बदला पार्ट 8

लेखक- सीमा सिंह

चंचल जब भी घबराती जय शकुंतला देवी मन में बोल देती, चंचल जैक के सामने पूरी नंगी थी, जैक उसकी चूत देख रहा था, चंचल की चूत गोरी थी और बीच वाला हिस्सा गुलाबी था।

जैक ने अपने देश में बहुत लड़कियों को चोदा था पर वो सब काली थी इसलिए जब जैक को पता चला की बहुत ही खूबसूरत औरतों के साथ चूदाई करनी है।

और रुपए भी मिल रहा है तो वो इस काम के लिए फ्री में ही राजी हो गया था, उसे तो किसी विदेशी को चोदना था, उदर जैसे ही चंचल की चूत पर किस हुआ।

वो काप गई और जय शकुंतला देवी मन में बोल कर नॉर्मल होने लगी, जैक ने चूत को चूमने के बाद अपने एक उंगली चूत में डाल दी और उंगली को अंदर बाहर करने लगा ।

चंचल सिसक उठी उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह और उसकी टांगें हवा में हो गई वापिस आते समय उसने अपनी दोनों टांगों को जैक के कंधे से होते हुई उसके पीठ पर रख दी।

जैक उंगली को इतनी तेजी से अंदर बाहर कर रहा था कि चंचल की चूत से रस बहने लगा, जब जैक ने चूत से निकलता रस देखा तो अपना मुंह चंचल की चूत के पास में ले आया ।

और अपनी जीभ से रस को चाटने लगा, कुछ रस चंचल की गांड़ और चूत के बीच में बह रहा था, जो अभी चंचल की गांड़ के छेद तक नहीं पहुंचा था कुछ दूर था।

जैक ने चंचल के उस रस को भी चाट चाट के साफ कर दिया, वो चूत से निकलती धार को पिए जा रहा था, 15 मिनट में ही चंचल की चूत ने जवाब दे दिया वो झड़ गई।

जैक चंचल का पूरा रस पी गया और चाट चाट के सफाई कर दी चूत की, अब तक जेनिफर बेड के पास की कुर्सी पर बैठ चुकी थी, जेनिफर ने चंचल को बेड के किनारे पर घोड़ी बनने को बोला।

चंचल ने ऐसा ही किया, जैक का लंड पेंट में पूरा खड़ा हो चुका था, उसने अपनी पेंट निकाल दी उसने अंडरवियर नहीं पहना था, पेंट निकलते ही काला नाग चंचल के सामने फुफकार रहा था।

चंचल कुछ पीछे हुई चंचल को ऐसा करता देख जेनिफर बोली जय शकुंतला देवी ये सुनकर चंचल मन में बोली जय शकुंतला देवी और आगे हाथ बड़ा कर जैक के लंड को पकड़ लिया।

और सहलाने लगी, फिर चंचल ने अपना मुंह खोला और उसे चूसने लगी और साथ में चुपा मरने लगी, फिर चंचल ने अपनी जीभ बाहर निकाली और पूरे लंड पर घूमाने लगी।

पांच मिनट हो चुके थे जैक को मजा आ रहा था वो भी उसकी चूत को फिर से चाटना चाहता था, इसलिए उसने चंचल को लिटा दिया और 69 की पोजीशन में उसके ऊपर आ गया।

जैक ने अपना पूरा वजन चंचल के ऊपर नहीं डाला था बल्कि घुटनों और हाथ पर ही रखा था, चंचल अपने मुंह के ऊपर झूलते हुए लंड को चूस रही थी।

जैक अपनी जीभ चंचल की चूत में डालकर चूसे और चाटे जा रहा था, पांच मिनट के बाद जैक ने चंचल को सीधा किया और उसके दोनों पैरों को फैलाकर नीचे कर दिया और उसकी चूत के ऊपर अपना लंड टीका दिया और उसके ऊपर लेट गया।

और लंड से एक झटका मारा, लंड उसकी चूत को चीरता हुआ आधा अंदर जा चुका था, चंचल की एक जोर की चीख निकली उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह मां मर गईईईईई आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह ।

चंचल मन में जय शकुंतला देवी बोल कर चुप होने लगी, उसकी आंख से आसू आ रहे थे, उसे बहुत दर्द हो रहा था, अभी चंचल संभल पाती उससे पहले ही जैक ने दो चार झटके में अपना पूरा लंड चूत में डाल दिया और रुक गया।

इन झटकों से चंचल की चीख निकल रही थी उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह पर वो मन में जय शकुंतला देवी बोल कर दर्द को सहन कर रही थी।

फिर जैक धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा, दस मिनट तक ऐसे ही चोदा चंचल को, अब चंचल का दर्द भी अब कम हो चुका था, जैक ने लंड को बाहर निकाला ।

और जैक ने चंचल को बेड पर घोड़ी बनने को कहा चंचल डरती हुई बेड पर घोड़ी बन गई, जैक उसके पीछे आ गया तभी जेनिफर ने ऑयल की शीशी जैक को दे दी।

जैक ने ऑयल अपने लंड पर लगा लिया, फिर जैक ने अपना लंड चंचल की चूत ने डाल दिया और तेज तेज झटके मरने लगा, इस बार जैक चंचल को तेज चोद रहा था, चंचल की चीखें कमरे में गूंज रही थी।

उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह दर्द से चंचल की आंखों से आसू बह रहे थे।

जब भी जैक का आगे का हिस्सा (जांघ) चंचल के गोल गोल भरे भरे नितम्बों से टकराता तो थप थप थप की ध्वनि का मधुर संगीत गूंजता हुआ कमरे में बहुत ही अच्छा लग रहा था।

दस मिनट के बाद जैक हट गया तो चंचल बेड पर लेट गई, उसकी चूत में दर्द हो रहा था उसे ऐसा लग रहा था कि किसी ने उसकी चूत में से गर्म गर्म रोड निकाल ली हो।

अभी वो कुछ राहत की सांस ले पाती, उससे पहले जैक नीचे खड़ा होकर उसे पास आने की बोलने लगा, चंचल की हिम्मत नहीं हो रही थी जैक के पास जाने की।

जेनिफर चंचल को देख कर समझ गई, चंचल डर रही है तभी जेनिफर बोली जय शकुंतला देवी, चंचल मन ने जय शकुंतला देवी बोल कर उसके पास आ गई।

जैक ने चंचल को नीचे खड़ा किया और चंचल को बेड पर झुका दिया और उसके कूल्हे कुछ पीछे निकाल दिए और फिर से लंड पर ऑयल लगाकर चंचल की कमर को दोनों हाथ से पकड़ कर तेज तेज चोदने लगा।

चंचल के गोल कोमल कूल्हों से थप थप थप थप थप की ध्वनि का मधुर संगीत पहले से भी बहुत ही अच्छा लग रहा था, चंचल की दर्द की चीखें ऐसी लग रही थी।

उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह जैसे उसकी जान ही निकल जायेगी इन धक्कों से।

फिर बदहाल चंचल के कान में जय शकुंतला देवी, जय शकुंतला देवी, जय शकुंतला देवी की आवाज गूंजी, चंचल ने दर्द को सहन करते हुए अपने आप को संभाला।

और हिम्मत करके दर्द से चीलाते हुए अपनी कमर हिला कर जैक का साथ देने लगी, अब उसमे भी हिम्मत आ गई थी, चंचल ने मन में सोच लिया था। 

कि वो बार बार डर रही है और जेनिफर उसे याद दिला रही है ये उसके अनुयाई होने के नाम पर कलंक है, अब चंचल ने मन को कड़ा कर लिया की अब वो जैक का पूरा साथ देगी।

फिर जैक ने दस मिनट के बाद लंड बाहर निकाल लिया और पोजीसन बदल बदल के उसे चोदने लगा, जैक चंचल को उसी पोजीशन में चोद रहा था जिससे उसके चूतड़ों से थप थप थप की आवाज हो।

पर अब जेनिफर को चंचल को जय शकुंतला देवी बोल के हिम्मत देने की जरूरत ही नहीं पड़ी, चंचल मन में जय शकुंतला देवी बोल कर चूदाई करवा रही थी।

कई बार पोजीसन बदल के चोदने के बाद जैक का लंड झड़ने के करीब आ गया, तो उसने चंचल के मुंह को खुल वाया और लंड अंदर डाल दिया और उउउउह्ह्ह आआआ ।

करके झड़ने लगा चंचल जैक का सारा वीर्य पी गई और बेड पर लेट गई, जैक बाथरूम में जा चुका था, जेनिफर कुर्सी से खड़ी हुई चंचल के पास आई और बोली तुमनें बहुत अच्छा किया।

चंचल बोली ये तो आपकी वजह से हुआ है जो अपने मुझे दवाई दी थी उससे, जेनिफर बोली वो एक और बार करेगा, चंचल बोली मैं कर लूंगी।

और जेनिफर बोली जय शकुंतला देवी, चंचल भी बोली जय शकुंतला देवी, जैक के बाथरूम से आने के बाद चंचल बाथरूम में गई, उसे चूत में बहुत दर्द हो रहा था।

और बाथरूम से आने के बाद वो बेड पर लेट गई, जैक फोन चला रहा था, दस मिनट के बाद जैक फिर से चंचल के पास में गया, और चंचल से चिपक के उसके होठों को चूमने लगा।

जैक उसके होठों को चूमता हुआ साथ में नीचे उसके दोनों कूल्हों को दोनों हाथों से मसल रहा था, और बीच बीच में चंचल के बूब्स को चूमता और फिर से किस करने लगता।

उदर चंचल भी उसका पूरा साथ दे रही थी उसके भी हाथ जैक की पीठ पर चल रहे थे, साथ में चंचल जैक के लंड को पकड़ के सहला अभी रही थी।

दोनों एक दूसरे के बदन से खेल रहे थे, चंचल जैसे अपने पति लव के साथ मजे करती थी अब उसी तरह जैक के साथ मजे कर रही थी।

अब उसके अंदर की झिझक खत्म हो गई थी, चंचल पूरी निष्ठा से श्रमदान में लगी हुई थी, और जैक को खुश करने की भरपूर कोशिश कर रही थी।

15 मिनट के बाद जैक ने चंचल को छोड़ा, और चंचल को बेड के बीच में इस तरह से कुतिया बनाया जिससे वह उसे एक अच्छी पोजीशन में चोद सके।

चंचल ने बिल्कुल भी देर ना लगाई और जैसा जैक उसके हाथ पैरों को जिस पोजीशन में करता गया वह होती गई फिर जैक में अपने लंड पर ऑयल लगाया और चंचल की चूत के अंदर भी लगाया।

और अपने लंड का सुपड़ा चंचल की चूत के अंदर हल्का सा घुसेड दिया, और अपने आप को सही पोजीशन में किया और एक ही झटके से पूरा लंड अंदर डाल दिया।

इतनी ताकत से जैसे ही लंड अंदर गया चंचल के मुंह से चीख निकल गई उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह वो फिर से रोते हुए मन में जय शकुंतला देवी बोलने लगी।

उधर जैक ने फिर से लंड को एक झटके में बाहर खींचा और फिर से अंदर डाल दिया इस बार भी चंचल के मुंह से निकला उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह और मन में बोली जय शकुंतला देवी।

जैक अपने पूरे लंड को बाहर खींचता और फिर एक ही झटके में पूरी ताकत से अंदर डाल देता वह फिर से बाहर निकालता फिर से पूरी ताकत से अंदर डाल देता। 

यह देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कोई धोबी कपड़ा धोते समय कपड़े को ऊपर ले जाता है और फिर पूरी ताकत से पत्थर पर मार देता है, इसी तरह से जैक चंचल को चोद रहा था। 

जैक के जांघों के चंचल के नितंबों पर टकराने की आवाज इतनी तेज थी जितनी तेज तो कोई धोबी कपड़े को पत्थर पर पटकते समय भी नहीं कर पता है। 

साथ में चंचल की चीखें इतनी तेज थीं के फार्म हाउस के आसपास के लोग भी सुन लेते पर यह कमरा साउंड प्रूफ था इसलिए बाहर किसी को कुछ सुनाई नहीं देने वाला था। 

चंचल की चूत में जब जैक का लंड अंदर जाता तो चंचल चिल्लाती उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह और मन में जय शकुंतला देवी बोलती।

और जब जैक का लंड उसकी चूत से बाहर निकलता तो उसे कुछ आराम मिलता तो वह अपने आप को शांत करने के लिए जय शकुंतला देवी जय शकुंतला देवी जय शकुंतला देवी मन में जल्दी जल्दी बोलती। 

इतना दर्द सहन करने के बाद वह जैक का पूरा साथ दे रही थी, जैक चंचल पर बिल्कुल भी रहम नहीं दिखा रहा था, पूरे कमरे में थप थप थप थप थप थप की आवाज शराब और हो रही थी। 

चंचल के चूतड़ों पर पढ़ते धक्कों की रफ्तार चंचल पर सहन नहीं हुई और बीस मिनट बाद की पोजीशन कुछ बदल गई तो वह कुछ आड़ी टेढ़ी सी लेट गई अब चंचल अच्छा डॉगी स्टाइल में नहीं रही थी। 

आप मेरे साथ बने रहिए और इस बदला कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

Leave a Comment