ऐसा इशारा किया। फिर में उसके बिल्कुल पास गया और मैंने उसके जिस हाथ से चाय थी, उसके दूसरे हाथ के ऊपर अपना हाथ रखकर में उसकी आँखो में देखने लगा और वो भी अपनी आखें उठाकर मेरी आखों में देख रही थी, में बस रेशमा की आँखो में बिल्कुल खो सा गया और उसने मुझे हिलाते हुए चाय को मेरे मुहं के पास दी।
मैंने तुरंत वो चाय पीकर खत्म करके बेडरूम में चला गया, तब मैंने कपड़े नहीं पहने थे और अब भी में टावल में ही था। करीब आधा घंटा हो गया और फिर रेशमा खाना लेकर कमरे में आ गई, वो मेरे बेड पर बैठी उसने खाने को मेरे बेड पर रख दिया और फिर वो मुझसे बोली कि खा लो ना। फिर मैंने उसका एक हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचकर उसको बेड पर गिरा लिया और अब में उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए उसको किस करने लगा, थोड़ी देर किस करने के बाद रेशमा ने मुझे धीरे से धक्का दे दिया और वो मुझसे बोली कि पहले खा तो लो आकाश हम बाद में सब कुछ करेंगे ना, लेकिन में उसकी कहाँ सुनता, में फिर से शुरू हो गया और रेशमा के मुहं से नशीली आवाज़ निकाल रही थी, रेशमा ने फिर से मुझे धक्का दे दिया और अपने बूब्स को दबाते हुए बोली खाना तो खा लो।
फिर मैंने कहा कि ठीक है। मैंने खाना खाने के बाद ब्रश करके रूम में जाकर एक सिगरेट जलाई और एक हाथ में डिश लेकर किचन की और निकला, मेरे एक हाथ में जलती हुई सिगरेट थी और दूसरे हाथ में डिश में यह सब जानबूझ कर रहा था और अब में किचन में गया तो मैंने देखा कि रेशमा मेरे सामने अपने बूब्स दबा रही थी। में रेशमा की तरफ गया और किचन की टेबल पर उस डिश को रख दिया और सिगरेट का धुवा रेशमा के मुहं पर फेंक दिया।
तभी रेशमा ने मेरे हाथ से उस सिगरेट को ले लिया और टेबल के फर्श पर बुझा दिया। फिर रेशमा ने मुझे हग किया, लेकिन में कुछ नहीं कर रहा था। में सिर्फ़ खड़ा होकर उसके साथ मज़ा ले रहा था। अब रेशमा मुझे मेरी छाती पर अपना सर रखकर मुझे हग किया। दोस्तों उसने जब मुझे हग किया तब मेरा लंड उसके पेट को छू रहा था और उसके बूब्स मेरी छाती से पूरे दब गये थे और उसकी वजह से मेरे पूरे शरीर के अंदर बिजली दौड़ने लगी थी। मुझे मेरा खड़ा लंड परेशान कर रहा था और रेशमा को यह सब अहसास हो रहा था और रेशमा उसका मज़ा ले रही थी। फिर मैंने रेशमा को हग किया और उसकी पीठ को जकड़ लिया, रेशमा की पीठ की मसाज करने लगा और फिर हाथ को थोड़ा नीचे लेते हुए उसकी गांड को दबाने लगा।
अब मेरे मुहं से धीरे धीरे आवाज़ निकलने लगी, अआआहा आस्स्स्स् उफ्फ्फ्फ़ रेशमा तुम्हारी गांड कितनी सुंदर है, तुम्हारे लंबे काले बाल जब तुम्हारी इस गांड के ऊपर से लहराते है तो मुझे बहुत अच्छे लगते है, तुम अपने बाल खुले ही छोड़ा करो। फिर रेशमा थोड़ी पीछे हटी, मुझे सब लेना चाहते है, लेकिन में अब सिर्फ़ तुम्हारी हूँ और मैंने रेशमा की गांड पर चाटे मारते हुए कहा कि क्यों नहीं लेना चाहेगे? तुम्हें देखकर तो किसी को भी तुमसे सेक्स करने का मन होगा। फिर रेशमा हंसने लगी और मुझसे कहने लगी, तुम मुझे इतना पसंद करते हो? मैंने कहा कि क्यों नहीं करूं रेशमा मुझे तुम्हारी चूत चाटनी है, यह बात सुनकर रेशमा खड़ी की खड़ी ही रह गयी और उसकी आँख से आंसू आने लगे।
मैंने रेशमा को फिर से हग किया और वो रोने लगी। में उससे पूछने वाला था तभी उसने ही बता दिया कि मुझे 9 साल हो गये है, आज तक किसी ने नहीं चोदा, तुम आज मेरे साथ जो जो करना है वो वो करो और मेरी प्यास को बुझाओ। फिर मैंने रेशमा को किचन से दो स्ट्रॉबेरी लाने के लिए कहा, उसने फ्रिज से स्ट्रॉबेरी ली और मैंने रेशमा का एक हाथ पकड़ा और मेरी पेंट के ऊपर खड़े हुए लंड पर उसका हाथ रख दिया, उसने लंड को पकड़ा मुझे देखकर स्माईल की और मेरे लंड को खींचते हुए मुझे मेरे बेडरूम में ले गयी, स्ट्रॉबेरी बेड पर फेंकी और मुझे मेरे बाथरूम में ले गयी,
में अब मन ही मन सोच रहा था कि अब यह क्या कर रही है? उसने मेरी शर्ट को उतार दिया और मेरी पेंट का बेल्ट खोलते हुए मुझे किस किया, अब पेंट को भी उतार दिया और अब में सिर्फ़ अंडरवियर में ही था, मुझे पता नहीं चल रहा है था कि रेशमा क्या कर रही है कुछ भी नहीं समझ आ रहा था। मेरे लंड को अब सिर्फ़ उसकी चूत में जाना था और रेशमा बहुत रोमॅंटिक तरीके से मुझे चोदने में वक़्त लगा रही थी, लेकिन मुझे उसका यह तरीका बहुत पसंद आया।
अब रेशमा ने पानी शुरू कर दिया, उसने सफेद कलर की साड़ी और काले कलर का ब्लाउज पहना हुआ था, वो पूरी साड़ी पहने ही भीग गयी थी, उसके बूब्स भी भीग गए थे और उसके निपल्स ऊपर से साफ साफ दिखने लगे थे। फिर उसने फिर से मुझे किस करना शुरू किया, में अपनी जीभ उसकी जीभ पर घुमा रहा था और एक हाथ से उसके बूब्स को दबा रहा था और बहुत ज़ोर से कसकर मैंने उसके बूब्स पकड़े हुए थे, शायद उसको दर्द भी हो रहा था, लेकिन वो मज़ा ले रही थी, हमारे दोनों के ऊपर पानी गिर रहा था और नहाते हुए सेक्स करने का यह तरीका मुझे बहुत पसंद आया।
में उसकी जीभ पर गिरने वाला पानी पी रहा था और अब अपनी एक ऊँगली को उसकी चूत में डालकर धीरे धीरे हिला रहा था, जिसकी वजह से वो अब जोश में आकर सिसकियाँ लेने लगी थी। दोस्तों मेरे ऐसा करने के कुछ देर बाद वो झड़ गई, मुझे अपने हाथ पर उसका गरम पानी महसूस हुआ तो वो एकदम निढाल सी मेरी बाहों में थी और में लगातार उसे चोद रहा था। अब उसने कुछ देर बाद अपने एक हाथ से मेरा लंड झपट लिया और वो उसे धीरे धीरे हिलाने लगी और में उसके बूब्स को दबाने, निचोड़ने लगा। हम दोनों को इसमें बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन तभी थोड़ी देर बाद में भी उसके हाथ में झड़ गया और मेरा पूरा वीर्य उसके पेट से होता हुआ धीरे धीरे नीचे की तरफ बहने लगा। उसके बाद हम दोनों नहाकर बाहर आ गए और वो अपने कपड़े पहनकर मुझे बाय कहकर कल सुबह जल्दी आने की बात कहकर चली गई और में पूरी रात उसकी चूत, बूब्स को सोच सोचकर ना जाने कब पूरा नंगा ही अपने कमरे में जाकर सो गया ।।