हर कुत्ते का दिन आता है और मेरा भी आया – चौकीदार चुदाई कहानी !!

कंगन पुणे में एक सोसाइटी के चौकीदार थे। उनकी नजर वहा रहती एक औरत पर काफी समय से थी क्यों की उनके शरीर का हिलता डुलता माल देख कंगन का दिमाग गंदे खयालात से भर जाता। उनका कहना है की वो औरत 4 बच्चों की माँ थी जिस वजह से वो पूरा पका पकाया माल थी। अब अपनी से बड़ी उम्र की पैसे वाली औरत को कंगन ने कैसे फसाया ये तो उन्होंने अपनी कहानी हर कुत्ते का दिन आता है और मेरा भी आया में अच्छे से बताया है।  Hindi Sex Stories

मेरा नाम कंगन है और मैं पुणे में रहता हूँ। कम पड़ा लिखा होने की वजह से बस 23 साल की उम्र में मैं चौकीदारी का काम करने लगा। जब ये घटना घाटी मैं एक सोसाइटी की चौकीदारी करता था। 

वहा रहती एक आमिर और शरीर से भरी फूली औरत पर मेरी नजर थी। औरत का शरीर 4 बच्चे पैदा करने के बाद और भी ज्यादा नरम और कामुक हो गया था। 

उसके शरीर का हिलता डुलता माल देख मेरे दिमाग में गंदे ख्याल आने लगते और मेरा लिंग मोटा हो जाता। मैं बस उस औरत के साथ जबरदस्त सेक्स करना चाहता था। अगर आप मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी पूरी पढ़ेंगे तो आपको पता लगेगा की मेरी किस्मत कितनी अच्छी थी और उस औरत की चुत कितनी गीली। 

उस औरत का पति क्या काम करता था ये तो मुझे नहीं पता लेकिन कभी कभी तो घर ही नहीं आता था।

मेरा काम बस चौकीदारी का था मैं सोसाइटी के दरवाजे पर बैठा आने जाने वाले लोगो का नाम पता और फ़ोन नंबर लेता था और बस। तभी मेरा ध्यान एक लड़के पर गया। 

वो लड़का रोज दोपहर 12 बजे आता था और 3 से 4 बजे तक चला जाता था। उस लड़के को जब मैंने आते जाते देखना शुरू किया तो पता लगा की वो लड़का उस औरत के घर जाता है। 

जब मैंने थोड़ा और दिमाग लगाया तो पता लगा की उस औरत के बच्चे करीब 3 बजे तक घर आ जाते है। जब मैं उस लड़के के पीछे पीछे आंटी के घर में झाकने लगा तो मुझे पता लगा की वो उस जवान लड़के से अपनी गांड चुदवाती है। 

वो लड़का करीब 21 साल का था और आंटी 36 की थी। अब चुदाई देख मेरा भी लंड खड़ा हो गया। उस दिन तो मैंने उनको सेक्स करता देख मुठ मारली लेकिन मैंने ठान लिया था की आंटी का रस चाट कर ही रहुगा।   

जब वो लड़का सोसाइटी से बाहर जा रहा था तो मैंने उसे डरा धमका कर सुच उगलवा लिया। 

लड़का – दादा मैंने कुछ नहीं किया मुझे जो करने को बोला जाता है मैं वही करता हूँ। 

मैंने कहा – मतलब ?

लड़का – दादा जाने दो न !!

मैंने उस लड़के को एक चपड़ लगाया और वो मुर्गे की तरह बोलने लगा। 

लड़का – दादा वो औरत मुझे अपने साथ सेक्स करने के पैसे देती है !! उसे चुदाई का दिन रात मन करता है इसलिए वो मुझे हर दिन बुलाती है।

मैंने कहा – अच्छा ?? तो वो तुझे ही क्यों बुलाती है ?

लड़का – मैं एक प्लेबॉय कंपनी के लिए काम करता हूँ। पुणे की जितने भी आमिर लोग है वो यहाँ सेक्स के लिए लड़के और लड़किया बुक करते है। आपकी सोसाइटी की आंटी को जवान और पतले लड़के पसंद है इसलिए मैं रोज यहाँ आकर उनकी चुदाई करता हूँ। 

मैंने कहा – देख एक काम कर कल तू यहाँ नहीं आएगा और आंटी को चोदने मैं वहा जाउगा। 

लड़का – क्या ?? दादा नहीं दादा ऐसे तो गड़बड़ हो जायगी !!

मैने कहा – अबे चुप कर मेरी बात नहीं माना तो यहाँ सबको बता कर तेरी पिटाई करवा दुगा। कल जाकर किसी और के सामने नंगा नाच करियो।  

बस उसके बाद अगले जिन जैसे ही दोपहर के 12 बजे मैं बड़ी गांड वाली आंटी की चुदाई करने निकल पड़ा। 

आंटी – कंगन तुम ?? क्या हुआ कुछ काम है क्या ??

मैंने कहा – हाँ अपने ही तो बुलाया था !

आंटी – नहीं तो !!

मैंने कहा – वो लड़का जो रोज आता था उसकी आज तबियत खराब है इसलिए कंपनी ने मुझे आज के लिए यहाँ भेजा है। 

आंटी – क्या ?? तुम तुम ???

मैंने कहा – हाँ मैं भी ऐसा काम करता हूँ !!

आंटी – नहीं नहीं किसी नई तुम्ही यहाँ देख लिया तो पता नहीं क्या हो जाएगा तुम जाओ यहाँ से मैं किसी और को बुला लगी। 

इस से पहले आंटी मुझे घर से बाहर निकालती मैं अपनी पैंट की जिप खोल कर अपना लिंग बाहर लटकाया और उसे हिलाने लगा। 

मेरे सफ़ेद माल से भरे बड़े गोटे और जवान सुंदर लंड देख आंटी के मुँह से पानी टपकने लगा। उन्होने थूक गटक कर मेरी लिंग की तरफ देखा और कहा तुम्हारी उम्र क्या है ?

मैंने कहा – 23 क्यों ?

उम्र सुनते ही आंटी ने दरवाजे पर हाथ रखा और उसे बंद कर दिया। तभी मेरे दिल में लाडू फूटने लगे। आंटी ने मेरी छाती पर हाथ रखा और मुझे धका दे कर दिवार से चिपका कर खड़ा कर दिया। 

उसके बाद उन्होंने मेरा लिंग पकड़ और हिलना शुरू कर दिया साथ ही मेरी कमीज उतार कर मेरी छाती पर चूमने लगी। 

मैं मन ही मन सोचे लगा की ये पागल उस लड़के को सेक्स के लिए पैसे देती है आखिर ये काम तो कोई भी कर सकता है वो भी फ्री में। 

जब मेरा लंड पूरा तन गया और आंटी पीछे जा कर बिस्तर पर कामुक तरीके से बैठ गई और बोली चलो शुरू हो जाओ !!

मैंने कहा – मतलब ??

आंटी – नाचो ??

मैंने कहा – पर मुझे …….

आंटी – ओह अच्छा मैंने कोई गाना तो चलाया ही नहीं।  

आंटी ने कोई अश्लील गाना चला दिया और मुझे नाचने को कहा। अब मुझे कुछ करना तो आता नहीं था पर उन्हें मेरे सच का पता न लगे इसलिए मैं पूरा नंगा होकर नाचने लगा।

मुझे शर्म आ रही थी पर आंटी को पूरा मजा आ रहा था तो मैंने भी खुल कर नाचना शुरू कर दिया।

मैंने अपना लंड पकड़ा और उसे जोर जोर से हिला हिला कर दिखने लगा। तभी आंटी ने मेरा लिंग पकड़ लिया और मुझे पास खीच कर बिस्तर कर गिरा दिया। 

उसके बाद मुझे ऐसा लगने लगा जैसे वो मेरा लंड चूस चूस कर और लम्बा कर देगी। आंटी ने अपने थन ब्लाउज से निकाले और मेरे घुटनो पर रख कर मेरा लंड चूसने लगी। 

उस वक्त मैं आंटी के सुंदर चेहरे को अपना लंड चूसते हुए देखने लगा और मजे से AC की हवा में उनके नरम बिस्तर पर लेता रहा। 

आंटी – चलो अब करो न !!

मैंने कहा – क्या ?

आंटी ने सेक्सी मुँह बनाया और अपने हाथो से गंदा इशारा कर के कहने लगी मेरे पीछे डालो। 

अब मेरा आंटी की चुदाई करने का सपना पूरा होने वाला था पहले तो मैंने आंटी का ब्लाउज और ब्रा उतारी और उनके थन अपने हाथो से दबाने लगा। 

आंटी की चुचिया लम्बी, बड़ी और काली थी जिनमें से दूध टपक रहा था। अब चार बच्चों की माँ के थन दूधिया नहीं होंगे तो क्या फायदा। 

मैंने उन्हें हवसी और जोरदार तरीके से दबाना चूसने शुरू कर दिया और आंटी के स्तनों से भी तेज दूध की धारा निकलने लगी। 

तभी आंटी ने अपनी चुचिया हाथो से छुपाई और कहा बस बस क्या कर रहे हो मैं अपने बच्चों को क्या दूगी ?

अब आंटी ने स्तन चूसने से मना कर दिया तो मैंने उन्हें बिस्तर पर लेटाया और उनका पेटीकोट उठा कर योनी गीली करने लगा। मैंने अपना हाथ उनकी कच्छी में घुसा रखा था और उनकी झाटो से भरी चुत में ऊँगली कर रहा था। 

मुझे ये काम पहली बार करने को मिला था इसलिए काफी अजीब लग रहा था। आंटी की योनी नरम, गीली और अंदर से काफी गर्म थी। 

उनकी योनी में ऊँगली डालते ही मेरा लंड लाल हो गया और नसों में दर्द होने लगी। तभी में समज गया की अब मेरा लंड क्या मांग रहा है। 

मैंने जल्दी से आंटी की कच्छी उतारी और अपने लिंड कर थूक कर उसे हिलाने लगा। उस दौरान आंटी अपनी योनी में ऊँगली करते हुए मेरी आँखों में देख रही थी और मैं अपना लंड हिला कर उनकी आँखों में देख रहा था। 

फिर जब लंड चिकना हुआ तो मैंने उनकी योनी को चोदना शुरू कर दिया। 

मोटी जंघे के बीच गर्म चुत में लंड देकर मैं आंटी के स्तन आगे पीछे हिलाने लगा। चुदाई कर कर के मुझे मजा आने लगा। 

अचानक आंटी की चीखे निकलने लगी और उन्हें नशा सा होने लगा। उसी वक्त मैं आगे बढ़ा और उनके होठो पर चुम चुम कर अपनी मर्दाना छाती से उनके स्तनों को दबाने लगा। 

आंटी के दूध से मेरी छाती भी गीली होने लगी। मैं कभी उनकी चुत में लंड घुसता तो कभी गांड में। मैं बस आंटी की आँखों में देख उनकी चुदाई करे जा रहा था। 

हर एक धके के बाद आंटी की चुत और गीली हो जाती और आंटी की आंखे और नशीली। 

मैं बीच बीच में रुक कर आंटी के शरीर को चाटता तो कभी चूमता। मैं उसके शरीर का हर तरह से फायदा उठाना चाहता था। 

मैंने उनके खूबसूरत और कामुक सेक्स शरीर को सहलाया, दबाया, हिलाया, चाटा, चूमा और चोदा। आंटी का शरीर भरी था और उनकी गांड चुत का छेद भी बड़ा था जिसे छोड़ने में मुझे मजा आया। 

आंटी की योनी काफी गर्म और मुलायम थी जो मैं अपने लिंग पर महसूस कर रहा था। मेने जिंदगी में इतना कामुक मजा कभी नहीं लिया था। 

चार बच्चो की माँ के दूधो को चुस्त कर मुझे जो शक्ति प्रदान हुई उसी शक्ति से मैं अपनी कमर हिला हिला कर एक और बच्चा पैदा करने वाला था। 

अचानक आंटी के शरीर पर रोंगटे खड़े हो गये और वो अपनी जांघो को चिपका कर कापने लगी। औरत का शरीर ऐसी प्रतिक्रिया करेगा मुझे पता नहीं था। 

मैंने योनी को पास से देखा तो उसमे से सफ़ेद तरल निकल रहा था जिसे देख मेरा लंड भी पानी टपकने लगा। 

मैं आंटी गई चिपचिपी और मुलायम योनी को और चोदना चाहता था मैंने आंटी की जंघे पकड़ी और उन्हें जबरदस्ती खोल कर उनकी योनी चोदने लगा। 

आंटी – अबे बस कर तेरा काम हो गया अहह अह्ह्ह !!!

मैंने उनकी कोई बात नहीं सुनी और जबरदस्ती योनी की चुदाई करता रहा जब तक मेरा पानी न निकल गया। 

अंत में मैं आगे झुका और आंटी के मुलायम होठो को अपने होठो से चूसने लगा और अपना माल उनकी योनी में निकाल दिया। मैं उस वक्त किसी जंगली कुत्ते की तरह अपनी कमर हिला हिला कर आंटी की योनी को चोद रहा था। 

उस दिन चुदाई करने के बाद मुझे पता लगा की हर कुत्ते का दिन आता है और मेरा भी आया। 

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी आगे जो हुआ वो मैं न बताना ही ठीक समझता हूँ इसलिए अपनी चुदाई  खत्म करता हूँ। 

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