रंडी गर्लफ्रेंड की अंतर्वासना पूरी

नमस्कार पाठक-पाठिकाओं.. और मेरी प्यासी भाभियों.. मैं आज अपनी पहली कहानी लिखने जा रहा हूँ जो मेरी सच्ची आपबीती है। यह बात आज मैं पहली बार किसी को बताने जा रहा हूँ। मैं जब स्कूल में था तो मैंने पहली बार हस्तमैथुन किया था..अब आप समझ सकते हैं कि मैं कब से ही सेक्स के प्रति आसक्त था।


अब मैं आप सबका ज्यादा समय ना लेते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ।जब मैं 12वीं में था.. तो कोचिंग की एक लड़की मुझसे प्यार करने लगी, उसने कहीं से मेरा नंबर पा लिया और मुझे कॉल किया।


मैंने पहली बार किसी अनजान लड़की से बात की थी.. मेरी खुशी का तो ठिकाना ही नहीं था। फिर कुछ दिन तक वो ऐसे ही मुझसे फ़ोन पर बात करती रही।कुछ दिन बाद मेरे जोर देने पर वो मुझसे मिलने को तैयार हुई।मैंने उससे मिलने के लिए एक पार्क में शाम को 6 बजे बुलाया.. वो टाइम पर आ गई।


मैंने उसे देखा तो बस देखता रह गया.. वो पिंक टॉप और ब्लू जीन्स में परी लग रही थी.. हाँ थोड़ा मोटी भी थी.. पर मुझे वो बहुत गदराया हुआ माल लग रही थी।मैंने थोड़ी देर की बातचीत के बाद उसे प्रपोज कर दिया और इस तरह हमारे प्यार की शुरूआत हो गई।


फिर मुझे पता चला कि उसका एक और भी ब्वॉयफ्रेंड है।मैंने ठान लिया था कि अब तो मैं इसे चोद कर ही छोड़ूँगा।मैंने किसी तरह उसे अपने कमरे में आने के लिए राजी किया।


दो दिन बाद वो मेरे कमरे पर आई.. उस दिन उसने काले रंग का सलवार सूट पहन रखा था बहुत ही जबरदस्त माल लग रही थी। वैसे भी मुझे उसको चोदना था.. मैंने उसे कॉफी बना कर दी।मैंने सोचा था कि आज अगर जबरदस्ती भी करनी पड़ी तो करूँगा..
लेकिन ये क्या..??वो तो ख़ुद चुदने का मन बना कर आई थी.. वो मेरे बालों पर हाथ फेर रही थी।मैंने मन में कहा- बेटा लोहा गर्म है.. मार दे हथौड़ा..


बस मैंने उसे अपनी बाँहों में जकड़ लिया और उसके होंठों को चूमने लगा.. धीरे-धीरे मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में भर लिया और चूसने लगा, कॉफी की मिठास मेरे गले में उतरने लगी थी।


मैंने धीरे से उसके गले और कान में चूमना और काटना शुरू कर दिया था, मेरी इस हरकत से वो काफी गर्म हो गई और उसकी गर्म साँसें मेरे गले में लगने लगी थीं।मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिता और उसका शर्ट उठा कर उसके पेट को चूमने लगा, एक मदमस्त भीनी सी महक आ रही थी।मैंने सलवार का नाड़ा हाथ में पकड़ा और एक झटके में खींच दिया।


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उसकी सलवार अब जमीन पर पड़ी हुई थी, मैंने उसके सारे कपड़े एक-एक करके उतार दिए, अब मैंने अपना पैंट उतार दिया।अभी मेरा लण्ड 5 इंच का था.. फिर मैंने उसे लण्ड मुँह में लेने को कहा।


वो बेमन से लण्ड चूसने लगी और देखते ही देखते मेरा लण्ड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया।अब मैंने उसे सीधा लिटाया और उसके दोनों पैर अपने कन्धे पर रख लिए। उसने मुझे लण्ड पर तेल लगाने को कहा क्योंकि उसकी सील अभी तक टूटी नहीं थी।लेकिन मैं तो उसे दर्द देना चाहता था.. सो मैंने सूखा लण्ड ही उसकी चूत में रगड़ना शुरू कर दिया।


उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया.. और धीरे से मेरे कान में कहा- प्लीज़ धीरे डालना.. और अगर मैं दर्द से चिल्लाऊँ तो मुझे छोड़ना नहीं..
मैं यह सुनकर जोश में आ गया और अपना लण्ड डालने लगा।उसकी कोमल और कुँवारी चूत में धीरे-धीरे 3 इंच डालने के बाद मैंने एक जोर का झटका लगाया और वो दर्द से तड़प उठी, उसकी चूत से खून रिसने लगा था।


मुझे उससे प्यार था.. उसके दर्द को देख कर ख़ुद पर गुस्सा आ गया.. मैंने लण्ड पेलना बंद कर दिया और उसे चूमने लगा।वो बोली- कया हुआ? रुक क्यों गये?मैं बोला- तुम्हें दर्द हो रहा है ना!वो बोली- तुम मुझे इतना प्यार करते हो?उसकी आँखों में आँसू आ गए, वो बोली- मुझे माफ कर दो.. मेरा एक और भी बॉय फ़्रेन्ड है… मैंने तुम्हें धोका दिया।


मैंने कहा- कोई बात नहीं.. मुझे तो पहले ही पता था कि तुम किसी दूसरे की गर्लफ़्रेन्ड हो ! लेकिन तुमने अब से पहले चुदाई क्यों नहीं की?वो बोली- मेरे दूसरे बॉयफ़्रेन्ड से कुछ हुआ ही नहीं, हमने कोशिश तो की थी पर वो अन्दर नहीं घुसा पाया। अपनी सील तुड़वाने के लिये तो मैंने तुमसे दोस्ती की।


मैंने कहा- मैंने कौन सा तुम्हें प्यार किया… मैं भी तो तेरी चूत के चक्कर में था… मैं ना तुमसे प्यार करता हूँ ना ही किसी और से..
मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो चुका था.. इस बार मैंने उसे देर तक चोदा, सब तूफान निकल जाने के बाद फिर मैं उसे उसके घर तक छोड़ कर आया।


दोस्तो, मेरी कहानी आपको कैसी लगी.. प्लीज़ मेल कीजिएगा।

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