मैं एक शादी में गया हुआ था वहां मेरी मुलाकात मेरी बीवी की सहेली सुनीता से हुई। सुनीता दिखने में बहुत ही आकर्षक, सेक्सी, और एक सुंदर लड़की थी। उसके आगे मेरी बीवी तो चीनी कम पानी लग रही थी। सुनीता की बड़ी-बड़ी आंखें उसका सुंदर प्यारा सा चेहरा इतना ज्यादा आकर्षक और मनमोहक था।
मैंने सुनीता से हाथ मिलाया उसके नरम-नरम हाथों का स्पर्ष करते ही मेरा लंड तो खड़ा ही होने लग गया था। लेकिन मैंने अपने आप को काबू कर, सुनीता से बातचीत करने की कोशिश करी।
मेरी बीवी अपनी दूसरी सहेलियों से मिलने के लिए चली गई। और मैं सीधा सुनीता के पास पहुंच गया। हमारी बातचीत चालू हुई और सुनीता के ऊपर मैंने धीरे धीरे डोरे डालना भी चालू कर दिया। सुनीता एक सिंगल लड़की थी और साथ ही में खुले विचारों वाली भी थी।
हम दोनों की बात ही चल रही थी और सुनीता ने पूछा – और बताइए आप की शादी शुदा जिंदगी कैसी चल रही है?!
मैंने बोला – बस चल रही है, जैसे दूसरे बेचारे पति लोगों की चलती रहती है।
सुनीता ने हस्ते हुआ बोला [ हां! हां! मतलब आप अपनी शादीशुदा जिंदगी से खुश नहीं है..।
मैंने बोला – नहीं ऐसी बात नहीं है, परंतु ख्वाहिशें नाम की भी चीजें होती हैं।
सुनीता – आपकी कैसी ख्वाहिश है जरा हमें भी तो बताइए!!
मैंने बोला मेरी ख्वाहिश है कि मुझे तो आप जैसी औरत मिले और मैं उसके साथ रात दिन पलंग तोड़ सकूं और Desi Sex Stories जैसी कामुकता कर सकू।
सुनीता और मैं दोनों हंसने लग गए।
फिर हम दोनों की आंखें लड़ गई और सुनीता की बड़ी बड़ी सुंदर आंखें बस मेरी ही तरफ देखती रही, मेरे होठों को देखती रही।
मैं भी सुनीता के आँखों को देखता रहा, उसकी आंखों में खो गया, फिर हम दोनों बाथरूम के पास कोने वाली जगह में गए।
और हम दोनों में चुम्मा-चाटी चालू हो गई और मैं सुनीता के होंठ चूसने लगा सुनीता मेरे होंठ चूसने लगी।
हम दोनों में काफी देर तक चुम्मा चाटी चलती रही, मैं सुनीता की जबान चाट रहा था सुनीता मेरी जबान चूस रही थी।
सुनीता के सुंदर बड़े-बड़े स्तन में अपने हाथों से मसल रहा था। और फिर मैंने सुनीता की स्कर्ट उठाई और उसकी चूत में उंगली डाल दी।
सुनीता – आह! आह!!
मैंने सुनीता को घुमाया, अपनी पैंट की जेब खोलकर अपना लंड बाहर निकाला, और सुनीता की चूत में डाल दिया।
मैं अपनी बीवी की सहेली की चुदाई करने लगा और इसमें बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था.. पूरा वासना आनंद मिल रहा था।
सुनीता – क्या तुम अपनी बीवी को धोखा नहीं दे रहे हो, संजय?
मैंने बोला – बार-बार घर की दाल कौन खता रहे, कभी बिरयानी भी तो मिलनी चाहिए।
और मुझे तो यहां… पूरी की पूरी चिकन मसाला बिरयानी मिल रही है।
सुनीता हंसते हुए – ओह्ह!!!! संजय…..!
और मैं सुनीता को चोदता रहा उसके बड़े बड़े स्तनों को दबाता रहा उसे चूमता रहा।
और हमारी चुदाई वासना, यूं ही चलती रही जब तक कि मेरा झड़ नहीं गया।
मेरा माल झड़ने ही वाला था कि मेरी बीवी आ गई।
“उस वक़्त तो मेरी गांड फट गई थी”!!
वह मेरा नाम बार-बार पुकारे जा रही थी, संजय! संजय! कहा हो तुम…. पता नही खा चले गए?
लेकिन मेरी धर्मपत्नी मुझे ढूंढ ना सके, इसलिए मैं और सुनीता, लेडीज टॉयलेट में घुस गया।
लेडीज टॉयलेट में भी हमारी चुदाई नहीं रुकी और मैं अपनी biwi ki saheli ki chudai जबरदस्त करके से कर रहा था।
मैंने सुनीता को टॉयलेट सीट के ऊपर बैठा दिया और उसकी दोनों टांगों को खींचकर उसकी चूत में लंड घुसा दिया।
सुनीता – आ! आ! आ! आ! आह…. अम्म…..!
सुनीता बहुत जोर जोर से आवाजें निकाल रही थी तो मैंने उसके मुंह दाब दिया और उसकी जबरदस्त चुदाई करने लगा।
मैंने सुनीता को पूरा नंगा कर दिया टॉयलेट के अंदर ही और सुनीता को घोड़ी बनाकर चोदा था।
सुनीता की गांड मेरी बीवी की गांड से बड़ी और सुंदर थी। क्योंकि सुनीता एक मॉडल लड़की थी तो उसे फिट रहना आता था।
मेरी बीवी.. तो.. शादी से पहले अच्छी थी अब तो साली भांड हो गई है।
सुनीता – तुम तो मुझे पागलों की तरह चोदे जा रहे हो…. जैसे तुम ने पहली बार करा हुई है!!!
मैंने बोला – हां!! तुम्हारे साथ तो पहली बार ही कर रहा हूं!!!
सुनीता – क्या तुमको अपनी बीवी से संतुष्टि नहीं है?
मैंने बोला – वह शादी से पहले अच्छी थी, अब तो साली भांड हो गई है,
उसको देख कर तो अब चोदने का मन भी नहीं करता, तो मैं बस उसको मैं अपना लौड़ा ही चूसाता हूं।
सुनीता – क्यों तुम प्रिया (मेरी बीवी ) की चुदाई क्यों नहीं करते?!!
मैंने बोला – अरे! यार! एक ही चूत को चोद-चोद कर अब मजा चला गया है..!!!
इसलिए मैं उसके मुंह को चोदता हूं और अपना सारा गुस्सा उसके मुंह में झाड़ देता हूं।
क्योंकि वह मेरे ऊपर हर टाइम गुस्सा करती रहती है, कुछ ना कुछ बोलती ही रहेगी दूसरी पत्नियों की तरह।
सुनीता हंसते हुए – अच्छा! अच्छा! बाबा! ठीक है!!!
लेकिन मुझे चोद के तुम अपनी बीवी को धोखा दे रहे हो…. मेरे साथ आगे रिलेशनशिप कर पाओगे??
मैंने बोला – हां…!! बिल्कुल!! एक घरवाली रहेगी, एक बाहरवाली रहेगी।
और बस यही बातों ही बातों में सुनीता को चोदते-चोदते मेरा झड़ने वाला था फिर से।
मैंने अपना लंड, सुनीता की चूत से निकाला और सुनीता के बड़े बड़े स्तनों के बीच में रगड़ने लगा।
सुनीता भी अपना मुंह खोलकर मेरे लंड को चूस रही थी। अपने लंड को सुनीता के बड़े-बड़े स्तनो के बीच में रगड़ कर बहुत आनंद आ रहा था।
जितनी बार में अपना लौड़ा अंदर बाहर करता था उतनी बार मेरा लंड सुनीता के मुंह में घुसता था और फिर जैसे ही मेरा झड़ने वाला था मैंने अपना पूरा लंड सुनीता के मुंह में डाल दिया।
मेरा बड़ा लंड सुनीता के मुंह में गले तक चला गया था जिसे सुनीता बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी।
क्योकि उसे सांस नहीं आ रही थी, तो वह झटपटाने लगी और मेरे पैर पर हाथ मारने लगी।
परंतु मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला जब तक मैंने अपने टट्टू की बूंद बूंद सुनीता के मुंह में ना झाड़दी।
फिर जैसे ही मैंने अपना लंड बाहर निकाला सुनीता गहरी सांसें लेते हुए बोली – “अरे! बाप रे!! तुमने तो आज मार ही डाला था अपने लंड से”।
मैंने रुमाल निकालकर सुनीता का मुंह साफ़ किया और छोटी सी किस करके बोला – सॉरी बेबी.. माफ कर दो!!
सुनीता – कोई बात नहीं लगता है.. तुम्हारे साथ लंबा रिलेशनशिप करके मजा आएगा!!!
और हम दोनों एक दूसरों की आंखों में देख कर हंसने लगे।
और हम टॉयलेट से बाहर निकल आए तैयार होकर पहले की तरह और मैं अपनी बीवी की सहेली की चुदाई करके, अपनी बीवी के पास फिरसे चला गया।