मैं बारहवीं कक्षा तक एक शर्मीला लड़का रहा हूँ। Baad Me Bahuto Ko Choda

मैं गुड़गाँव के एक छोटे से कस्बे का निवासी हूँ। बात आज से दो साल पहले मेरे कॉलेज के दिनों की है, मैं बारहवीं कक्षा तक एक शर्मीला लड़का रहा हूँ।
कॉलेज के पहले दिन मैं काफ़ी नर्वस था, उस दिन कक्षा में हम पाँच ही विद्यार्थी थे, उन पाँच में एक लड़की भी थी, जिसका नाम माधवी था, वो मुझे पहले ही दिन से पसंद थी।
उस समय उसकी काया 28-28-30 की रही होगी। वो दिखने में एक पतली सी लड़की थी जिसका रंग काफ़ी गोरा था और उस दिन वो सफेद कपड़ों में काफ़ी उत्तेजक लग रही थी।
मेरा दिल उस पर आ गया था।
एक महीने के अन्दर ही मैंने उसे अपने दिल की बात बता दी थी। उस समय उसने इनकार कर दिया तो मेरा दिल बैठ गया, लगने लगा जैसे सब कुछ खत्म हो गया हो। कॉलेज के दूसरे साल फेयरवेल पार्टी के दिन वो जब लाल साड़ी में आई तो मेरा लंड अचानक खड़ा हो गया।
वो मेरे पास आई और बोली- मैं कैसी लग रही हूँ?
तो मैं उसे देख कर कुछ कह नहीं पाया बस हाथ से इशारा कर दिया कि सेक्सी लग रही हो।
तो वो मुस्कुरा कर एक ओर चल दी और मैं भी उसके पीछे-पीछे हो लिया। एकांत में जाकर मैं उससे बोला- आज तो तुम वाकई सेक्सी लग रही हो।
तो वो ‘थैंक्स’ बोली, मैंने हिम्मत करके उसे दोबारा बताया कि मैं तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ।
तो वो मुस्कुरा कर बोली- मुझे भी तुम अच्छे लगने लगे हो।
पार्टी के अगले दिन हम कॉलेज पहुँचे तो वो फिर से सफेद ड्रेस में आई, मैंने उससे बोला- आज तो तुम गजब का माल लग रही हो।
तो वो हँस कर क्लास में चली गई। मैं भी क्लास में गया तो देखा वो अकेली बैठी थी तो मैंने उसे क्लास में ही पकड़ लिया।
वो बोली- छोड़ो क्या कर रहे हो.. कोई देख लेगा।
मैं बोला- कोई नहीं देखेगा, हम क्लास के समय से पहले आए हैं। कॉलेज में और कोई नहीं है।
वो घबराने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया। फिर मैंने उसकी चूची पकड़ कर भींच दी। उसके निप्पल खड़े हो गए थे।
तभी उसने मेरे हाथ हटा दिए और बोली- तुम तो बड़े बेकार हो।
तो मैं बोला- इसमें खराबी ही क्या है, आगे चल कर तुम्हारा पति भी यही करेगा।
तो वो झेंप गई।
अगले दिन मैं जल्दी कॉलेज चला गया तो देखा कि वो पहले ही क्लास में बैठी थी। तो मैंने उसे पीछे से दबोच लिया, वो समझ गई कि मैं ही हूँ। मैंने फिर से उसके निप्पल भींच दिए और उसकी सलवार में हाथ डाल दिया मुझे घने बालों का जंगल महसूस हुआ तो मैंने कहा- ये क्या है?
तो उसने मेरा हाथ हटा कर कहा- ये अपने आप आए हैं।
मैंने उसका हाथ ज़बरदस्ती अपनी पैन्ट में डाला और कहा- ये शेव भी हो जाते हैं।
फिर हमने अगले दिल कॉलेज से घंटा गोल करके दिल्ली जाने का प्लान बनाया।
अगले दिन हम बस से मेट्रो स्टेशन (हुड्डा सिटी सेंटर) पहुँचे। हम दोनों एक-दूसरे का हाथ थामे दिल्ली तीस हज़ारी स्टेशन तक गए और थोड़ी खरीददारी करके एक होटल में गए और एक रूम बुक किया।
वो फ्रेश होने चली गई मैं भी उसके पीछे-पीछे बाथरूम में घुसने लगा, तो उसने दरवाज़ा बन्द कर दिया।
मैं भी दरवाजे के बाहर ही खड़ा रहा। वो 5 मिनट में बाहर निकली तो मैंने उसे पकड़ लिया और बिस्तर पर ले गया।
वो बोली- ये क्या है?
तो मैंने कहा- कुछ नहीं बस मन कर रहा है।
मैंने उसके चूचे दबाने चालू कर दिए फिर एक हाथ उसके सलवार में डाल कर हिलाने लगा। वो मुझसे दूर होने की कोशिश करने लगी, तो मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए। दस मिनट तक ऐसा ही होता रहा।
फिर अचानक वो मुझसे छूटी और बोली- यह सब ग़लत है।
मैं बोला- ऐसा नहीं है.. जान.. हम तो बस जरा मस्ती कर रहे हैं।
तो वो बोली- मैंने सुना है कि इससे दर्द भी होता है।
तो मैं तपाक से बोला- किसमें?
वो बोली- ज़्यादा बनो मत.. वो ही जो तुम करना चाहते हो… उसमें.!
मैं बोला- हाँ.. शुरू में थोड़ा होगा, पर बाद में मज़ा भी तो आएगा।
मैंने फिर से एक हाथ उसकी चूची और एक उसकी सलवार में डाल कर चुम्बन करने लगा। वो गरम होकर सिसकारियाँ भरने लगी।
फिर 5 मिनट बाद मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसके और अपने कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों पूरे नंगे हो चुके थे। वो बिल्कुल अप्सरा लग रही थी उसकी चूत में से कुछ बह रहा था और झाँटों में लग रहा था। फिर मैंने उसके बाल साफ कर दिए और उसकी चूत में ऊँगली डाल कर आगे-पीछे करने लगा।
तो वो बोली- दर्द हो रहा है।
मैंने ऊँगली निकाली और उसको बिस्तर पर लिटा कर उसके चूचे चूसने लगा। फिर मैंने उसके चूत में जीभ डाल दी और चूसने लगा, वो छटपटाने लगी।
फिर मैंने उससे कहा- मेरा लंड अपने मुँह में लो।
तो वो मना करने लगी, मैंने ज़बरदस्ती उसके मुँह में लंड डाल दिया और चुसवाने लगा। फिर 5 मिनट बाद मैंने अपना लंड उसके चूत के छेद पर रख कर धक्का मारने की कोशिश की तो लंड फिसलने लगा।
मैंने लंड पर थोड़ा आयल लगाया और छेद पर रख कर पूरे ज़ोर से धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। उसकी चीख निकल गई और वो चिल्लाने लगी- मर गई.. हाय.. इसे निकाल लो प्लीज़…बहुत दर्द हो रहा है..!
तो मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से बंद कर दिया और एक और धक्का मारा तो वो बेहोश सी हो गई।
मैंने अपना लंड आधा बाहर निकाल कर अन्दर-बाहर करना चालू कर दिया। वो चिल्लाती हुई ‘ऊआहहा.. उहूह.. अहह’ करने लगी।
फिर पाँच मिनट में वो अपने चूतड़ उठा-उठा कर मेरा साथ देते हुए बोली- अब मज़ा आ रहा है.. और तेज और तेज..!
चिल्लाने लगी।
लगभग 20 मिनट बाद मुझे लगा मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके मुँह में दे दिया। उसने मेरा लंड मुँह से एक ही झटके से निकाला और बोली- ये क्या कर रहे हो?
तो मैंने कहा- यह मेरा पहली चुदाई का वीर्य है, प्लीज़ मैं इसे यूँ ही जाया नहीं करना चाहता !
और लंड फिर से मुँह में डाल दिया।
फिर वो मेरा सारा वीर्य पी गई और बोली- यह चुदाई तो बहुत महँगी पड़ती है, पर मज़ा भी आता है।
फिर हमने अपने कपड़े पहने और घर आ गए। उसके बाद कॉलेज में हर सप्ताह हम चुदाई करते थे।
कॉलेज के बाद उसकी शादी हो गई, लेकिन जब भी वो अपने घर आती है तो सबसे पहले मुझे फ़ोन करके बताती है और हम मौका मिलते ही चुदाई करते हैं।
उसने मुझे अपनी सुहागरात की कहानी भी बताई जो मैं आपको अगली कहानी में बताऊँगा।

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