ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे साथ मॉल में काम करने वाली लड़की से मेरी दोस्ती हुई. एक दिन उसकी जीन्स से बाहर निकली पैंटी दिखी मुझे! तो क्या हुआ?
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम मानव (बदला हुआ) है.
मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियां पढ़ी हैं. इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न अपनी आपबीती भी आप लोगों के साथ बाँटूं?
मैं पहली बार कोई कहानी लिखने जा रहा हूं. अगर कोई गलती हो जाये तो माफ करना.
ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपने बारे में कुछ और जानकारी देना चाहता हूं.
मैं अजमेर का रहने वाला हूं. यह स्टोरी मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में है. मैं एक मॉल में काम करता था और वह भी उसी मॉल में काम करती थी. दोनों एक ही स्टोर पर थे.
उसका नाम रुबीना (बदला हुआ) था. साथ काम करते करते कब दोस्त बन गये पता नहीं चला.
एक दिन उसके फोन में कुछ खराबी आ गयी. उसने मुझसे ठीक करने के लिए पूछा.
मैंने उसकी मदद की.
इस तरह से जल्दी ही हम दोनों के नम्बर एक्सचेंज हो गये.
अब उससे फोन पर भी बात होने लगी. शुरू में तो ज्यादा बात नहीं होती थी लेकिन फिर धीरे धीरे उसके साथ देर तक बात होने लगी.
ऐसे ही होते होते मैं उसको पसंद करने लगा. वो भी मुझे पसंद करती थी लेकिन कुछ खुलकर नहीं बोलती थी.
जब भी मैं उससे प्यार की बात करता था तो वो बात को बदल देती थी.
एक दिन की बात है कि हम दोनों काउंटर पर बैठे हुए थे.
वो भी साथ वाली चेयर पर ही बैठी थी. उसने एक काली जीन्स, जो उसकी टांगों में बुरी तरह से फंसी हुई थी, पहन रखी थी. ऊपर उसने लाल रंग का टॉप डाला हुआ था.
दरअसल हमारे स्टोर का ड्रेस कलर कोड यही था. मैंने भी लाल शर्ट और काली फॉर्मल पैंट पहनी हुई थी.
अचानक से मेरा पेन नीचे गिर गया जो रुबीना की चेयर के पीछे जाकर गिरा.
मैं उसको उठाने के लिए उसकी चेयर के पीछे की ओर गया तो मेरी नजर उसकी कमर पर गयी. वो अपनी कोहनियों को काउंटर पर टिकाकर आगे झुक कर बैठी थी. इससे उसकी टीशर्ट पीछे से उठ गयी थी.
मुझे रुबीना की लाल पैंटी दिख रही थी.
उसकी गोरी कमर पर वो लाल पैंटी देखकर मेरी नजर तो वहीं पर उलझ कर रह गयी.
एक दो बार मैंने उसकी पैंटी की ओर देखा और फिर अपनी चेयर पर आकर बैठ गया.
अब मेरी नजर बार बार रुबीना की पैंटी पर ही जा रही थी. उसकी पैंटी की पट्टी उसके दोनों चूतड़ों से होकर उसकी गांड की दरार में जाती हुई साफ दिख रही थी.
मेरा तो मन कर रहा था कि अभी इसकी डोरी को हटाकर इसकी गांड में उंगली दे दूं.
सामने शीशा लगा हुआ था और मुझे इस बात का ध्यान नहीं रहा.
मैं बार बार रुबीना की गांड की ओर ही ताड़ रहा था.
वो मुझे सामने से शीशे में देख रही थी.
मेरी हरकत साफ साफ पता चल रही थी कि मैं क्या देख रहा हूं.
फिर बाद में मैंने शीशे पर ध्यान दिया तो मैं आगे होकर चुपचाप बैठ गया.
मेरा लंड खड़ा हो चुका था.
इतने में ही दो कस्टमर आ गये. एक लड़की और एक लड़का.
वो दोनों साथ ही थे. शायद गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड थे.
अब उनको गाइड करना भी जरूरी था तो मैं उठकर चला. मेरा तंबू मेरी पैंट की जिप के पास साफ दिख रहा था.
मुझे बहुत शर्मिंदगी हो रही थी.
किसी तरह मैं जेब में हाथ डालकर उसको छुपाने की कोशिश कर रहा था.
इधर रुबीना मेरी ओर देखकर मुस्करा रही थी. फिर मेरी हालत देख वो भी उठकर आ गयी.
वो उस लड़की को अपने साथ ले गयी और मैं लड़के के साथ हो लिया.
लड़की अपने लिये अंडरगार्मेंट देख रही थी.
इधर साथ में ही वो लड़का अपने लिये टीशर्ट देख रहा था.
तभी मैंने जोर की आवाज में कहा- सर, लाल रंग की ले लो. बहुत अच्छी लगेगी आप पर.
जैसे ही मैंने ये शब्द बोले तो रुबीना मेरी ओर ही देखने लगी.
उसको समझ आ गया कि मेरा इशारा उसकी लाल पैंटी की ओर ही था.
हल्की मुस्कान के साथ उसने मुंह फेर लिया.
इस तरह से उस दिन काम के दौरान मेरा लंड बार बार खड़ा होता रहा. रुबीना ने कई बार मेरे तने हुए लंड को देखा.
अब मेरा मन करने लगा कि रुबीना की चूत मारूं.
उस दिन के बाद से मैंने उसके साथ डबल मीनिंग मजाक करना शुरू कर दिया.
वो बुरा बिल्कुल नहीं मानती थी.
ऐसे ही धीरे धीरे हम दोनों खुलते जा रहे थे.
अब व्हाट्सएप पर चैट के दौरान कई बार मैं प्यार और रोमांस की बात करने लगा था. वो भी अच्छे से बात करती थी.
कई बार तो मैं काफी गर्म हो जाता था.
एक दिन ऐसे ही बात करते करते मैंने रुबीना को आई लव यू लिखकर भेज दिया.
उसने शर्म वाला इमोजी वापस भेज दिया मगर उसके बाद कुछ नहीं लिखा.
मैं समझ गया कि उसकी तरफ से भी प्यार है.
फिर मॉल में हम दोनों का व्यवहार काफी बदल गया था.
पहले जहां हम दोस्त की तरह बात करते थे अब बात कम हो गयी और दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्करा देते थे.
अब चैट पर भी हम दोनों ही गर्म हो जाते थे. एक दिन मैंने उससे बिना टॉप की फोटो मांग ली.
वो बोली- फोटो नहीं दूंगी मैं!
मैंने कहा- एक बार दे दो प्लीज।
वो बोली- नहीं, मैं नहीं दूंगी.
मैंने कहा- फिर देख लेना तुम. मॉल में पूरे दिन मेरे साथ ही रहती हो. मैं ऐसे छोड़ूंगा नहीं तुम्हें.
उसने कहा- ठीक है, मैं भी देखती हूं कि तुम कैसे मेरी फोटो लेते हो.
अब अगले दिन मैं मॉल में मौके की तलाश करने लगा. दोपहर में जब लंच टाइम होने वाला था तो कस्टमर उस वक्त काफी कम हो गये थे. रुबीना चेंज रूम की ओर गयी हुई थी.
वो ट्राई किये गये कपड़ों को समेट रही थी. मैं भी उसी तरफ चला गया. मैंने देखा कि वहां पर आसपास कोई नहीं था.
हालांकि सीसीटीवी लगे हुए थे लेकिन मैं आज किसी भी हाल में उसका टॉप उतरवाना चाहता था. मुझे उसने चैलेंज किया था.
फिर जब वो एक ट्रायल रूम में घुसी तो मौका देखकर मैं भी उसके पीछे ही घुस गया. मैं झट से दरवाजा अंदर से बंद कर लिया तो वो एकदम से चौंक गयी.
इससे पहले वो कुछ बोलती मैंने उसको अपनी बांहों में भरा और उसे दीवार से लगाकर उसके होंठों को चूमने लगा.
वो मुक्के मारकर मुझसे छुड़ाने लगी लेकिन मैंने उसकी गांड को जोर से भींच दिया और एक हाथ से उसकी चूची दबा दी.
कुछ पल तक वो विरोध जताती रही लेकिन फिर उसके हाथ ढीले पड़ गये और मैं उसके होंठों को अच्छी तरह से चूसने लगा.
इससे पहले कि वो कुछ और समझती या करती, मैंने तुरंत उसकी टीशर्ट को उठा दिया और उसकी ब्रा दिख गयी.
वो नीचे करने लगी लेकिन मैंने उसको नीचे नहीं करने दिया.
मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को चूमने लगा.
वो शर्माने लगी और छुड़ाने लगी लेकिन मैंने उसकी चूचियों को जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया.
रुबीना आह्ह … ऊह्ह करने लगी.
मैं पूरी ताकत लगाकर उसकी चूचियों को मसल और दबा रहा था.
अब उसके चेहरे पर दर्द साफ दिख रहा था मगर वो गर्म भी हो रही थी. इतने में ही मैंने फटाक से अपना मोबाइल निकाला और उसकी ब्रा में एक फोटो ले ली.
वो एकदम से चौंक गयी.
उसे अंदाजा नहीं था कि मैं ऐसा भी कुछ करने वाला हूं.
फिर मैंने दोबारा से उसको दीवार से सटाया और जोर से उसके होंठों को किस कर लिया.
मेरा एक हाथ उसकी चूची पर था और दूसरा उसकी टाइट जीन्स पर से उसकी चूत को सहला रहा था.
अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी.
मगर हम ज्यादा देर तक वहां नहीं रुक सकते थे.
हम दोनों अलग हुए और मैं फटाक से दरवाजा खोलकर बाहर आ गया.
फिर थोड़ी देर के बाद रुबीना भी आ गयी.
काउंटर पर आने के बाद मैं लंच करने के लिए कहने लगा.
मगर वो मेरे साथ लंच करने को राजी नहीं हुई.
उस वक्त मैंने उसको कुछ नहीं कहा क्योंकि वहां पर बाकी लोग भी मौजूद थे.
फिर दो-तीन घंटे के बाद जब सारा स्टाफ बिजी हो गया तो मैंने उसको एक तरफ बुलाया और पूछा- नाराज हो क्या? लंच क्यों नहीं किया आज मेरे साथ?
वो बोली- मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी.
मैंने कहा- क्या हुआ जान?
वो बोली- ये तो चीटिंग है. ऐसे भी कोई करता है क्या? कोई देख लेता तो वहां?
मैंने कहा- सॉरी डार्लिंग, मगर तुमने रात को फोटो ही नहीं दी. तो फिर मैं और क्या करता? अच्छा चलो सॉरी, शाम को मूवी चलोगी?
वो बोली- बता दूंगी.
उसके बाद हम दोनों काम में लग गये.
फिर ड्यूटी खत्म हो गयी और मैं बाहर आते हुए उससे दोबारा पूछा तो वो मूवी चलने के लिए मान गयी.
फिर हम पास के ही सिनमा हॉल में गये.
मुझे मूवी में कोई इंटरेस्ट नहीं था, मैं तो बस रुबीना के मजे लेना चाहता था. फिर मूवी शुरू हुई और थोड़ी देर बाद ही मैंने उसकी जांघ को सहलाना शुरू कर दिया.
पहले तो वो मेरे हाथ को हटाती रही लेकिन फिर उसने विरोध करना बंद कर दिया.
अब मेरा हाथ आराम से उसकी जांघ पर उसकी चूत के आसपास सहला रहा था.
फिर मैंने दूसरे हाथ से उसकी चूचियों को भी छेड़ना शुरू कर दिया. उसके टीशर्ट में से उसकी गोल गोल नर्म चूचियां दबाने में अलग ही मजा आ रहा था.
धीरे धीरे मैंने उसको गर्म कर दिया.
हम दोनों पीछे वाली सीट पर थे इसलिए होंठों को मिलते देर न लगी.
मैंने उसकी टीशर्ट में हाथ दे दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से चूची दबाने लगा.
मेरा लंड एकदम से फटने को हो गया था.
मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रखवा दिया.
मगर उसने तुरंत हाथ हटा दिया.
फिर मैंने दोबारा कोशिश नहीं की.
मैं बस उसकी ब्रा में हाथ डालने की कोशिश करने लगा.
उसने मुझे ब्रा में हाथ नहीं डालने दिया. मगर दबवाने से मना नहीं किया.
मैं काफी देर तक उसको किस करते हुए उसकी चूचियों को दबाता रहा. फिर उसकी जीन्स के ऊपर से उसकी चूत को सहलाने लगा.
रुबीना की चूत पर सहलाने से उसकी जांघें फैलने लगी थीं. मुझे पता था कि ये भी लंड से चुदना चाह रही है.
अब मैं इंतजार नहीं कर सकता था. मैंने बोला- बहुत बोरिंग मूवी है. चलो रूम पर जाकर कुछ रोचक देखते हैं.
वो भी तुरंत तैयार हो गयी.
मैं उसको लेकर अपने रूम पर आ गया.
रूम में मैं अपने दोस्त के साथ रहता था लेकिन वो उस वक्त कहीं बाहर गया हुआ था. एक एक चाबी हम दोनों के ही पास रहती थी.
आते ही मैंने अंदर से रूम को लॉक किया और कपड़े बदलने को कहा.
वो शर्माने लगी तो मैंने उसको बाथरूम में जाकर चेंज करने को कहा.
वो मान गयी.
उसको मैंने अपनी एक टीशर्ट और लोअर दे दी.
जब तक वो कपड़े बदल कर आई तब तक मैंने अपने कपड़े भी बदल लिये.
फिर हमने खाना बाहर से मंगवाया और साथ में खाया.
फ्रिज में पहले से ही बीयर रखी हुई थी. खाने के बाद मैंने दो बोतल निकाल ली.
वो बोली- अब तुम पिओगे?
मैं बोला- हां, तुम नहीं पिओगी क्या?
उसने कहा- नहीं, मैंने कभी नहीं पी.
मैं बोला- तो आज पीकर देख लो.
पहले तो वो मना करती रही. फिर जोर देने पर मान गयी.
मैंने जल्दी से दो पैग बना दिये.
उसको पहले वो बहुत कड़वी लगी लेकिन मैं उसको प्रोत्साहित करता रहा.
धीरे धीरे उसने अपना पैग खत्म कर दिया. फिर एक ही बार में मैंने भी अपना पैग खाली कर दिया.
हम फिर बातें करने लगे.
वो बोली- तुमने मॉल में अच्छा नहीं किया.
मैंने कहा- क्यूं, तुम्हें मजा नहीं आया क्या?
वो कुछ नहीं बोली.
इतने में मैंने दूसरा गिलास भर दिया था. मैंने उसके हाथ में पकड़ा दिया और पीने के लिए कहा.
अब उसको ज्यादा कड़वी नहीं लगी और हम दोनों साथ साथ पीने लगे.
दूसरा पैग खत्म होने के पांच-सात मिनट के बाद ही रुबीना को असर होने लगा. उसकी जुबान थोड़ी लड़खड़ाने लगी.
मैं समझ गया कि बीयर अपना असर दिखा रही है.
मैंने एक और पैग बनाया और जल्दी से खाली कर दिया.
मैं बोला- यार इतनी दूर क्यों बैठी हो. पास में आ जाओ. मैं खा नहीं जाऊंगा तुम्हें!
वो मेरे पास आकर बैठ गयी और मैंने उसको अपनी गोद में अपनी जांघ पर बिठा लिया.
वो शर्मा रही थी.
उसके बाल खुले हुए थे जिनमें से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी.
मेरा लंड तनाव में आने लगा. फिर मैंने पीछे से हाथ ले जाकर दोनों ओर से उसकी चूचियों को आगे की ओर भींच लिया और उनको हल्के हल्के दबाना शुरू कर दिया.
अब रुबीना के मुंह से हल्की आहें निकल रही थीं.
उसकी चूचियां दबाते ही मेरा लंड एकदम से फटने को हो गया.
फिर मैंने उसकी टीशर्ट को निकलवा दिया.
हम दोनों अब एक दूसरे को बांहों में लेकर स्मूच करने लगे.
बीयर और प्यार का नशा दोनों मिल गये थे और हवस का तूफान जोर पकड़ने लगा था.
देखते ही देखते दोनों गर्म हो गये और दोनों ही एक दूसरे के बदन पर हाथ फिराने लगे.
मेरा हाथ उसकी गर्दन से लेकर उसकी चूचियों से होता हुआ उसकी चूत तक सहला कर आ रहा था.
इसी तरह उसका हाथ भी मेरे कंधों और छाती से होकर मेरे लंड को छूकर आ रहा था.
दोनों को नंगे होते देर न लगी.
वो ब्रा पैंटी में मेरे सामने लेटी थी और मैं केवल अंडरवियर में रह गया था.
दोस्तो, उसका फिगर 34-30-32 का था. मैं उसके बदन को ऊपर से नीचे तक चाटने लगा.
फिर मैंने उसको पूरी नंगी कर दिया और उसकी चूत में जीभ से चाटने लगा.
मेरे हाथ ऊपर से उसकी चूचियों को दबा रहे थे और नीचे से मैं उसकी चूत में जीभ से चाट रहा था.
वो एकदम से पागल सी होने लगी.
उसने मुझे एक तरफ लेटाया और मेरे होंठों को जोर से चूसने लगी.
हम दोनों एक दूसरे में जैसे डूबने लगे थे.
मगर इतने में ही किसी ने दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया.
मैं हड़बड़ी में उठा और अंदर से आवाज देकर पूछा- कौन?
बाहर से आवाज आई- अबे खोल भोसड़ी के, मैं हूं शिवम!
मेरा दोस्त आ गया था और मैं रूबीना के साथ नंगा पड़ा था.
फिर मैंने बाथरूम में जाकर आवाज लगाई- मैं अंदर टॉयलेट में हूं. दो मिनट रुक.
वो बोला- जल्दी कर साले. तुझे और कुछ काम नहीं है क्या?
इतने में मैंने रुबीना को जल्दी से उठाया और दोनों कपड़े पहनने लगे.
रुबीना का बैग और कपड़े मैंने अलमारी में छुपा दिये.
वो जल्दी से बाथरूम में जा घुसी और मैंने सब कुछ व्यवस्थित कर दिया.
फिर दरवाजा खोला और पेट पकड़ कर दर्द का नाटक करने लगा.
शिवम बोला- क्या हुआ, गांड मरवा ली क्या तूने आज?
मैं बोला- साले पेट में बहुत तेज दर्द हो रहा है. गोली ला दे जल्दी.
मैंने उसको उलट पांव कैमिस्ट की शॉप पर भेज दिया.
उसके आने से पहले मैंने रुबीना को बाहर निकाल दिया.
वो किसी तरह ऑटो लेकर चली गयी.
मगर हमारा सारा खेल खराब हो गया.
अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मैं उसकी चूत मारना चाहता था हर हाल में!
अगले दिन फिर मैं उसको लेकर मॉल के छठे फ्लोर पर गया. वहां कबाड़ का सामान पड़ा हुआ था.
जाते ही हम दोनों एक दूसरे से लिपट गये. वो भी मेरा साथ देने लगी.
मैंने उसे पास पड़ी बोरियों के ढेर पर लेटाया और उसके पास लेट गया।
मैं उसके होंठों पर किस करता रहा. वो भी मेरा साथ देती रही।
तभी मैंने उसकी टीशर्ट में हाथ डाल कर उसके मम्में पकड़ लिये और जोर से दबा दिया।
अब मैंने उसकी गर्दन पर किस किया तो वो कसमसा गयी.
उसने आँखें बंद कर रखी थीं।
मैंने उसकी टीशर्ट को ऊपर उठा दिया और उसकी ब्रा खोलकर उसके मम्मे पीने लगा.
वो मेरे सिर को चूचियों पर दबाने लगी.
मैं एक हाथ से मम्मे दबा कर पी रहा था और दूसरे से उसकी चूत को सहला रहा था.
वो मेरी कमर पर अपने नाखून गड़ाए जा रही थी।
मैंने उसकी पैंट का बटन खोल कर उसको निकाल दिया.
अब वो सिर्फ पैंटी में थी।
काम रस के कारण उसकी पैंटी गीली हो गयी थी।
मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
वो सिसकारियां भरने लगी- उम्म … ओह्ह … यस … आह्ह।
मैंने उसका हाथ पकड़ा और लंड पर रखवा दिया.
फिर उसने मेरी पैंट की जिप खोली और बटन भी खोल लिया.
उसने मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और देखकर चौंक गयी. वो बोली- ये तो बहुत बड़ा है. मेरी चूत में कैसे जायेगा?
मैंने उसको प्यार से समझाया और भरोसा दिलाया- कुछ नहीं होगा. बस तुम मेरा साथ देना.
उसकी पैंटी को उतार कर मैं उसकी चूत चाटने लगा।
वो अब और ज्यादा तेज सिसकारियां लेने लगी तो मैंने उस चुप करवाया क्योंकि वहां पर किसी के आने का भी डर था.
रुबीना की चूत से लगातार पानी आ रहा था.
मैंने भी देर न की और उसकी चूत के रस से अपना लौड़ा गीला करके उसके चूत पर टिका दिया.
उसके मम्मे को पीते हुए मैंने एक झटका मारा तो मेरा आधा लौड़ा उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया।
वो जोर से चिल्लाने लगी तो मैंने उसके मुंह पर हाथ रखा और जोर का झटका दे दिया.
मेरा पूरा लंड उसकी चूत में फिट हो गया.
उसकी चूत से खून आने लगा. मगर मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया.
कुछ देर मैं उसे किस करता रहा और उसकी चूची दबाता रहा.
फिर वो थोड़ी नॉर्मल हुई तो मैंने चुदाई शुरू कर दी.
कुछ ही देर में वो खुद ही नीचे से कमर हिलाने लगी. फिर उसकी टांगें मेरी कमर पर आकर लिपट गयीं.
अब दोनों ही चुदाई का पूरा आनंद लेने लगे.
मेरा लौड़ा उसकी बच्चेदानी तक टकरा रहा था.
उसके मुख से मस्त कामुक आवाजें निकल रही थीं- आह्ह मानव … ओह्ह … मानव … चोद दो … आह्ह … आई लव यू मानव … और जोर से … उईई … आह्ह … ओह्ह … यस … आह्ह चोदो … चोदते रहो.
मैं भी पूरे जोश में उसको चोदे जा रहा था.
15 मिनट की चुदाई में वो तीन बार झड़ गयी. मैं अभी भी लगा हुआ था. फिर मैंने भी उसकी चूत में अपना वीर्य निकाल दिया.
दो मिनट तक हम थक कर ऐसे ही लेटे रहे.
फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और अपने आप को ठीक किया।
उसके चेहरे पर खुशी दिख रही थी। वो एक बार फिर मेरे गले लगी और मुझे किस करके ‘आई लव यू’ बोला।
उसके बाद हम दोनों एक एक करके नीचे आ गये।
तब के बाद हमें जब भी मौका मिला हमने चुदाई की।
आज वो मेरे साथ बहुत खुश है। मैंने उससे वादा किया था कि मैं उसे कभी छोड़कर नहीं जाऊंगा.
अब हमारी शादी हो चुकी है और हम दोनों साथ में खुशी से रहते हैं.
दोस्तो, यह थी मेरी स्टोरी. मुझे ये घटना आज भी वैसी ही याद है. इसलिए मैंने इसको आपसे साझा किया. आपको ये ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी पसंद आई होगी. अपने विचार जरूर लिखें.
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