बदला पार्ट 6

बदला पार्ट 6

लेखक- सीमा सिंह

इतना कहकर वो सब वहा से चली गई, अगले दिन ही जेनिफर को प्रताप के बारे में जो जो पता था, वो सब कुछ बता दिया, साधना ने प्रताप के लिए जाल बिछाना शुरू किया।

18 फरवरी 2019 एल एंड के कंस्ट्रक्शन लिमिटेड का ऑफिस, ऑफिस में इस कंपनी के मालिक ठाकुर लव सिंह हरसन और ठाकुर कुश सिंह हरसन बैठे हुए थे।

उनकी कंपनी को कोई नया प्रोजेक्ट चाहिए था, उनके पास एक ही प्रोजेक्ट बचा था जो अगले दस दिन में खत्म होने वाला था।

उसके पिता प्रताप का पूरा ध्यान उसकी शराब के ठेकों पर था, पिछले दस महीनों में वहा भूचाल आया हुआ था, जिसमे उनके पिता बहुत व्यस्त थे, वरना वो कुछ न कुछ झुआड़ बिठाल देते।

तभी लव के फोन पर एक कॉल आया, जिसे सुनकर उसके चेहरे पर खुशी आ गई, फोन काट कर लव ने कुश से कहा जो हमने हॉस्पिटल के लिए टैंडर डाला था।

उस हॉस्पिटल के मालिक ने हमे मिलने के लिए बुलाया है, वो दोनों उससे मिलने के लिए निकल गए, कुछ ही देर में वो उस हॉस्पिटल के मालिक के सामने बैठे थे।

वो उसे भरोसा दिला रहे थे, कि वो अपनी रेट कुछ कम भी कर सकते थे, कुछ देर बाद वो मालिक हस्ते हुए बोला ये काम तुम को ही मिलेगा और में तुम्हें पुरे 80 करोड़ दूंगा।

इस बिल्डिंग के ये रुपए सुनकर कुश बहुत खुश हो गया क्योंकि रेट कम करके वो 77 करोड़ में प्रोजेक्ट पूरा करने वाले थे, अब वो 78 करोड़ में काम करेंगे और दो करोड़ का सीधा प्रोफिट होगा।

तभी वो आदमी बोला कल रात मेरे सपने में शकुंतला देवी आई थी, उन्होंने ही कहा था मेरे इस काम के लिए तुम्ही सही हो, वो आदमी बोला मेरी बीबी शकुंतला देवी आश्रम की अनुयाई है ।

मैं चाहूंगा तुम्हारे पूरे परिवार की औरतें वहा की अनुयाई बन जाए, इतने में लव बोला में जल्द ही ऐसा करूंगा, फिर वो अपने घर जाने के लिए निकल गए।

रास्ते में उन्होंने मिठाई भी खरीद ली, जब वो घर पहुंचे तो घर में सन्नाटा छाया हुआ था, घर के सभी सदस्य हॉल में थे और प्रताप कुर्सी पर बैठा था।

कुश ने अपने पिता से पूछा क्या हो गया है, तो प्रताप बोला मैंने अपने सारे शराब के ठेकों के लाइसेंस बेच दिए, मुझे उनकी अच्छी कीमत मिल गई, लव बोला अपने ऐसा क्यों किया ?

तब प्रताप बोला अब इस काम में पहले जैसा प्रोफिट नहीं रहा था, और मुझे कुछ अधिकारियों ने बताया था कि अगले कुछ दिन बाद सरकार नया आदेश देनें वाली है।

जहां लॉटरी निकाल कर लाइसेंस मिलेंगे, फिर हम कुछ नहीं कर सकते हैं, इसलिए मैंने ये कदम उठाया है, तभी कुश बोला जो होता है अच्छे के लिए होता है।

ये सुनकर प्रताप उन दोनों को देखने लगा, उसने देखा की लव और कुश दोनों के चहरे पर एक अलग ही चमक थी, प्रताप बोला कुछ हुआ है क्या ?

तभी लव और कुश के मुंह पर हंसी आ गई, लव बोला पिताजी आपसे कुछ नहीं छिपता है, फिर लव ने अपने पिता और घर के सभी लोगों को आज की हुई घटना के बारे में सब कुछ बता दिया।

कुश ने सब को मिठाई खिलाई, फिर प्रताप बोला अब आगे क्या करना है ?, तब लव बोला दो तीन दिन छोटे छोटे डिस्कशन होंगे, और काम को फाइनल कर लिया जाएगा फिर कॉन्ट्रैक्ट साइन किया जाएगा।

और हुआ भी ऐसा ही, प्रताप अपने बेटों के साथ चार दिन बाद कॉन्ट्रैक्ट साइन कर रहा था, वो हॉस्पिटल का मालिक जब भी इन तीनों से मिलता शकुंतला देवी आश्रम की बात करता।

अगले ही तीन दिन में उन्हें एक और कॉन्ट्रैक्ट मिल गया, उसका मालिक भी शकुंतला देवी आश्रम की बात कर रहा था, फिर वो लोग प्रताप और उसके बेटों पर शकुंतला देवी आश्रम का अनुयाई बनने का दवाब डालने लगे।

प्रताप को लगने लगा कि शकुंतला देवी आश्रम का अनुयाई न बनने पर ये कॉन्ट्रैक्ट उसके हाथ से निकल सकते है ।

इसलिए प्रताप सिंह अपने परिवार से इस बारे में बात कर रहे थे, प्रताप की बड़ी विदवा बहन जो ऊनी के साथ रहती थी वो बोली इसमें क्या समस्या है।

हम सब लोग आश्रम के अनुयाई बन जाते है, तब प्रताप बोला आश्रम का अनुयाई बनना आसान नहीं है, उस आश्रम की अनुयाई बस औरतें ही बन सकती है।

और वो लोग (हॉस्पिटल का मालिक और दूसरी बिल्डिंग का मालिक) तुम्हें स्थाई अनुयाई बनाना चाहते है, अगर तुम स्थाई अनुयाई बन गए तो तुम्हें महीने में हर किसी को दो से आठ दिन आश्रम में रहना होगा।

और तुम्हें श्रमदान भी करना होगा, तभी प्रताप की बीबी बोली श्रमदान से क्या मतलब है आपका जी ?, तो प्रताप बोला आश्रम के सार्वजनिक कार्य को स्वेच्छया से करना जो वो कहें।

तभी तपाक से प्रताप के छोटी बेटी बोली मम्मी बिना मजदूरी लिए शारीरिक मेहनत करना, या आप समझ सकती हो कि आश्रम वाले आश्रम के किसी भी काम में आपकी बॉडी का यूज कर सकते हैं।

फिर से प्रताप सिंह बोला आज 1 मार्च 19 शुक्रवार का दिन है, हम 4 मार्च सोमवार को शाम को सब आश्रम चलेंगे, अगर किसी को परेशानी है।

तो वो 4 तारिक से पहले किसी को भी बता दे कि उसे क्या समस्या है आश्रम का अनुयाई बनने में हम उन्हें अपनी परेशानी भी बता देंगे, किसी को कोई समस्या नहीं हुई और सोमवार को सभी आश्रम पहुंच गए।

साधना देवी तो पहले से ही उन सब का इंतजार कर रही थी, उसके आते ही वो उन सब से मिली, प्रताप ने बताया कि उसके घर में छः औरतें हैं ये आपकी अनुयाई बनना चाहती है।

फिर साधना ने उन्हें सारे नियम बताए, वो सब उसकी बात मान कर हां में अपना सर हिलाते रहे, फिर साधना ने जयंती को बुलाया और उसे बोली ये छः औरतें है।

ये हमारे आश्रम की अनुयाई बनना चाहती है, मैंने इन्हें सारे नियम समझा दिए है, तुम इन्हें पूरा आश्रम दिखा दो और आश्रम में क्या क्या होता है बता दो ?

जयंती उन्हें वहा से ले गई साधना देवी अपने काम में लग गई, और प्रताप और उसके दोनों बेटे बाहर उनका इंतजार करने लगे।

तीन घंटे बाद वो सब फिर से एक साथ थे, उन सब ने आश्रम का अनुयाई बनने की लिए हां कह दिया, तो साधना देवी बोली मैं चाहती हूं कि आप सब वी आई पी अनुयाई बने इस आश्रम की।

ये सुनकर तो प्रताप के चहरे पर खुशी आ गई, प्रताप ने सब को आखों से हां बोलने को कहा तो सब ने ऐसा ही किया, फिर साधना देवी ने दस औरतों को अंदर बुलाया ।

और प्रताप की फैमली की औरतों से बोली इनमें से किसी एक को पूरी फैमली चुन ले, तुम सब उसी औरत की सार्थी होगी, उन दस औरतों में जयंती भी थी।

उन सब ने जयंती की आश्रम में प्रतिष्ठा देखी थी, इसलिए सब ने एक साथ जयंती का नाम लिया, फिर जयंती ने उनसे उनके बारे में सब पूछा।

और उन्हें सब कुछ बता दिया और जयंती ने उसी हिसाब से उनके लिए शेड्यूल बना दिया, एक महीना बीत गया।

प्रताप, लव और कुश काम में व्यस्त थे, और घर की सभी औरतें आश्रम में जाकर बहुत खुश थी, जयंती ने प्रताप की घर की औरतों को दो हिस्से में बाटा, पहले हिस्से में प्रताप की बीबी और बहन थी।

इनके साथ उसे कुछ नहीं करना था, इनको वी आई पी अनुयाई के जैसा ही रखना था और दूसरे हिस्से में थी प्रताप के बेटों की बीवियां और दोनों बेटी, जेनिफर ने अपने बदले के लिए इनको ही चुना था।

आश्रम के नियम के अनुसार एक समय में घर का एक ही सदस्य रह सकता था, जयंती प्रताप के बेटों की बहु और उसकी बेटियों का ब्रेनबॉस करने लगी।

इसके लिए उसने दो आश्रम की औरतों का इस्तमाल किया, और कुछ ही महीनों में वो ब्रेनबॉस हो गई, अब वो आश्रम के लिए कुछ भी कर सकती थी।

25 जनवरी 2020 आश्रम में आज प्रताप की छोटी बेटी निकिता आश्रम आई थी, निकिता पिछले ही सप्ताह 18 साल की हुई थी, वो एक दम प्रिंसिस की तरह थी।निकिता बहुत गोरी थी, उसकी हाइट 5 फीट, वजन 42 कि लो, ब्रेस्ट साइज 31 इंच, वेस्ट साइज 24 इंच, हिप्स साइज 27 इंच था।

वो बहुत ही सुंदर दिखती थी, खासकर उसकी आंखे बहुत सुंदर थी, जयंती निकिता से बात कर रही थी, जयंती निकिता से बोली हम सब श्रमदान देते है।

एक और तरह का श्रमदान होता है जिसके कारण ही ये आश्रम टीका हुआ है, निकिता बोली जय शकुंतला देवी, ( जय शकुंतला देवी इस आश्रम का नारा है, इसी नारे से अनुयाई को उनका कर्तव्य याद दिलाया जाता है, और अनुयाई भी इस नारे को बोल कर अपनी पूड़ सिरधा बताती थी, और उन्हें इस नारे से शक्ति भी मिलती थी) जयंती देवी वो कौन सा श्रमदान है कृपया मुझे बताए।

तो जयंती बोली आज रात 12 बजे हम एक जगह चलेंगें अकेले, निकिता ने हां में सर हिला दिया, ठीक रात को 12 बजे जयंती और निकिता आश्रम के नीचे बने तेखाने में थी।

वहा पर बहुत सारी पुरानी किताबें थी, जयंती एक पुरानी किताब वहा पर लाई और उसे निकिता को दिखाया, तो वो किताब हिबरू में थी।

निकिता उस किताब को देखने लगी, उसे हिबरु नहीं आती थी, पूरी किताब में संभोग के चित्र बने हुए थे, उन्हें देखकर निकिता बोली जयंती देवी में इस किताब को नहीं समझ पा रही हूं।

तब जयंती बोली इस आश्रम की कई अनुयाई आश्रम के इस काम को करती है,  तब निकिता बोली वो क्या काम करती है ?, तो जयंती बोली वो आश्रम के लिए श्रमदान करती है।

ये श्रमदान और श्रमदान से अलग है, इस श्रमदान में औरतें अपने शरीर को बेचती है, और श्रमदान करती है, निकिता के समझ में कुछ नहीं आ रहा था।

वो जयंती से बोली जयंती देवी मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा है, तब जयंती बोली तुम्हें किसी के साथ संभोग करना होगा, और जो रुपए मिले वो आश्रम में जमा करने होंगे।

सब कुछ इस किताब के हिसाब से होगा, और इस श्रमदान में चार साल का समय लगता है, फिर तुम और करना चाहो इस श्रमदान को तो कर सकती हो।

चार साल के बाद तुम इस श्रमदान को छोड़ सकती हो पर इससे पहले नहीं छोड़ सकती हो, तुम्हारे छोड़ने के बाद ये काम फिर किसी और को मिलेगा।

निकिता ये बात सुनकर खुश हो गई कि आश्रम ने इतने बड़े काम के लिए उसे चुना है, उसने हंसते हंसते हां बोल दिया, वो पूरी तरह से ब्रेनबॉस थी।

पर जयंती बोली नहीं अभी नहीं, जब तुम अगले महीने आओगी तब इस बात का जवाब देना, इसके बाद जयंती और वो दोनों औरतें दो दिन तक इसी बात को लेकर निकिता का ब्रेनबॉस करती रही।

पर निकिता के दिल ने तो पहले ही आश्रम के लिए हां कह दिया था, और इसी तरह साधना देवी ने प्रताप की बड़ी बेटी और दोनों बहु को भी निकिता की तरह जाल में फसा लिया और उन्हें भी अगले महीने की कह दिया था।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस बदला कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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