पड़ोस वाली दीदी को जमकर ठोका | हिंदी सेक्स कहानियाँ

हेलो दोस्तों मेरा नाम समीर है, मेरे घर के बगल में एक फॅमिली रहती है उसमे अंकल, आंटी और उनकी एक बेटी रहती है. उनकी बेटी का नाम जूली है, वो ३ साल मुझसे बड़ी है, इसलिए मैं उसे दीदी कह कर बुलाता हूँ. मेरी दीदी के साथ अच्छी बनती है, हम काफी फ्रैंक है एक दूसरे से. हम एक दूसरे के साथ मजाक में गन्दी बात भी करते है.

जूली दीदी २८ साल की गदरायी माल है, बहुत ही खूबसूरत और हाइट ५’६” है. उनका फिगर तो बहुत ही सेक्सी है, ३८-३०-४०. तरबूज के सामान बड़ी बड़ी चूचियां और बहुत बड़ी भारी गांड दीदी की जवानी के दो बड़े हथियार है. जिनका वो भरपूर यूज़ करती है लड़को को पटाने में.

जूली दीदी थोड़ा चालू टाइप की लड़की है. अंकल आंटी उससे काफी परेशान रहते है. एक बार अंकल आंटी को कही बाहर जाना था, तो उन्होंने मुझे घर में रहने के लिए बुला लिया. उन्होंने किसीको घर में आने नहीं देना बोला और दीदी को भी कही नहीं जाने देनेको बोला. मैं उनके घर गया तो अंकल आंटी जा चुके थे, दीदी ने दरवाजा खोला. मैं दीदी की जवानी को देखता ही रह गया. दीदी ने टाइट कुरता और लेग्गिंग्स पहना हुआ था, कुर्ती का गला बड़ा होने के कारन मुझे उनका क्लीवेज पूरा दिख रहा था, बड़ी बड़ी चूचियां तन कर बाहर निकली हुई थी. मेरी नजरे उनकी चूचियों पर ही टिकी हुई थी.

दीदी: आओ भाई
मैं: और दीदी कैसी हो?
दीदी: मैं तो ठीक हो, तू बड़ा हैंडसम लग रहाहै
मैं: अरे दीदी आपके सामने तो कुछ भी नहीं, आप तो सुपर सेक्सी हो
दीदी: अच्छा इसलिए तेरी नजरे कही और टिकी हुई थी.
मैं: दीदी आपके आम है इतने बड़े बड़े की नजर टिक जाती है. उफ्फफ्फ्फ़ दीदी कसम से कितनी बड़ी चूचियां है आपकी
दीदी: अच्छा तुझे अच्छी लगती है. मुझे तो लगता है मैं मोटी हो रही हूँ.
मैं: नहीं दीदी, ये पहाड़ जैसी चूचियां आपके जवान बदन की शोभा है.
दीदी: सच में, और मेरी चुत्तड़ वो तो काफी बढ़ गयी है.
मैं: उफ्फ्फ्फ़ दीदी आपकी विशालकाय गांड देखकर तो लड़को का लण्ड खड़ा हो जाता.
दीदी: मेरा बॉयफ्रेंड भी यही बोलता है, सुन ना मैं अपने बॉयफ्रेंड को यहा बुला लू.
मैं: नहीं दीदी अंकल आंटी ने किया है
मैं: अरे यार फिर इतने दिन कैसे बिताऊँगी.

दीदी अपना गांड हिलाते हुए चली गयी, उनकी बड़ी गांड लेग्गिंग को फाड़ देगी ऐसा लग रहा था. थोड़ी देर बाद दीदी चाय लेकर आयी, और उसने मुझे दिया, चाय देते वक़्त दीदी इतना झुकी की पूरा चूचियों का मुझे दर्शन हो गया, मेरा लण्ड खड़ा हो गया था, मुझे लगा दीदी आज मुझसे ही चुदने का प्लान बना रही है. फिर दीदी मेरे पास ही बैठ गयी, वो ऐसे बैठी थी, की उनकी चूचियां ५०% से ज्यादा मुझे दिख रही थी. मैं उनकी अधनंगी चूचियों को ही घूर रहा था, |

दीदी: और भाई तेरी गर्लफ्रेंड है की नहीं?
मैं: नहीं दीदी
दीदी: गर्लफ्रेंड क्यू नहीं बनायीं भाई
मैं: अरे दीदी आपके जैसी सेक्सी माल मिली नहीं
मैं: अच्छा बच्चू
दीदी: हाँ दीदी, आप जैसी गर्लफ्रेंड हो तो मजा ही आ जाये, जिसकी तरबूज के सामान चूचियां हो, जिसको दबा दबाकर चूसने में मजा आएगा. और आपकी जैसी भारी गांड,
मैं: चल हट मेरे साथ ही फ़्लर्ट कर रहा है

फिर दीदी नहाने चली गयी, और मैं बेड पर लेटा हुआ था, दीदी नहाने के बाद एक छोटा सा टॉवल लपेटे हुई आयी. दीदी का गोरा बदन पूरा गिला था, टॉवल काफी छोटा था, आधी से ज्यादा चूचियां नंगी थी, और मुश्किल से गांड को ढकी हुई थी. मेरा लण्ड पूरा अकड़ रहा था. दीदी ने मुझे देखा पर वो बिलकुल भी नहीं शरमाई, मैं समझ गया, आज बॉयफ्रेंड के बदले मुझसे ही चुदेगी. फिर दीदी ने टॉवल उतर दी, अब वो बिलकुल नंगी थी मेरे सामने. उनकी चूचियां पहाड़ के जैसी तनी हुई थी, और इतनी बड़ी और गोरी गांड थी की लण्ड का काबू रखना मुश्किल था.

दीदी: ऐसा बदन चाहिए ना तुझे अपने गर्लफ्रेंड में
मैं: हाँ दीदी 
दीदी: तो देख क्या रहा है, आ बना ले मुझे अपनी गर्लफ्रेंड

मैंने दीदी को पकड़ा और किश करने लगा..

दीदी: बता भाई अपनी गर्लफ्रेंड के साथ क्या करेगा
मैं: दीदी मैं आपका भोसड़ा बना दूंगा और आपकी गांड फाड़ दूंगा

मैंने दीदी को बिस्तर पर फेंका और अपना लण्ड सीधा उनकी बूर में पेल दिया

दीदी: अह्ह्ह्हह्हह भाई.. धीरे
मैं: ये ले मेरी जान… ले अपने भाई का लौड़ा
दीदी: अह्हह्ह्ह्ह … बहुत मोटा लण्ड है भाई तेरा.. और चोद भाई मुझे
मैं: ओह्ह्ह्ह जूली माय रांड दीदी..आपकी बूर फाड़ दूंगा मैं
दीदी: फ़क मी भाई.. कितना बड़ा लण्ड है रे तेरा
मैं: अह्ह्ह्हह दीदी..आपको चोद कर मजा आ गया.
दीदी: और पेल भाई,,, बहनचोद जोर जोर से चोद मुझे..
मैं:ये ले रंडी साली.. अह्ह्ह्ह

मेरा लण्ड बहुत तेजी से जूली दीदी की बूर में अंदर बाहर हो रहा था, और दीदी की आहे निकल रही थी. पूरा रूम फच फच की आवाज से गूंज रहा था. ३० मिनट की चुदाई के बाद दीदी झड़ गयी, पर मेरा फिनिश नहीं हुआ.

मैं: दीदी अब मैं आपकी गांड मारूंगा
दीदी: नहीं भाई दर्द होगा
मैं: दीदी पुरे प्यार से चोदूँगा 

फिर दीदी मान गयी, अब दीदी डॉगी स्टाइल में आ गयी. इतनी बड़ी गांड थी साली की पूछो मत. मैंने अपना लण्ड धीरे से दीदी की गांड में घुसा दिया….

दीदी: उउउइइइइइ माँ .. मर गयी भाई
मैं: बस दीदी,, थोड़ा और

और मैंने लम्बा शॉट मारकर, लण्ड पूरा गांड में पेल दिया. अब मैंने दीदी की चुत्तड़ो को पकड़ पकड़ चोदने लगा..

दीदी: अह्ह्ह्हह भाई..
मैं: दीदी आज मैंने आपकी बूर और गांड दोनों फाड़ दी
दीदी: हाँ भाई, तूने तो दोनों साइड से बजा दिया मुझे …..अह्हह्ह्ह्ह .. उईईईईई

मैं दीदी की चूचियों को दबा दबा कर गांड मारने लगा..इतनी बड़ी चुत्तड़ देख कर मेरा जोश दुगुना हो गया था और मैं बड़ी तेजी से चोद रहा था…१ घंटा मैंने दीदी की खूब गांड मारी और झड़ गया. यह कहानी antarvasna पर पढ़ रहे थे |

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