मकान मालकिन की बेटियाँ | Mast chudai ki kahaniya

मेरे एक दोस्त ने मकान किराए पे दिलवाया था. मैं उस मकान मै करीब 2 साल से रह रहा था. तो मकान मालिक और उसकी बीवी बच्चे मेरे साथ काफ़ी घुल मिल गये थे. मकान मलिक की दो बेटियाँ थी और एक बीबी. बड़ी बेटी की उम्र करीब 22 साल की और छोटी बेटी की उम्र करीब 19 साल की थी. और मकान मालकिन की उम्र करीब 42 साल थी.

मैं उनकी लड़कियों से ज़्यादा बातचीत नही करता था. लेकिन वो दोनो मेरे साथ बातचीत करना ज़्यादा पसंद करती थी. कुछ दिनों के बाद बड़ी बेटी की शादी हो गयी और वो अपनी ससुराल में रहने लगी. करीब 2-3 साल गुजरने के बाद भी उसे कोई बच्चा नही हुआ था लेकिन थी बहुत सुंदर.

एक दिन की बात है की मै बाथरूम मै नहा रहा था. और मैने बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद नही किया हुआ था. मैं अपने लंड के उपरी हिस्से पे पानी डाल के साफ कर रहा था. तभी उसकी छोटी लड़की आई जिसका नाम किरण था. उसने अंजाने मैं दरवाजा खोल दिया और मेरे लंड को देख लिया. जो पानी डालते डालते खड़ा हो गया था.

मैने उसे देखा तो वो शरमाते हुए वहाँ से चली गयी. और मैं नहा कर बाहर आया तो वो नज़रे झुका कर इधर उधर जा रही थी. मैने उससे कुछ नहीं बोला और अपने कपड़े पहन के ऑफीस चला गया. शाम को अपनी ड्यूटी खत्म करके घर वापस आया और बेल बजाई तो दरवाजा उसी ने खोला. और मेरी तरफ मूहँ बना कर और जीभ निकाल कर चली गयी.

मै समझ नही पाया की क्या बात हो गयी है. दूसरे दिन मकान मालिक क़िसी काम से दिल्ली से बाहर गये. और मुझे कह गये की आप हमारे बच्चो को ध्यान रखना. मैं क़िसी काम से बाहर जा रहा हूँ. मैने कहा की ठीक है अंकल मैं ध्यान रखूँगा आप बेफ़िक्र जाइए.

रात हो चुकी थी मकान मालकिन ने कहा की राघव आज आप खाना हमारे यहीं पे खा लेना और उस दूसरे वाले बेडरूम मैं सो जाना क्योंकि अंकल नहीं है. रत को हमे डर सा लगेगा. मैने कहा ठीक है और शाम का खाना मैने वही खाया और दूसरे वाले बेडरूम मैं सो गया. और वो माँ बेटी अपने दूसरे रूम मै सो गये.

रात के करीब 2 बजे थे मै गहरी नींद मैं सोया हुआ था. तभी उसकी छोटी बेटी किरण आई और मेरे लंड पे हाथ रख दिया. और उसको धीरे धीरे से सहलाने लगी. मुझे कुछ एहसास हुआ की क्या हो रहा है. तभी मेरी आँख खुली तो मैने उसे अपने बेड पे बैठा पाया और वो मेरे लंड से खेलने लगी थी. मैने सोने का और नाटक किया. क्यों की मुझे तो मज़ा सा आ रहा था.

अब उसने मेरे अंडरवियर को नीचे की तरफ सरका दिया और पूरा का पूरा लंड अपने हाथ में ले लिया और मेरे 8 इंच का लंड पूरा तन कर खड़ा हो चुका था. और उसने उसको अब अपने मूहँ में ले लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी तभी मैं अपनी आँख खोल कर जाग गया. और कहा की किरण क्या कर रही हो तो उसने कहा राघव आप बहुत भोले हो. आओ और जिंदगी का मज़ा लेते हैं ऐसे ही सोते रहोगे. मैने कहाँ की आंटी की नींद खुल गयी तो क्या होगा. वो तो मुझे मार ही डालेंगी.

तभी उसने कहा की उसकी चिंता आप मत करो मैं सब देख लूँगी. अब जल्दी करो और अपने सारे कपड़े उतारो. तभी मैने अपने सारे कपड़े उतारे और उसकी चूचीयो को ज़ोर ज़ोर से दाबने लगा. उसकी चूचियाँ बड़ी मस्त थी मुझे मज़ा आ रहा था. और वो भी बड़े मज़े के साथ दबाने के लिए कह रही थी. की ज़ोर से दबाओ बड़ा मज़ा आ रहा है.

तभी मेने अपनी हाथ की एक फिंगर उसकी चूत में डाल दी और पूरी की पूरी घुसा दी. और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा उंगली से उसने कहा ज़ोर ज़ोर से चोदोना प्लीज मज़ा आ रहा है. अब वो पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. मैने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. और ज़ोर से धक्का मारा तो वो चिल्ला पड़ी. आ……..आ…..आः म……….ररर्र्रर…..र ग…………अअअ…………….ई बाहर निकालो.

मेंने कोई परवाह ना करते हुए और ज़ोर का धक्का फिर मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा गया. और वो चिल्लाई मार् दिया आआआआआआआः म…….ररर्र्र्र्र्र्र्रर……..र ग……..ईई………ई रे और उसकी चूत से खून निकलने लगा. मै तो घबरा गया और वो बेहोश सी हो गयी थी. मैने उसके मूहँ मै पानी डाला तो वो अब होश मै आ गई थी.

अब उसको मज़ा सा आने लगा था. और वो पूरे मज़े के साथ कहने लगी अब मज़ा आ रहा है. राघव ज़ोर से ज़ोर से चोदो मेरी चूत को फाड़ डालो इस को बड़ी प्यास है मेरे राजा अब जम कर चोदो मैने खूब ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और करीब 30-35 मिनट चुदाई करी और उसका पानी छूट गया और उसके करीब 5 मिनिट के बाद मेरा भी पानी उसकी चूत में छूट गया. जैसे ही मेरा पानी छूटा तो देखा की मकान मलिकिन मेरे पीछे खड़ी है. और हम दोनो को देख रही थी. मेरे तो होश ही उड़ गये थे. की आज तो शामत आ गयी.

लेकिन उसने कुछ नही कहा और घूर घूर के देखने लगी. और उसने कहा राघव आप तो बहुत ही छुपे रुस्तम हो आप इसी को चोदते रहोगे. क्या हमारी भी इच्च्छा पूर्ति करोगे मैने कहा आंटी ठीक है. आप भी आ जाओ कोई बात नही तभी किरण ने कपड़े पहने और अपने दूसरे रूम मैं चली गयी. और अब आंटी आई और उसने मेरे 8 इंच के लंड को सहलाना शुरू कर दिया.

मैने भी उनके बोब्स को पकडा तों मज़ा आ गया. बड़े बड़े बोब्स बहुत सुडोल तरीके के थे. और अपनी बेटियों से भी शानदार थी। आंटी मैं तो जन्नत मै ही पहुँच गया था. मुझे अपनी आँखों पे भरोसा नही हो रहा था. उसने मेरे लंड को खड़ा कर दिया सहला कर और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. और मैने अपने मूहँ मै चूचियों को ले लिया. और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा अब आंटी गरम हो चुकी थी.

वो आहह की आवाज़ निकाल रही थी. अब अब हम 69 की पोज़िशन मै आ गये और मैने उनकी चूत मै अपनी जीभ डाल दी और चाटने लगा. और वो मेरा खड़ा हुआ लंड ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी. अब आंटी पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. और कहा राघव अब सीधे हो जाओ और मेरे ऊपर आ जाओ मैं आंटी के ऊपर आ गया और आंटी की दोनो टाँगे फैला कर अपना 8 इंच का लंड घुसा दिया.

तभी आंटी तड़पने लगी। और कहा आ…………आआआआ……………. ह मर गयी रे फाड़ डालेगा क्या अब मैने एक और ज़ोर का धक्का लगा दिया और आंटी बड़ी ज़ोर से चिल्लाए मार दिया रे क्या कर रहा है. अब आंटी की चूत मै मेरे पूरा का पूरा लंड समा चुका था. अब आंटी को मज़ा आने लगा था और वो पूरा साथ दे रही थी. और उठ उठ कर ऊपर नीचे कर रही थी.

हे राघव चोदो ज़ोर ज़ोर से अपनी आंटी को फाड़ डाल इस अपनी आंटी की चूत को बड़े दीनो से प्यासी है. मेरी ये चूत तेरे अंकल तो अपना पानी झाड़ लेते हैं और मुझे प्यासी छोड़ देते हैं. मै ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और अब आंटी कुछ देर के बाद झड़ चुकी थी और शांत हो गयी. और करीब 5 मिनिट के बाद मैं भी झड़ गया उसके बाद हम बाथरूम मैं गये. और आंटी ने मेरा लंड साफ किया और फिर अपनी चूत को. तब से मैं अब आंटी और उसकी बेटी को साथ साथ चोदता हूँ. और वो मेरा लंड एक दूसरे की चूत मे लगाती है.

कुछ दिनों के बाद आंटी की बड़ी बेटी अपने ससुराल से आई तभी आंटी ने कहा की राघव इसके बच्चा नही होता है. तू ही कोशिश करके देख ले शायद इसी से कुछ फ़र्क पड़ा जाए. तभी मेने आंटी की बड़ी बेटी प्रिया को शाम को जम कर चोदा और अब मैं तीनो को जम कर चोदता हूँ. और मुझसे उसकी बड़ी बेटी को दो लड़के हो चुके है जो मेरी ही शक्ल पे गये है.

अब वो तीनों माँ बेटी खुश हैं और मुझे कभी भी ज़रूरत होती उन्हे चोदने की तभी मैं चोद लेता हूँ. कैसी लगी ये मेरी रियल स्टोरी प्लीज मुझे बतायें। और अपने कमेन्ट देना ना भूलें।

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