चूत की आग पार्ट 15 (antarvasnastory.org)

लेखक- सीमा सिंह

और वो शबाना कि उंगली को साहिल पापा का लंड समझ कर उसके ऊपर लहराने लगी, और मजे कि बात ये थी कि शबाना भी साहिल के लंड के बारे में ही सोचते हुए फिंगरिंग कर रही थी।

और साथ वाले कमरे में सीमा साहिल का लंड सच में लेकर मजे कर रही थी, देखा जाए तो एक ही बन्दा तीन तीन चूतों को एक साथ मजे दे रहा था।

शबाना के तो दोनों हाथ बिजी थे पर कुमकुम बिल्कुल खाली थी, और ऐसी हालत में आते ही अनायास उसका दांया हाथ अपने बूब्स कि तरफ चला गया।

और उसने अपना बूब्स बुरी तरह से मसल डाला, अपने ही हाथों दर्द पाने का मज़ा अलग ही होता है, और आज बहुत दिन बाद अपने उरोजों को दबोचकर जो दर्द कुमकुम फील कर रही थी।

उसमे एक अलग ही मजा आ रहा था उसे, उसकी सिसकारी सुनकर शबाना ने भी अपनी आंखें खोली और उसकी ख़ुशी का कारण जानकर उसने उसका दूसरा हाथ अपने बूब्स के ऊपर रख दिया।

और फिर कुमकुम को समझाने कि जरुरत नहीं पड़ी कि आगे क्या करना है ?, उसने शबाना का भी भोम्पू बजाना शुरू कर दिया, शादी के बाद शबाना कि बूब्स उसके मुकाबले काफी बड़ी हो गई थी।

इन्फेक्ट कुछ साल बस उसकी मम्मी के जितनी हो जाएंगे, उसने मन ही मन सोचा कि काश उसके स्तन भी शबाना के जैसी बड़ी और मुलायम होती क्योंकि लड़को को तो बड़े बड़े वक्ष ही लुभाते हैं ?

शबाना के निपल्स खड़े होकर बुरी तरह से मचल रहे थे और यही हाल कुमकुम के निपल्स का भी था, एक तो वो अभी छोटे थे ऊपर से जो खुजली अभी उनमे हो रही थी।

उसका तो मन कर रहा था कि उन्हें नोच कर कोई खा जाए बस, और इतना सोचते ही कुमकुम ने शबाना के सर के पीछे हाथ रखकर अपनी तरफ खींचा और अपनी छाती पर दे मारा।

कुमकुम का सख्त हुआ निपल्स किसी शूल कि तरह शबाना के चेहरे पर चुभा क्योंकि रात के समय कुमकुम ने सिर्फ टी शर्ट पहनी हुई थी ?

टी शर्ट के अंदर से निपल्स कि शेप ऐसी थी कि शबाना अपने आप पर कण्ट्रोल नहीं रख पायी और उसके बूब्स को बाहर निकाला और अपना मुंह खोलकर उसकी पूरे स्तन को निपल्स समेत अपने मुंह के अंदर धकेल लिया।

और जोर जोर से चुसाई करने लगी, कुमकुम के मुंह से सिसकारी निकलने लगी, आआय यययययी ईईईईईई उम्म्म्म् म्म्म्म्म्म एस्स्स्स्स् स्स्स्स्स्स्स ।

कुमकुम ने शबाना का सर और जोर से अपने अंदर घुसा लिया, और बोली कट्टी मारो स्स्स्स्स्स् स्स्स्स्स्स्स्स अह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह खा जाओ इसे उम्म्म्म्म्म्म्म्म ।

शबाना से इस तरह से नहीं हो रहा था, तो उसने एकदम से कुमकुम की टी शर्ट को ऊपर किया और उसे उतार फेंका, अब कुमकुम पूरी नंगी होकर उसकी गोद में बैठी थी।

और उसके लरजते हुए गीले निपल्स शबाना के अधरों में जाने के लिए मचल रहे थे, शबाना ने अपनी जीभ होंठों पर फेरकर उन्हें गीला किया।

और अपना मुंह आगे करते हुए उसके स्तन को फिर से अपने मुंह में लेकर चूसने लगी, कुमकुम सिसक का बोली अह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह शबाना उम्म्म्म्म्म् म्म्म्म्म सक्क्क ईट अह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बाईट करो इन्हे ।

शबाना का एक हाथ अपनी चूत और दुसरा हाथ कुमकुम कि चूत कि सेवा कर रहा था और मुंह से वो उसके निपल्स को सक कर रही थी, मल्टीटास्किंग गर्ल थी शबाना।

जो इतने काम एक साथ कर रही थी, वो कभी उसके दांये और कभी बांये निपल्स को चूसती, दोनों को चूस चूसकर उसने लाल सुर्ख कर दिया था।

लाल निशान बना दिए उसके गोरे बूब्स पर, कुमकुम ने भी नाईट शर्ट के बटन खोलकर उसके बूब्स बाहर निकाल लिए और अब दोनों पूरी तरह से नंगी होकर एक दूसरे के शरीर से खेल रही थी।

इस खेल को बहुत दिन बाद खेल कर बहुत मजा आ रहा था उन्हें, कुमकुम उसे उठाकर बेड कि तरफ ले गयी, और शबाना के ऊपर लेट कर उसके निपल्स को चूसने लगी।

और फिर शबाना ने उसे ऊपर खींचते हुए उसके होंठों पर भी एक रसीली फ्रेंच किस्स कर दी, दोनों ने काफी दिन से एक दूसरे को इस तरह से नहीं चूमा था।

दूसरे कमरे से आ रही थपेड़ों कि आवाज और भी तेज हो गयी, साहिल ने सीमा को अपनी गोद में ले रखा था और नीचे से धक्के मारकर उसके शरीर के कलपुर्जे हिला रहा था।

अब कुमकुम से भी रहा नहीं जा रहा था, उसने अपनी चूत वाले हिस्से को शबाना की चूत के ऊपर लगाया और ऊपर नीचे होते हुए जोर जोर से घर्षण करने लगी ।

और फिर एक जोरदार गर्जना के साथ दोनों कि चूतों से लावा बह निकला और कुमकुम हांफती हुई सी शबाना के ऊपर गिर पड़ी, और दूसरे कमरे का तूफ़ान भी अब शांत हो चुका था।

पर शायद ये शांति कुछ देर के लिये थी, क्योंकि साहिल और सीमा की तो आज सुहागरात थी, पर उसका असर कुमकुम पर क्या हो रहा है ?, ये शायद ना तो सीमा ने सोचा था और ना ही साहिल ने।

वही दूसरे कमरे में कुछ देर पहले साहिल और सीमा एक बार चूदाई कर चुके थे, और एक दूसरे की बाहों में थे, और बाते कर रहे थे, तभी दस मिनट में ही उसका लंड फिर से खड़ा हो गया।

ये देखकर सीमा हैरान हो गई की साहिल का लंड फिर से कैसे खड़ा हो गया ?, उसने साहिल की तरफ देखा साहिल सीमा की नजरों को भाप गया और मुस्कुरा दिया।

और बोला आज की रात को हसीन बनाने के लिए मैंने कुछ किया है, सीमा समझ गई फिर भी वो साहिल से सुना चाहती थी,  तो बोली क्या किया है अपने ?

साहिल उसके माथे को चूमते हुए बोला मैंने दो वियाग्रा की गोलियां खा ली है, ये सुनकर सीमा ने अपने मुंह पर हाथ रख लिया उसे पता था वियाग्रा की गोली का असर।

एक गोली से मर्द खूब धमाल मचाते है, दो गोली के असर की तो बात ही अलग है, सीमा का शरीर ठंडा हो गया वो डरते हुए बोली आपने ऐसा क्यों किया ?

साहिल उसकी हालत समझ सकता था, कि सीमा किस बात से डर रही है ?, उसने सीमा को किस किया और बोला डार्लिंग मैंने तुम्हारे लिए भी एक इंपोटेंट दवाई मंगवाई थी।

उसे तुम्हारे शरीर में फुल ऊर्जा बनी रहेगी, सीमा ने उसके आगे हाथ कर दिया और बोली वो गोली मुझे दो साहिल उसके पेठ पर हाथ फेरते हुए बोला यहां है वो।

सीमा आश्चर्य से उसे देखने लगी फिर उसे याद आया कमरे में आने से पहले साहिल उसके लिए एक जूस का गिलास लाया था और अपने हाथ से उसे पिलाया था।

साहिल ने सीमा को सही से बिस्तर पर लिटाया और उसकी टांगों को खोल दिया, वो सीमा की मांसल जांघों को चूमते हुए ऊपर की तरफ़ बढ़ने लगा।

पेट, बूब्स, निपल्स को चूमते हुए ऊपर होठों को चूसना चालू किया, उसका लंड सीमा की जांघों के बीच से होता हुआ चूत पर रगड़ने लगा, सीमा ने खुद उसका लंड अपने हाथों में लेकर चूत पर दबा दिया।

गीली और गर्म चूत के स्पर्श से रोमांचित होकर साहिल ने जोर का झटका देते हुए अपना लंड पूरा चूत में दाख़िल कर दिया, सीमा चीखी और अपना मुंह बंद कर लिया।

साहिल बोला डरो नहीं खुल कर प्यार करो हम कोई गलत काम नहीं कर रहे है, सीमा ने हाथ हटा दिया और सिसकते हुए बोली उफ्फ साहिल इइइ चोदो नाआआ राजजाजी ईई, घुसा दो पूरा।

सीमा की तड़प देखकर साहिल बोला हां मेरी जान, चूत की दीवारों की रगड़ से सीमा ने अपने चूतड़ उठाकर लंड को और अंदर डालने का इशारा किया, उसने भी अपने धक्कों की गति तेज़ कर दी।

कटी पतंग की तरह सीमा उस वासना की आंधी में बहती गयी और आअ ह्ह्ह उफ्फ मेरे साहिल इइइई करती हुई वो उससे चिपक गयी, साहिल भी उसके होठों को भूखे शेर की तरह उनको चूसने लगा।

सुपाड़े की मोटाई ने उसकी चूत आज कुछ ज़्यादा ही फ़ैला दी थी, और लंड की लम्बाई तो इतनी थी कि सुपाड़ा उसके गर्भाशय को चूम रहा था, उनकी संभोग क्रीड़ा की मधुर ध्वनि से कमरें की दीवारें थरथरा रही थी।

बिस्तर पर बिछाई चादर की सलवटें उनके प्यार की निशानी में रंग भर रही थी, बीस मिनट तक सीमा ऐसे ही उसके नीचे अपने यौवन रस से भरे शरीर को मसलवाती रही।

सीमा की चूत निरंतर उसके लंड पर अपना काम रस बहा रही थी और इसी वजह से चुदाई की छुअप छुअप की ध्वनि चारों तरफ़ गूंज रही थी।

तेज धक्कों के वार से सीमा की चूत कमज़ोर पड़ने लगी, शरीर में उठते कंपन कुछ इशारा कर रहे थे पर वो वासना के सागर में बिल्कुल डूब चुकी थी।

अचानक उसे ऐसे लगा कि उसका शरीर से कोई उसकी आत्मा छीन रहा है, कि अचानक उसके मुंह से एक ज़ोरदार चीख निकली और उसका शरीर थरथर कांपने लगा।

और सीमा झड़ गयी, सीमा के झड़ने के बाद साहिल ने अपना लंड बाहर निकाला, तो उसने लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी, साहिल अपने घुटनों के बल खड़ा था।

और सीमा उसके सामने झुक कर एक कुतिया की तरह उसका लंड चूस रही थी, और वो उसके बालों में हाथ फेर रहा था, पांच मिनट बाद उसने सीमा को अपनी गोद में उठा लिया।

फिर सीमा को उछल उछल कर उसकी ताबड़ तोड़ चूदाई कर रहा था, सीमा भी दर्द से चिला चिला कर चूदाई का पूरा मजा ले रही थी, जब साहिल का लंड झड़ने को हुआ।

तो उसने सीमा को थोड़ा और ऊपर उठा लिया और उसे चुम्बन करने लगा और लंड चूत से बाहर आ गया तभी उसके लंड ने वीर्य छोड़ दिया सारा वीर्य फार्स पर गिर गया।

अब दोनों थक चुके थे, कुछ देर बाद कमरे में पहले से रखे फल और ड्राई फूड खाए और फिर से चूदाई करने लगे, इस बार सीमा उसके ऊपर आकर खुद ही चूदाई कर रही थी।

फिर साहिल ने सीमा को घोड़ी बना कर चोदा और उसके चूत में झड़ गया, चौथे राउंड में साहिल बैठ गया और सीमा को अपनी गोद में बिठा कर उसे चोदने लगा फिर साहिल ने सीमा को बेड के नीचे खड़ा किया।

और उसे बेड पर हाथ के बल झुका दिया और उसके एक पैर को बेड पर रख के चोदने लगा, साहिल ने सोच रखा था की वो इस बार अपना वीर्य कहा पर निकालेगा।

और पांचवी बार में वो सीमा को कड़वट के बल लिटाकर चोदेगा और फिर सीमा को अपने ऊपर चढ़ाएगा और उसे उल्टा कर देगा जिससे वो सीमा के गांड़ के छेद को सही से देख सके।

वही दूसरी ओर दोनों सहेलिया ढंग से सो नहीं पा रही थी, क्योंकि सीमा और साहिल ने आतंक जो मचा रखा था दूसरे कमरे में, ऐसा लगता था जैसे दोनों वियाग्रा कि गोलियां खाकर आये हो।

थकने का नाम ही नहीं ले रहे थे दोनों, रात के 4:05 बज रहे थे और दूसरे कमरे से फिर से सीमा के बजने की आवाजें आना शुरू हो गई थी ।

शबाना बोली यार, एक बात तो माननी पड़ेगी, ये तेरे साहिल पापा का स्टेमिना है कमाल का, औरतों को तो कोई फर्क नहीं पड़ता, वो चाहे जितनी बार अपनी चूत में लंड ले सकती है।

पर एक ही लंड बार बार तैयार होकर अंदर जाए, ये कमाल कि बात है, कुमकुम बोली इसमें कमाल कि क्या बात है ?, शबाना बोली यार, तू न अक्ल से बच्ची ही है अभी तक।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस चूत की आग कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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