लेखक- सीमा सिंह
वो झट से मान गया, वो कुमकुम को देखने का एक भी अवसर छोड़ना नहीं चाहता था, निजाम मार्किट से जाकर एक फ्लावर शॉप वाले को ले आया।
और साथ में एक डिकुरेटर को भी ले आया और अपने सामने पूरा कमरा गुलाब से सजवाने लगा और रूम को सजवाते समय बीच बीच में निजाम कि नजरे रह रहकर कुमकुम को घूर रही थी।
उसकी छोटी खूबसूरत नाभि उसने दूसरी बार देखी थी, शबाना की शादी में वो सही से कुमकुम पर ध्यान नहीं दे पाया था, कुमकुम की नाभि अंदर कि तरफ धंसी हुई थी, वो मन ही मन उसे चूसने की सोच रहा था।
कि शबाना बोली थेंक्स भाई, तुम्हारी वजह से ये सब आसानी से हो सका, निजाम थोड़ा दूर हुआ तो शबाना कुमकुम की तरफ देख कर बोली एक चीज कि कमी है, कुमकुम बोली किस चीज की।
शबाना बोली सुहागरात की, आज इतने सालों के बाद इन दोनों को मिलेगा, तो धमाल होगा आज तो इनके कमरे में, अपनी मां के चूदाई के बारे में ऐसी बाते सुनकर कुमकुम शर्मा गयी।
उसके दिमाग में चलचित्र उभरने लगे, जिसमे उसकी मां और साहिल पापा नंगे एक दूसरे के शरीर से लिपटे हुए हैं और साहिल पापा उसकी मां की चूत मार रहे हैं।
उसकी आंखों में गुलाबीपन उतर आया, शबाना ने उसे शर्माते हुए देखा और धीरे से उसके कान में बोली मुझे पता है तू क्या सोच रही है ?, कुमकुम ने चोंक कर उसकी आंखों में देखा।
और उसकी शरारती नजरों में छुपी बात को वो समझ गयी क्योंकि वो जानती थी ?, कि शबाना इन मामलो में कितनी तेज है, उसने फिर से अपनी नजरें झुका ली।
शबाना धीरे से बोली मुझे एक आईडिया आया है, अगर तू साथ दे तो मजा आएगा, कुमकुम बोली क्या ?, शबाना बोली इन दोनों कि सुहागरात देखते हैं, छुप कर, बोल क्या कहती है ?
कुमकुम कि आंखें आश्चर्य से फ़ैल गयी, उसने सोचा भी नहीं था कि शबाना ऐसा कुछ कहेगी, शबाना आगे बोली देख, अभी पार्टी से सब लोग चले जायेंगे।
कोई रिश्तेदार रुकने वाला नहीं है रात को, पुरे घर में सिर्फ तेरे मम्मी पापा और तू रहेगी, मैं घर पर बोल दूंगी कि मैं रात को यहीं रुकूंगी, और फिर रात को हम दोनों मिलकर दोनों कि लाइव सुहागरात देखेंगे।
वॉव, कितना मजा आएगा ?, हमें भी कुछ सीखने को मिलेगा है न, ये सुनकर कुमकुम टपाक से बोली तू तो सुहागरात मना चुकी है तू क्या सीखेगी ?
हम दोनों सेक्स में अनाड़ी थे, कुमकुम चुप चाप उसकी बाते सुनती रही, शबाना आगे बोली और वैसे भी, अपनी मां की सुहागरात देखने का मौका मिलता भी किसे है ?
यु आर लक्की वन, ये सुनकर कुमकुम की हंसी निकल गयी और उसने हंसते हुए अपना सर हिला कर उसे अपनी सहमति दे डाली।
वैसे तो उसने इतनी सी देर में काफी कुछ सोच लिया था कि ये सब गलत है, पर अपनी मां को ऐसे सेक्स करते हुए देखना गलत होगा, साहिल सर भी अब उसके पापा है।
और अपने पापा को नंगा देखना कितना गलत है ?, ये वो अच्छी तरह से जानती थी, पर उसकी उम्र ही ऐसी थी कि ये सब गलत बातो को दरकिनार करते हुए उसने शबाना कि बात मान ली।
शबाना ने निजाम को वापिस घर भेज दिया और मम्मी को भी फोन करके बता दिया की आज वो कुमकुम के साथ रुकेगी, धीरे धीरे सभी मेहमान चले गए।
दोनों सहेलिया साहिल के बेडरूम में छुपने कि जगह देख रही थी, बंगले के कुछ बेडरूम सेकेंड फ्लोर पर थे और सभी बेडरूम कि बड़ी सी बालकनी एक दूसरे से मिली हुई थी।
बस बीच में छोटी सी दिवार थी, साहिल के बेडरूम और कुमकुम के बेडरूम बगल बगल में थे, वैसे तो साहिल कुमकुम को फर्स्ट फ्लोर पर कमरा देने वाला था।
पर सीमा के रिक्वेस्ट करने पर वो उसे मना नहीं कर पाया और अपने बगल का रूम कुमकुम के लिए तैयार कर दिया, साहिल के रूम में दो बालकनी थी और रूम की पीछे भी बालकनी और कुमकुम के रूम की बालकनी एक थी बस एक छोटी दीवार थी बीच में।
दोनों सहेलियो ने डिसाईड किया कि कुमकुम के रूम कि बालकनी से टापते हुए वो उसकी मां के बेडरूम तक जायेंगे और वहां से छुपकर अंदर का नजारा दिखेंगी।
बाहर से अंदर देखने के लिए उन्होंने एक कोने का पर्दा थोडा सा खिसका कर ऊपर कर दिया, वैसे भी बालकनी में काफी अंधेरा था, वहा कोई छुपकर बैठ जाए तो दिखायी ही नहीं देगा।
रात का एक बज रहा था, सभी थक कर अपने अपने कमरे कि तरफ जाने लगे, अपने कमरे के अंदर जाते हुए कुमकुम ने सीमा को देखा तो उसने अपना अंगूठा ऊपर कर दिया।
और बोली आल द बेस्ट फॉर यूर न्यू लाईफ और फिर वो अपने कमरे कि तरफ चली गयी, जहा शबाना पूरा इंतजाम करके बैठी उसका इन्तजार कर रही थी।
और वही दूसरी ओर अपने बेडरूम में जाते ही वहां की सजावट देखकर सीमा और साहिल आश्चर्यचकित रह गए, वो समझ गए कि ये सब कुमकुम ने किया है।
साहिल ने दरवाजा बंद कर दिया और सीमा को अपने पास बुलाया और उसे अपनी बाहों में लपेट कर जोर से हग किया, सीमा का दिल तेज तेज धड़क रहा था।
आज ये पहला मौका था जब साहिल उसे अपनी बाहों में ले रहा था, इसी बीच कुमकुम और शबाना बालकनी फांद फांद कर वहां तक पहुंच गयी थी।
और बाहर छुप कर सारा नजारा देख रही थी, साहिल ने अपनी बाहें सीमा के चारों तरफ लपेट दी और झुक कर उसकी गर्दन पर अपने होंठ रख दिए सीमा सिसक उठी।
साहिल के हाथ उसकी साड़ी के ऊपर उसके नितम्बों पर फिसल रहे थे, फिर उसने साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया, और कमर में फसी हुई साड़ी खोल कर नीचे गिरा दी।
उसके मोटे मोटे बड़े बड़े बूब्स बड़े ही दिलकश लग रहे थे साहिल को, उसने अपने हाथों को उसके उरोजों के नीचे रखा और धीरे से बोला इन्ही दशहरी आमों ने मुझे तुम्हारा दीवाना बनाया है ।
उसकी बात सुनकर सीमा शर्माती हुई साहिल के सीने से लिपट गयी, साहिल ने एकदम से सीमा के चेहरे को पकड़ा और अपने होंठ उसके होंठों पर रखकर उन्हें बुरी तरह से चूसने लगा।
साहिल के हाथ सीमा के शरीर पर फिसल रहे थे और साथ में उसके बूब्स को मसल रहे थे, उसने सीमा को चूमते चूमते ही उसके ब्लाउस के हुक खोल दिए।
और उसकी ब्रा के कप नीचे खिसका कर उसके स्तनों को नंगा कर दिया, और फिर अपना चेहरा नीचे करते हुए उसने एक एक करके सीमा के निपल्स को बेतहाशा चूमने और चूसने लगा।
फिर उसके हाथ सीमा के कूल्हों को मसल रहे थे, उसके पेटीकोट को ऊपर करते करते उसे कमर तक ले आया, और एक ही झटके से साहिल ने सीमा कि पैंटी को दोनों तरफ पकड़ा।
और एक दम से खींच कर उसकी चूत और गांड के बीच ऐसे फंसा दिया जैसे कोई पतली सी रस्सी हो, अपनी दरारों पर पैंटी का दबाव पड़ते ही सीमा तड़प उठी।
और अपने पंजों पर खड़ी होकर सीत्कार उठी अह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स्स् स्स्स्स्स उम्म्म्म, पर साहिल से अब सब्र नहीं हो रहा था, क्योंकि तलाक को तीन साल हो गए थे, अब उसको एक और बीबी मिली थी।
वो इतने सालों से अपनी नजरों के सामने सीमा को देख रहा था अब उससे रहा नहीं जा रहा था, उसने बाहर मुंह तो बहुत मारा था, इसका मतलब बहुतों की चुदाई की थी, पर सीमा के सामने शरीफ बना रहा और उसको कुछ पता नहीं चलने दिया।
वो सीमा को मन में कई बार चोद चुका था, उससे अब सब्र नहीं हो रहा था, उदर सीमा का भी लगभग यही हाल था, उसे आज लगभग पांच साल बाद किसी मर्द ने इस तरह से पकड़ा था।
वो अपनी चूत वाले हिस्से को उसके लंड पर रगड़ती जा रही थी, और उसके मुंह से अजीब अजीब सी आवाजें भी निकल रही थी अह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
और ये सब नजारा बाहर छुपी हुई दो जवान लड़कियां अपना मुंह फाड़े देख रही थी, शबाना तो सीमा के बूब्स देखकर बुदबुदा उठी वाव, क्या ब्रेस्ट है तेरी मां की ?
उसका मन कर रहा था कि अंदर जाए और उन्हें चूस डाले, साहिल ने एक ही झटके में सीमा का पेटीकोट भी नीचे गिरा दिया, और फिर नीचे बैठते हुए उसकी पैंटी भी नीचे तक उतार दी।
अब वो सीमा की चूत के आगे घुटनों के बल बैठा हुआ था, उसकी चिकनी चूत को देखकर उसके मुंह में पानी आ गया और उसने अपना मुंह वहां लगा दिया।
सीमा का पूरा शरीर थरथरा उठा, उसके पति ने भी आज तक उसकी चूत नहीं चूसी थी, ये पहला मौका था जब उसकी चूत को किसी के होंठों ने छुआ था।
उसने अपनी आंखे बंद कर ली और अपना एक पैर उठा कर साहिल के कंधे के पीछे कर दिया, और अपनी खुली हुई चूत के अंदर साहिल की जीभ को पूरी तरह से महसूस करने लगी।
बाहर कुमकुम को ऐसा लगने लगा कि उसकी चूत के अंदर चींटियाँ रेंग रही है, उसने हाथ फेरा तो पाया कि वहां से कुछ गीला गीला पानी निकल रहा है।
और यही हाल शबाना का भी था, उसने तो अपने पायजामे के अंदर हाथ डालकर अपनी चूत सहलानी भी शुरू कर दी थी, और कमरे में सीमा से अब खड़ा नहीं हुआ जा रहा था।
वो पीछे कि तरफ होती गयी और पलंग पर जाकर पीठ के बल लेट गयी, गुलाब कि पंखुड़ियों से सजी उस सेज पर एक तूफ़ान सा आ गया जब साहिल ने सीमा की दोनों टांगो को फेला दिया।
और अपनी जीभ को किसी लंड कि तरह उसकी चूत के अंदर उतार दिया और बुरी तरह से ऊपर नीचे होकर उसे चोदने लगा साथ में अपने हाथ से बूब्स मसलने लगा।
बालकनी में छुपी हुई शबाना और कुमकुम का बुरा हाल था, कुमकुम तो नीचे बैठी थी, और शबाना उसकी पीठ के पीछे खड़ी थी।
शबाना ने ना जाने कब अपने पायजामे को नीचे खिसका कर अपनी चूत को नंगा कर लिया था, इस बात का कुमकुम को भी अंदाजा नहीं था।
अंदर का माहोल और भी गर्म हो गया जब साहिल ने उठकर अपना कोट पेंट उतार फेंका और अपने लंड को निकाल कर सीमा के सामने लहरा दिया।
और उस लंड को देखकर सीमा के साथ साथ कुमकुम की आंखे भी फट गयी, लगभग आठ इंच का लंड था साहिल का और कुछ कम होगा पांच इंच से मोटा।
शबाना तो वसीम के लंड को देख चुकी थी, और अपनी चूत में ले भी चुकी थी, तो उसके लिए ये नॉर्मल लंड था, उदर कमरे में सीमा ने आज तक लंड नहीं चूसा था।
पर अपनी चूत चुस्वा कर आज उसे इतना मजा आया था कि उसने झट से उसके लंड को पकड़ा और एक नजर साहिल को देखा और अपने मुंह में लेकर लंड को जोरों से चूसने लगी।
साहिल के मुंह से एक लम्बी आआअह निकल गयी, थोड़ी देर तक अपना लंड चुस्वाने के बाद साहिल असली काम पर आ गया, उसने अपने बाकी के बचे खुचे कपड़े उतार फेंके।
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