बदला पार्ट- 2

लेखक- सीमा सिंह

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पर मुझे किसी भी हालत में ये सातों दुकानों के ठेके चाहिए थे, चाहे इसके लिए मुझे कोई भी कीमत क्यों न देनी पड़े ?, फिर मैंने उन दोनों को तुम्हारे फोटो भेजे।

एक मिनट में ही दोनों ने हां कह दिया, जेनिफर उसकी बात सुन रही थी, उसकी आंख से आसू बह रहे थे, पर वो उन बहते हुए आसूओं को पोंछ भी नहीं रही थी, उसने प्रताप से पूछा क्या रोबिन को पता है ?

प्रताप जोर जोर से हस्ते हुए बोला वो भड़वा साला हां मैंने उसे बताया था, वो तो मेरे पैरों में बिझ गया था, और रो रो कर तुम्हें छोड़ने की कह रहा था।

मुझे उस पर दया आ गई और मैंने उससे बोल दिया वहा जाने के बाद अगर वो मना करेगी तो मैं उसे फोर्स नहीं करूंगा, और ये बात तुम जेनिफर से नहीं कहना।

और वो बेवकूप मेरी बात को मान भी गया, वैसे वो तुमसे प्यार बहुत करता है, तुम भी उससे उतना ही प्यार करती होगी, अब बोलो जेनिफर तुम क्या मना करोगी मेरे इस काम की,

जेनिफर का दिल अपने पति की हालत के बारे में सोचकर टूट गया, उसे पता था कि जब प्रताप ने उससे ये बात बोली होगी तो ये जितना बोल रहा है।

उससे कही ज्यादा रोबिन ने गुहार लगाई होगी मेरे लिए ये सोचकर वो अभी मना करने ही वाली थी कि उससे पहले ही प्रताप बोला, बोलने से पहले परिणाम के बारे में  सोच लेना।

तुम्हारा पति उसके बाद जेल में होगा, और मुझे पूरा यकीन है उसे फांसी ही होगी, जेनिफर उसकी बात सुनकर चुप हो गई, जो बात वो बोलना चाहती थी उस बात का गला उसने घोट दिया।

फिर से प्रताप बोला चलोगीना होटल में जेनिफर, जेनिफर का दिल कर रहा था कि प्रताप सिंह को अभी मार दे, पर वो ऐसा नहीं कर सकती थी।

अगर वो प्रताप को मार दे तो उसके आदमी उसके पति को नहीं छोड़ेंगे, और उसे भी मार देंगे वो अपने मम्मी पापा को तो खो चुकी है, अब वो रोबिन को नहीं खोना चाहती है।

जेनिफर ने अपना सर ऊपर नीचे कर दिया, ये इशारा था कि वो हां बोल रही है, प्रताप बोला वहा जाकर तो में कुछ भी नहीं कर पाऊंगा।

बस तुम्हें उस होटल के रूम में चुदते हुए देखूंगा, तुम एक काम करो तुम कार में ही मेरा लंड चूसकर मुझे शांत कर दो, मैं वहां होटल के रूम में इस बात की खुशी मना लूंगा।

कि आज उन दोनों के चोदने से पहले तुम्हारा उद्घाटन मैंने ही किया था, फिर प्रताप ने अपनी पेंट को खोलना शुरू कर दिया, और पेंट और अंडरवियर दोनों एक साथ नीचे कर दी।

उसका लंड पूरा तंबू बना हुआ था और वो हिल हिल के जेनिफर को ये बता रहा था कि वो तैयार है उसके मुंह में जाने के लिए,   जैसे ही जेनिफर ने अपना मुंह नीचे ले जाने की कोशिश की।

तभी जेनिफर के सर पर हाथ रख के प्रताप ने उसे रोक दिया और बोला मेरी एक बात सुन लो मेरी वीर्य की एक बूंद भी नीचे नहीं गिरने चाहिए।

जेनिफर ने फिर से हां में सर हिला दिया और नीचे झुकने लगी प्रताप का लंड नॉर्मल साइज का था, जेनिफर ने उसे अपने मुंह में ले लिया और उसे सक करने लगी।

पुच पुच पच पच की आवाज कार में आ रही थी, जेनिफर लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे प्रताप को पसंद था, वो बार बार अपनी जीभ बाहर निकाल लेती।

और प्रताप के लंड के चारों ओर घूमा देती, फिर लंड के सुपाड़े को मुंह में लेती और चुपा मारती, और फिर से लंड चूसती, जेनिफर बार बार चुपा मारती जा रही थी।

जेनिफर प्रताप का लंड चूस रही थी, उस समय प्रताप का एक हाथ जेनिफर के सर के बालों पर चल रहा था, वो ऐसे हाथ फेर रहा था जैसे कोई अपनी प्यारी बिल्ली के ऊपर हाथ फेर रहा हो।

और प्रताप का दूसरा हाथ एक जगह रुका नहीं था वो उसकी पीठ और पेठ के ऊपर रेंग रहा था, और बीच बीच में प्रताप जेनिफर के ब्लाउज के ऊपर से ही उसके दोनों मम्मों को दबा देता और मसल भी देता।

प्रताप जेनिफर की लंड चुसाई से बहुत संतुष्ट था, उसे बहुत मजा आ रहा था उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थी उउउउह्ह्ह आआआ ह्ह्ह्ह्ह्ह।

पांच मिनट में ही प्रताप तेज तेज सांसे लेने लगा, उसके लंड में एठन आने लगी, जेनिफर समझ गई की प्रताप किसी भी पल झड़ने वाला था ।

उसे प्रताप की बात याद आ गई उसने झट से उसके आधे से ज्यादा लंड को मुंह ने ले लिया और अपने हाथ से लंड के बचे हिस्से को हिलाने लगी।

कुछ ही पल में प्रताप के लंड ने पिचकारियां जेनिफर के मुंह में मारनी शुरू कर दी थी, और उसके मुंह ने सिसकारियां निकल रही थी उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह और वो पूरा झड़ गया।

उदर जेनिफर प्रताप के लंड से निकल रहे वीर्य को वो बार बार सक करके पिए जा रही थी, वो प्रताप की बात को नकार नहीं सकती थी जैसा प्रताप ने कहा था।

जेनिफर ने वैसा ही किया उसने उसके लंड की एक भी बूंद नीचे नहीं गिरने दी थी, वो उसके वीर्य को पूरा पी गई और लंड को अपनी जीभ से चाट चाट के साफ करने लगी।

जब लंड पूरी तरह से साफ हो गया तब जेनिफर ने लंड को छोड़ा, फिर उस ने अपने सर को ऊपर किया।

उसके होठों पर अब भी कुछ वीर्य की बुंदे लगी हुई थी, प्रताप ने जेनिफर का चेहरा देखा उसके होठों की लिपस्टिक कुछ फेल गई थी, उससे पता चल रहा था।

कि उसने कुछ न कुछ किया होगा, प्रताप को पता था कि जब वो जेनिफर के साथ ये सब करेगा तो उसका मेकप खराब हो जायेगा, इसलिए उसने जेनिफर के मेकप का इंतजाम कर दिया था।

प्रताप जेनिफर से बोला तुम इस तरह भी बहुत सुंदर लग रही हो, पर उन दोनों अधिकारीयों के सामने में तुम्हें ऐसे नहीं ले जा सकता हूं।

वरना उन दोनों हरामियों को मुझ पर सक हो जायेगा कि मैं तुम्हें यूज करके लाया हूं, और मैं नहीं चाहता हूं कि इस कारण से मेरी डील खराब हो, कार के डोर में एक माउथ फ्रेशनर रखा है उसे यूज कर लो।

जेनिफर ने कार के डोर को खोला और माउथ फ्रेशनर की शीशी निकाल ली और एक घूट पी कर गरारा करने लगी, और कार का शीशा नीचे करके बाहर थूक दिया।

जब जेनिफर ने डोर खोल के शीशी वापिस रख दी, तो प्रताप बोला कार की पिछली सीट पर मेकप किट रखी है, जाओ अपना मेकप सही कर लो।

जेनिफर ने कार का आगे का दरवाजा खोला और पीछे जाकर बैठ गई, और अपना मेकप सही करने लगी, जैसे ही उसने मेकप पूरा किया।

प्रताप कार लेकर होटल में आ गया, प्रताप  होटल में जेनिफर का हाथ पकड़कर ऐसे चल रहा था जैसे जेनिफर उसकी जागीर हो, होटल का स्टाफ जेनिफर को गन्दी नजर से देख रहा था।

वो सब लोग जेनिफर को कोई कॉलगर्ल समझ रहे थे उसकी दो वजह थी, क्योंकि इस होटल में ज्यादातर गेस्ट जो आते थे वो चूदाई के लिए ही आते थे।

और उनके साथ कॉलगर्ल ही होती थी, दूसरी वजह उन दोनों की उमर में अंतर, प्रताप 45 वर्ष का था, और उसके साथ चिपट कर चल रही लड़की 20 22 की थी।

और जिस तरह वो दोनों चिपक कर चल रहे थे, उसे देखकर कही से नहीं लग रहा था कि ये दोनों बाप बेटी है, होटल के मैनेजर ने जब जेनिफर को देखा तो उसके अंदर सिटी सी बज गई।

मैनेजर मन में सोचने लगा इतनी खूबसूरत गोरी लड़की भी क्या कॉलगर्ल हो सकती है, मैनेजर ने एक होटल के कर्मचारी को बुलाया और उसे बोला पता करो की ये किस रूम में ठहरे है।

कुछ देर बाद वो कर्मचारी वापिस उस होटल मैनेजर के पास में आया और बोला सर वो लोग कमरा न. 304  में रुके है, उस कर्मचारी के जाने के बाद उसने एक कर्मचारी को फोन करके बुलाया।

और उसके आने के बाद उसे बोला कमरा न. 304 में जो लड़की गई है जब वो लड़की वापिस रूम से बाहर आए तो मुझे बुला लेना, वो कर्मचारी हां बोल कर वहां से चला गया।

वो मैनेजर चाहता था कि वो लड़की उसके होटल के लिए कॉलगर्ल का काम करे, इसकी वजह ये थी कि कभी कभा गेस्ट कॉलगर्ल की मांग करते है।

और गेस्ट इस लड़की के लिए तो मुंह मांगी कीमत देंगे, और हो सकता है कि उनके होटल में गेस्ट की संख्या बड़ जाए, और इसका एक और फायदा था कि गेस्ट खुश होकर उसे अच्छी टिप देकर जायेंगे।

उदर प्रताप और जेनिफर कमरा न. 304 के दरवाजे पर पहुंच गए, प्रताप ने दरवाजा नोक किया कुछ देर बार दरवाजा खुला और अंदर से आवाज आई।

हेलो मिस्टर प्रताप, प्रताप बोला हेलो मिस्टर मुरली, मुरली एक 50 साल का साउथ इंडियन आदमी था, उसकी बॉडी का रंग काला था।

उसकी तोंद निकली हुई थी, उसका वजन 80 कि लो से ज्यादा होगा, फिर मुरली की नजर प्रताप से होती हुई उसके बगल में खड़ी लड़की पर पड़ी।

जेनिफर अपने फोटो से भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी, मुरली तो उसे देखता ही रह गया, उसकी नजर उसके बूब्स से हट ही नहीं रही थी।

जेनिफर ने भी उसकी भूखी नजर को पहचान लिया, कि वो कहां देख रहा है ?, जेनिफर ने उसका ध्यान हटाने के लिए उसे हेलो बोला, हेलो सुनकर मुरली अपने होस में आया।

और उसने भी हेलो बोला, तभी प्रताप बोला ये सुखा सुखा हेलो अच्छा नहीं लग रहा है, गले मिलकर स्वागत करो, इतना कहते हुए प्रताप ने जेनिफर को मुरली की तरफ धकेल दिया।

मुरली ने भी इस पल का पूरा फायदा उठाया और जेनिफर को अपने गले से हल्का सा लगा लिया, और अपने दोनों हाथों को जेनिफर के दोनों कूल्हों पर रख दिया।

और उन्हें मसल मसल के जेनिफर के कोमल चूतड़ों का मजा लेने लगा, जेनिफर का तो दिल कर रहा था कि तलवार से उसके दोनों हाथ काट दे।

पर वो मजबूर थी, जेनिफर के चूतड़ों से खेलने के बाद मुरली ने उसे छोड़ दिया और उसकी कमर में हाथ डाल के उसे कमरे के अंदर ले जाने लगा।

प्रताप ने दरवाजा बंद कर दिया और उसके साथ चलने लगा, और वही कमरे में सोफे पर बैठे वेंकट की नजर जब प्रताप और मुरली के बीच चल रही लड़की पर पड़ी।

तो उसके मुंह से सो प्रटी निकल गया और वेंकट अपने आप सोफे से खड़ा हो गया, वो अपनी आंखों के एक्सरे से उसके फिगर का नाप लेने लगा।

उसने जेनिफर के फिगर का सही सही अंदाज लगा लिया था, जेनिफर का फिगर बूब्स 34 कमर 27 और बम 36, कह सकते है जेनिफर का फिगर किसी को अपना दीवाना बनाने के लिए काफी था।

वहीं वेंकट भी साउथ इंडियन था, और उसके शरीर की बनावट मुरली के जैसी थी, और कलर भी काला था, इसबार जेनिफर ने वेंकट को गले लगाकर हेलो बोला।

पर वेंकट ने जेनिफर का आलिंगन इतनी कस के किया था कि जेनिफर के बूब्स उसकी छाती में गड़ गए थे, जेनिफर को अपने बूब्स में दर्द हो रहा था।

पर वो उसे छोड़ ही नहीं रहा था, उदर वेंकट को जेनिफर के कोमल शरीर और उसकी गर्मी बहुत अच्छी लग रही थी, वो जेनिफर को छोड़ना नहीं चाहता था।

तभी मुरली बोला छोड़ दे उसे पूरी रात ये हमारे साथ रहेगी, मुरली की बात सुनकर वेंकट होश में आया और सॉरी बोल कर उसने जेनिफर को छोड़ दिया।

फिर सब सोफे पर बैठ गए, तभी प्रताप ने अपनी जेब से एक लिफाफा बाहर निकाला और वेंकट के हाथ पर रख दिया, वेंकट ने लिफाफा खोल कर कागज बाहर निकाल लिए।

और उन्हें पड़ने लगा और लिफाफे को टेबल पर रख दिया, जैसे ही जेनिफर ने उस लिफाफे पर लिखा नाम देखा और वो लिफाफा किसका था उसके तो होश ही उड़ गए।

उसकी आंखों में आसू आ गए, पर उसने उन्हें बाहर नहीं आने दिया था, और गुस्से से प्रताप को देखने लगी थी।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस बदला कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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