मुझे तो कुछ होश ही नहीं था, नंगा पड़ा था, कोई आ भी जाता तो भी मुझमे हिम्मत नहीं थी के उठ के चड्डी पहन लेता!
पर गेट खोल के जब कमल बहार निकला तो same time पे लगा जैसे कोई अंदर आया है
रूम में चुपके से या शायद खुद कमल ही है अपना कुछ सामान भूल गया होगा, और गेट अंदर से बंद हो गया!
मैंने पूछा – “कौन? कमल? क्या हुआ?”
कोई जवाब नहीं आया तो मैंने कहा – “योगेंद्र? जरा कोई चादर-
आदर डाल दे भाई मेरे ऊपर! इतनी लड़कियां आई हुई है शादी में कोई अंदर आ जाए क्या भरोसा! लण्ड लटक रहा है साला खुल्ला!”
कुछ जवाब के बजाय मुझे एक सीटी की आवाज़ आई, जैसे लड़के लड़की को छेड़ने के लिए बजाते हैं!
और वो पास आने की बजाय जैसे कुछ ढूंढने लगा! मैंने कहा – “छक्का है क्या बे मादरचोद? सीटी क्या बजा रहा है? लण्ड चुसेगा क्या मेरा?”
और खीरा स्लाइस हटा के देखने की सोची तो उसने झट से मुझे रोका और चौड़ी सी टेप खीरा सहित मेरी आँखों पर पट्टी की तरह चिपका दी! मैंने हंस के कहा – “अच्छा कमल है! (gay ki sex kahani)
नहीं खोलुंग भाई आँखे बस! पर ये टेप क्यों चिपका रहा है?”
इतने में उसने फुर्ती करते हुए मेरे दोनों हाथ Barcalounger के पीछे कर के आपस में चिपका दिए टेप से!
अब मैं डरा लेकिन उठने के लिए पैर हिलाए पर उठ नहीं पाया तो उसने पैर भी barcalounger के नीचे ऐसे चिपका दिए के मैं कितनी ही कोशिश कर लूँ छूट नहीं सकता!
अब मैं सोचने लगा ये हो क्या रहा है, इतने में उसने बहोत लम्बी आवाजदार चैन की सांस खींच के दोनों हथेलियाँ मेरी जांघो पे राखी और नाक मेरे crotch पे!
नाक रगड़ के सूंघ लिया बुरी तरह से मेरा लण्ड!
और धीमे धीमे हंसके जीभ निकाल के चाटने लगा ! जैसे कोई कुत्ते का पिल्ला अपने ही private parts को चाटता है!
मैं ज़ोर से हंस दिया – “अबे! ऐसा भी क्या है?
या फिर ये कोई नयी थेरेपी है तेरी? तुझे लण्ड ही चाहिए न! कह तो दिया यार दे दूंगा!
बाँध तो मत मुझे कम से कम! बोला तो सही के अब नहीं खोलूंगा आँखे!”
लेकिन फिर एक स्पेशल deo की खुशबू से मैंने सोचा ये तो कमल की नहीं है
वो तो अभी अभी यहाँ से गया है उसने कोई deo लगाया ही नहीं था,
और उसकी हथेलियों का touch भी इतनी देर में मुझे familier हो गया था,
ये तो कोई और है! और ये खुशबू उस समय कमरे में जितने लड़के थे उन्ही में से किसी की है मुझे याद आया!
मतलब या तो मेरे दोस्त या मेरे भाइयो में से एक है! मैं सोचता रहा और उसने मेरा सोया हुआ लण्ड डायरेक्ट मुह में भर लिया !
मैंने कहा – “छोड़ यार कौन है आखिर? क्या कर रहा है ये?”
और सोचने लगा के योगेन्द्र और विनय तो हो ही नहीं सकते!
उनको कितनी बार मैं लड़के चोदने के लिए ले गया वो कभी नहीं चोदते,
हमेशा चूत के भक्त बने रहते हैं! वो तो gay हो ही नहीं सकते! कमल भी ये है नहीं, तो बचे मेरे भाई!
अब 4 तो छोटे छोटे हैं, बाकी 6 जवान होते गबरू भाइयो में से ये कौन है! टीनू?
मेरे सोचते सोचते उसने मेरा सोया हुआ मुलायम लण्ड दोनों हाथेलियो में ऐसे पकड़ा जैसे कोई नहीं उड़ सकने वाले चिड़िया के बच्चे को बहोत सावधानी से उठाता है
और उसकी पीठ पे हथेली गोल कर के प्यार से फेरता है!
लेकिन ये चिड़िया का बच्चा यहाँ dragon बनने पे उतावला होने लगा!
उसने उँगलियाँ मेरे गरम गरम smooth गोटों के नीचे डाल के गुद्गुदाई!
मेरे पैर चौड़े हो गए, कमर से अपने शरीर को आगे धक्का दिया और जांघे फैला ली!
फेंफड़ो से निकल कर गर्म सांस का बड़ा सा गोला नाक में से बहार आया “हं…म्म्म्म…” के साथ!
“कुशल! तू है क्या?” वो कुछ नहीं बोला! मैंने फिर बोला – “बोल न यार !
मैं हमेशा से जानता था तेरे मन में क्या है! मैंने तुझे कभी मना करा क्या भाई?
मुझे तो तू हमेशा से पसंद है! मैं भी तो तुझे प्यार करता हु! please खोल दे मुझे भाई! तुझे जो चाहिए दूंगा बस !”
उस पर कोई असर नहीं! वो तो मेरी जांघे खुलते ही अपने नाक से तेज़ साँसे छोड़ छोड़ कर चुदक्कड़ भूखी रण्डी की तरह मेरे लण्ड पर टूट पड़ा!
बैठे हुए लण्ड को मुह में लेके noodles खाने की स्टाइल में slurp कर के निगलते हुए अपने adam’s apple तक मेरे लण्ड का टोपा खींच के ले गया!
मुझे मेरा अध बैठा लण्ड vaccume cleaner के suction pump के अन्दर खींचता हुआ महसूस हुआ!
ये pressure ज्यादा सहन नहीं हुआ मुझसे और वो अधमरा चिड़िया का बच्चा धारदार चाक़ू के shape में आ कर उसके गले में दूसरा adam’s एप्पल बनाने लगा!
जैसे ही मेरा लवड़ा पूरा पूरा खुलने लगा उसका मुह थोडा थोडा पीछे हटने लगा!
मैंने कहा – “रुक रुक! पीछे मत हो यार please जाने दे पूरा अन्दर!
तू जो भी है ले ले यार, अब डर मत!”
उसने एक बार तो वापस मुह हटा लिया और पकड़ के शायद मेरा लण्ड देखने लगा!
उसका shape, size, look सब निहार के उसने अपने थूक में भरे मेरे लौड़े को कस के हथेली में ऊपर नीचे किया दो चार बार!
और मेरी कमर में दूसरा हाथ पीछे डाल के वापस ऐसे लण्ड अपने मुह में डाला के एक ही झटके में उसके होठ मेरी झांटो तक के area पे आ चिपके!
मेरे तो जैसे प्राण ही यमराज निकाल रहे हो वैसे झनझना गया!
और उसी तरह मेरी झांटो पे उसके ऊपर वाले होठ के अन्दर वाली स्किन चिपकाए चिपकाए,
नीचे वाले जबड़े को ऊपर नीचे करते हुए वो अपनी ठोड़ी से मेरे आण्डो को कुचलने पे तुल गया!
मेरे शरीर पे किसी बाल का कोई नामोनिशान नहीं था,
अभी अभी सारी स्किन प्लास्टिक की बन गई है तो मुझे easily उस touch से पता चल गया के ये कुशल नहीं है!
कुशल ने तो hunky beard स्टाइल राखी हुई है! और इसका मुह होठ नाक वाला area एकदम smooth है
मेरी झांटो वाले area जैसा ही! इस से तो 2 भाई और eliminate हो गए हैं!
अब मुझे पता चल गया है के ये जरूर पंकुल, टीनू, अर्पित, वासु, या आदि में से कोई है!
पंकुल तो मेरा सगा भाई है वो मुझसे डरता भी है, तो उसके होने के chances बहोत कम हैं!
मैंने गांड उठा के लवडे. को और अन्दर धकाते हुए कहा – “आ….आ….अ..ह….हां….हा…….!! टीनू……!!! टीनू है क्या?
तू ही है ना? बोला न बेटा! मैं तुझे बिलकुल नहीं डाटून्गा, मैं तो तेरा प्यारा भैया हु, और तू मेरा बच्चा है तू जानता तो है!
मुझे मंजूर है बेटा अपना ये रिश्ता! मैं खुद तुझे खूब चोदना चाहता था शुरू से ही!
तू डर मत बिलकुल भी, चल मुझे खोल दे बच्चे!
फिर तुझे खूब प्यार से चोदुंगा, रोज चोदुंगा!” उसे हवा में किस करते हुए कहा – “खोल दे बेटा देख लेने दे मुझे भी तेरी गांड!
मेरा लण्ड तेरा ही है बाबु! मुझे भी तो मजे लेने दे!”
अब आगे की कहानी पार्ट – 3 में!