2 se बेहतर चार- 2

हस्बैंड एंड वाइफ सेक्स कहानी में पढ़ें कि पुरानी सहेलियाँ शादी के बाद मिली तो उन्होंने क्या गुल खिलाये. कॉलेज टाइम में दोनों ने पति बदलकर सेक्स का वादा किया था.

सेक्स कहानी के पहले भाग
2 se बेहतर चार- 1

में आपने पढ़ा कि एक विवाहित लड़की अपनी शादीशुदा सहेली के घर आई. वहां दोनों ने खूब लेस्बियन मस्ती की.
रात को उसका पति आया तो जीजू साली में खूब दोअर्थी बातें चली और वे आपस में काफी खुल गए थे.

डिनर पर भी मनीष और दोनों लड़कियों की छेड़खानी चलती रही और दीपा से मनीष के बीच की लिहाज़ भी खत्म हो गयी।

वापस घर लौटते समय गाड़ी में अब नॉन वेज जोक्स भी आ गए थे।

घर आते आते 10 बज गए।

अब आगे हस्बैंड एंड वाइफ सेक्स कहानी:

सोने की कोई जल्दी नहीं थी क्योंकि कल शनिवार था तो दो दिन की ऑफिस की छुट्टी थी।

मनीष शावर लेने चला गया।

दीपा ने शिखा से पूछा- मुझे कहाँ सोना है?
शिखा ने आँख मारकर कहा- हमारे साथ ही सो जा!
दीपा हंस पड़ी, बोली- वो सब मज़ाक की बात थी। मैं इधर ड्राइंग रूम में गद्दा लगा लेती हूँ। तेरा बेड भी छोटा है, तीन नहीं सो पाएंगे और आज मनीष भी तीन दिनों के बाद आया है तो तेरी चुदाई भी जबर्दस्त होने वाली है।

शिखा बोली- अच्छा नहीं लगेगा कि तू यहाँ सोये।
दीपा बोली- कोई बात नहीं, मैं इधर ही सोती हूँ, तुम दोनों जब निबट लो तो डोर अनलोक कर देना, मैं जब आँख खुलेगी तब आ जाऊँगी।

मनीष नहाकर आ गया था.
इस बीच में शिखा ने दीपा का बेड ड्राइंग रूम में लगा दिया.
दीपा नहाने चली गयी।

मनीष शिखा पर भुनभुनाया भी कि ऐसे अच्छा नहीं लगेगा.
पर शिखा ने उसको समझा दिया- आज हम मस्ती करेंगे तो आज इसे अलग रूम में सोने दो, कल इधर सुला लूँगी। और मेरे और दीपा के बीच बुरा मानने जैसी कोई चीज़ नहीं है।

दीपा ने नहाकर फ्रॉक डाल ली, वो बिल्कुल बार्बी डॉल लग रही थी।
रेड नेल पैंट, ग्लो करती स्किन और गुलाबी रंग की फ्रॉक।
लगता था उसने अंदर ब्रा पैंटी पहन रखी थी।

उसे देख शिखा बोली- थोड़ी हवा लगाया कर बदन को, इतना ढक कर मत रखा कर!
दीपा हंस कर बोली- मनीष की लिहाज में पहने हैं, अनिल तो कुछ भी नहीं पहनने देता।

अब दीपा ने मनीष से हंस कर कहा- जा बेटा मौज कर ले, क्या याद रखेगा! वरना तो मैं बीच में सोती।
मनीष कमीना नंबर वन था, बोला- अरे तुम क्यों बीच में सोती, बीच में तो मैं सोता। कभी इधर वाली से मस्ती करता, कभी उधर वाली से!

दीपा ने हँसते हुए सोफ़े का एक कुशन फेंक के उसे मारा और गुडनाइट बोल कर अपने बिस्तर में घुस गयी।

शिखा ने लाइट बंद कर दी और अपने रूम में चली गयी।

नहाकर वो सोने से पहले एक बार दीपा के पास आई तो दीपा मोबाइल पर अनिल से बात कर रही थी।
शिखा ने उसे हाथ हिला कर गुडनाइट बोला।
दीपा ने उसकी ड्रेस देखकर एक अश्लील सा इशारा किया।

शिखा ने एक शॉर्ट टॉप और स्कर्ट पहना था, जिसमें से उसके मम्मे साफ नजर आ रहे थे।

तब शिखा मुसकुराती हुई उसके पास आई और उसके कान में फुसफुसा कर बोली- मैं डोर लॉक नहीं कर रही हूँ, तू भी ब्लू फिल्म देख लेना.
कहकर उसने एक बार दीपा के होंठ चूम लिए.
दीपा ने उसके मम्मे दबा कर उसे बाय बोला।

शिखा गांड मटकाती चली गयी और अपना बेडरूम का डोर लॉक करने की आवाज आई।
वास्तव में उसने डोर लॉक नहीं किया था। बस दरवाजा भिड़ाया था।

रूम में उसने लाइट बंद कर दी, बस एक हल्की रोशनी का नाइट लैम्प खोल दिया।
बेड पर मनीष सिर्फ शॉर्ट्स में बैठा उसका इंतज़ार कर रहा था।

शिखा मुसकुराती हुई दोनों बाँहें फैला कर उसकी गोद में जा पहुंची।
मनीष ने कस कर उसे अपने से चिपटा लिया और उसके होंठों से अपने होंठ मिला दिये।

मनीष ने एक हाथ से उसके मम्मे इतने ज़ोर से दबाये कि शिखा के मुंह से आह निकाल गयी।
शिखा ने भी आवाज जानबूझकर निकाली ताकि बाहर दीपा को मालूम पड़ जाये कि दंगल शुरू हो गया।

आवाज बाहर दीपा के कान में पड़ भी गयी थी, पर वो अभी भी अनिल से फोन पर चूमा चाटी ही कर रही थी।
उसे अनिल का खाली भी तो कराना था।
असल में उसका और अनिल का ये वादा था कि रोज रात को फोन सेक्स करेंगे।

वैसे तो रोज वो विडियो कॉल करते थे बिल्कुल नंगे होकर … पर आज दीपा कपड़े उतारने का रिस्क नहीं ले रही थी और लाइट भी बंद कर दी थी तो विडियो कॉल नहीं की।

दीपा ने अनिल का खाली कराते ही उससे कहा- अब सो जाओ, मैं भी सोती हूँ।
अनिल को किस देकर दीपा ने फोन बंद किया।

दीपा ने सोचा अब तान कर सोया जाये क्योंकि थकान भी हो रही थी।
पर कान उसके शिखा के रूम से आती आहों पर लगे हुए थे।

रूम में शिखा मनीष के कपड़े उतार चुके थे और मनीष शिखा की टांगों को चौड़ा कर उसकी चूत को जीभ से चुभला रहा था।
आज उसे भी चूत तीन दिनों के बाद मिली थी और शिखा की चुदास भी चरमोत्कर्ष पर थी तो वो भी एक हाथ से अपने मम्मे मसल रही थी और चूत को मनीष के मुंह में धकेल रही थी।

अब मनीष ने एक हाथ से उसके मम्मों की भी मालिश शुरू की और जीभ को और तेजी से अंदर बाहर करना शुरू किया।

शिखा की आहें अब तेज हो गईं, वो तो चाह रही थी कि दीपा इन आवाजों से खिंची चली आए।
उसकी चोर निगाहें रूम के दरवाजे पर थीं, जहां अब उसे एक परछाई सी महसूस हो रही थी।

शिखा समझ गयी कि दीपा आ गयी है। शिखा ने अपनी टांगें और चौड़ा दीं और अपने हाथों से अपनी चूत की फाँकों को और खोल दिया।

बाहर दीपा की हालत खराब हो रही थी। उसने हल्का सा डोर खोल दिया था और उसे अंदर की कामलीला साफ दिखाई दे रही थी।

अब अंदर मनीष ने शिखा की टांगों को चौड़ा के अपना मूसल उसकी कसमसाती चूत में एक झटके से घुसेड़ दिया।
शिखा की चीख निकल गयी, बोली जरा धीरे से करो या दीपा को देख कर जोश आ गया है तुम्हें।
मनीष बोला- जानू, जोश लाने के लिए तो तुम्हारा बदन ही काफी है, पहले इसे तो ठंडा कर लूँ।

कह कर मनीष ने अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी।
अब दोनों के मुंह से अश्लील भाषा शुरू हो गयी।

शिखा बोली- हाँ मेरे राजा बड़ी तड़फ रही थी ये मुनिया तुमहार लंड के लिए तीन दिन से। आज इसकी सारी कसर निकाल दो … और ज़ोर से करो मेरे हीरो!
उधर मनीष बोला- आज तेरी चूत का बाजा बाजा दूँगा, सारी रात पेलूंगा। ले और ले और ज़ोर से ले, आज तीन दिनों की पूरी कसर निकाल दूँगा।

तभी शिखा ने ज़ोर लगा कर उसे नीचे किया और उसका लंड हाथ से थूक लगा कर मसलने लगी।
असल में वो चाहती थी कि दीपा मनीष का लंड नजर भरकर देख ले।

बाहर दीपा की चूत पानी छोड़ रही थी। दीपा ने अपनी उंगली अपनी चूत में घुसा रखी थी।
उसका मन तो कर रहा था की अंदर घुस जाये और मनीष का लंड पकड़ कर अपनी चूत में कर ले।
पर उसे लगा कि इतना उतावलापन ठीक नहीं!
क्या पता मनीष का पानी निकल जाने पर उसकी सोच भी बदल जाये और वो एक शरीफ पति बन जाये।

शिखा को मालूम था कि मनीष को लंड चुसाई बहुत पसंद है; पर इस समय उससे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो उसने मनीष के लंड पर ढ़ेर सारा थूक लगाया और बैठ गयी उसके ऊपर।

अब मनीष का लंड फिसल गया था उसकी चिकनी चूत में!
शिखा फुंफकारती हुई घुड़सवारी करने लगी मनीष के लंड के ऊपर!
नीचे से मनीष भी धक्के लगा रहा था.

बाहर दीपा से अब बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था तो वो वापस अपने बेड पर आ गयी और ज़ोर ज़ोर से उंगली करने लगी.
आखिर आग तो बुझनी नहीं थी न!

अंदर शिखा भी अब थक गयी थी और उसे लगा कि उसका होने वाला है। उसने आहें और ज़ोर से शुरू कर दीं।

मनीष भी हाँफ रहा था, कह रहा था- मजा आ गया मेरी जान … आज तो तूने पूरा लंड पेल लिया अंदर!
दोनों की वासनामयी आहें पूरे कमरे में या पूरे फ्लैट में गूंज रही थीं।

अचानक शिखा ज़ोर की आवाज करती हुई मनीष की छाती पर लुढ़क गयी.
नीचे से मनीष ने भी लावा छोड़ दिया उसकी चूत में!
दोनों निढाल होकर पड़ गए।

थोड़ी देर में मनीष उठा और वाशरूम से अपने लंड को धोकर आया.
वो शॉर्ट्स पहनना चाह रहा था पर शिखा ने मना कर दिया, बोली- ऐसे ही सो जाओ।

शिखा भी वाशरूम से अपने को साफ करके आई और टॉवल लपेट कर एक बार बाहर दीपा को झांक के आई।
उसे लगा दीपा गहरी नींद सो गयी है तो वो मुस्कुराती हुई रूम में आ गयी।
डोर उसे अभी भी लोक नहीं किया।

बेड पर आकर वो मनीष से चिपट गयी।
मनीष बोला- एक राउंड और करें?
तो शिखा बोली- सुबह उठ कर करेंगे, अभी थकान हो रही है, सो जाओ।

मनीष ने कहा- चलो तुम सो जाओ, मैं बाहर दीपा के पास सो जाता हूँ. एक बार उसे भी तो चख कर देख लूँ, बड़ी नमकीन साली है।
शिखा बोली- अभी वो सो रही है, कल चख लेना, अभी चुपचाप सो जाओ।

दोनों ने किस किया और सो गए।

उधर दीपा की आँखों से नींद कोसों दूर थी, उसे चुदास लगी थी। भला उंगली से कहीं चूत की आग ठंडी होती है।
उसने सुनने की कोशिश की तो उसे मनीष की बात सुनाई दी।

उसका मन किया की वो आवाज दे कि आ जाओ मनीष मेरी भी आग बुझा दो।
पर वो बस तड़पती रही और चुप रही।

थोड़ी देर में उसकी आँख लग गयी।

रात को तेज बारिश और बिजली कड़कने की आवाज से दीपा की आँख खुल गयी।
उसे बिजली कड़कने से बहुत डर लगता था।
हॉस्टल में भी जब भी ऐसा मौसम होता था तो दीपा शिखा से चिपट कर सोती थी।
दीपा की आँख खुल गयी बौर उसकी चूत भी मचल उठी।

अब उसने तय कर लिया की वो शिखा के रूम में जाएगी और शिखा से चिपक कर सोएगी।
उसने सोचा मनीष तो सो गया होगा। वो अंदर जाकर शिखा को बाहर ले आएगी और दोनों यहीं बाहर चिपट कर सोएँगी।

दीपा ने रात को उंगली करते समय अपनी ब्रा पेंटी उतार दी थीं। अब उसके शरीर पर केवल फ्रॉक थी।
उसने सोचा दो मिनट के लिए क्या ब्रा पहनूँ, बस अभी जाकर शिखा को बाहर ले आऊँगी और फिर शिखा तो बिना उसके मम्मे दबाये और चूसे उसे सोने देगी नहीं।

वो दबे पाँव शिखा के रूम में घुसी।
शिखा गहरी नींद सो रही थी।
दीपा ने उसकी चादर हटाई और घुस गयी उसके बगल में।

शिखा बिल्कुल नंगी थी।
दीपा सिहर गयी, अब वो क्या करे… उसने चादर और हटाई तो देखा मनीष भी नंगा ही है।

अब दीपा को घबराहट हुई, वो बाहर जाने के लिए बेड से उतारने लगी तो शिखा की आँख खुल गयी।
वो दीपा को देख और बिजली कड़कने की आवाज सुन कर समझ गयी कि दीपा डर कर आ गयी है, उसने दीपा को अपने से चिपटा लिया।

दीपा ने फुसफुसा कर कहा- ओ बेशर्म, तुम दोनों नंगे हो, मैं यहाँ नहीं लेटूंगी।
सुन कर शिखा बोली- तू भी नंगी हो जा … फिर आराम से सोएँगे।

दीपा ने उसे रोकना भी चाहा पर शिखा ने उसकी फ्रॉक उतार दी और उसके मम्मे चूसने लगी।

तब दीपा बोली- अब सो ज़ा … वरना मनीष उठ जाएगा।
शिखा बोली- तो क्या होगा, तीनों मिल कर कर लेंगे।
दीपा बोली- धत्त … ऐसा कुछ नहीं होगा। पर मनीष का है खूब बड़ा।

शिखा बोली- छू कर देखेगी?
कह कर उसने दीपा का हाथ अपने पेट के ऊपर से ले जाकर सीधे मनीष के लंड पर रख दिया।

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