नौकरानी और दीदी की ठुकाई जब कोई घर में नहीं था

हेल्लो दोस्तों ,मेरा नाम राहुल है.देखने में मई हैण्ड सम हु और लड़की पटाने में भी माहिर हु .मेरा बॉडी भी काफी मस्त है क्यों की मई हर दिन जिम में जेक कसरत करता हु,भाभी और लड़की को सेक्स में सैटइसफाई कर सकता हु. मई हरयाणा से बिलोंग करता हु ,सबकुछ बिंदास करता हु और मु पे ही बोलता हु ,मई मुंबई मैं अपने मामा जी के साथ रहता हु और अभी उनके बिज़नस में हेल्प करता हु. मेरे मामा जी की फॅमिली में मेरे अलावा मामी और उनकी उनकी २ लडकिया है. एक बड़ी वाली नेहा दी है और उनकी ऐज 24साल है और छोटी तृष्णा दी. जोकि बहुत ही खुबसूरत है और उनकी ऐज 20 इयर्स है. रिलेशनशिप में सिस्टर होने की वजह से मैं कभी भी उनके बारे में कभी कुछ गलत नहीं सोचता था. अब मैं स्टोरी पर आता हु. बात पिछले साल दिसम्बर महीने की है. जब नेहा दीदी की शादी भोपाल से फिक्स हो गयी थी. लड़के वालो ने डिमांड रख दी, कि हम लोगो कोभोपाल आकर शादी के अरेंजमेंट करने होंगे और शादी वहीँ से होगी. जिस कारण मामी और मामा जी नेहा दीदी की शादी से कुछ हफ्ते पहले ही वहां के लिए रवाना हो गये. ताकि वो सारे आयोजन कर सके.

मुझे ऑफिस का काम था. जिसके कारण मैं मुंबई से शादी के 1 दिन पहले भोपाल पहुचने वाला था. तो मेरे खाने पीने की कोई दिक्कत ना हो. इसलिए तृष्णा दीदी मेरे साथ ही रुक गयी. दिन यू ही बीत रहे थे और मैं रोज़ सुबह ऑफिस चले जाता था और देर शाम को घर आता. फिर मैं और तृष्णा दीदी साथ में डिनर कर के अपने – अपने रूम में सोने चले जाते थे. नेक्स्ट दिन, सन्डे होने की वजह से मैं लेट से जागा. तो देखा कि तृष्णा दीदी वाशिंग मशीन में कपड़े धो रही थी. उनका टॉप और लेग्गिंग पानी से भीग गया था. क्या नजारा था. उनके निप्पल टॉप में से बाहर आते हुए दिख रहे थे. वो मानो मुझे चिड़ा रहे थे, कि अगर हिम्मत है और आकर निचोड़ लो मुझे. चीस कर उस संतरे का जूस पी जाओ. ये क्या लेगिनिंग में से चुतड का उभार साफ़ दिख रहा था. उनकी लटकती हुई गांड मुझे अपने पास ललचा कर बुला रही थी. मैं तो सिर्फ उनको निहार रहा था, कि तभी मेरे कानो में आवाज़ पड़ी.. राहुल ,,,,,, अभी भी सपने में खोये हुए हो क्या? ये मधुर आवाज़ तृष्णा दीदी की थी.

उन्होंने मुझ से कहा – जल्दी से फ्रेश हो जाओ. मैंने छआत पर कपड़े डाल कर आती हु. फिर ब्रेकफास्ट बना दूंगी. मैं फ्रेश होने बाथरूम में चला गया. अचानक से कुछ देर के बाद मुझे तृष्णा दीदी के चिल्लाने की आवाज़ आई.. “राहुल” मैं दौड़ा – दौड़ा गया. देखा तो तृष्णा दीदी सीढियों से फिसल गयी थी और उनके घुटनों में काफी चोट लगी थी. उनको खून भी आने लगा था. मैंने उन्हें जल्दी से अपने कंधे का सहारा देते हुए बैठाया और फिर बेडरूम में लेकर आ गया. चोट लगने की वजह से और ब्लड को देख कर वो बेहोश हो गयी थी और मैंने उनको हिला कर उठाने की कोशिश की. तो वो बस हूँ… की आवाज़े निकाल रही थी और फिर से बेहोश हो गयी. मुझे समझ नहीं आ रहा था, कि मैं क्या करू? मैंने फर्स्ट ऐड बॉक्स से कॉटन लेकर उनके घुटनों को साफ़ करना चाह. बट तृष्णा दीदी के लेगिंग पहने होने की वजह से वो पॉसिबल नहीं था. लेकिन उनके ब्लड को देख कर उनके घुटनों को साफ़ करना बहुत जरुरी था. फिर मैंने दीदी की कमर को उठाते हुए, उनकी लेगिंग को खीच कर अलग किया और उनके घुटनों को साफ़ करके एंटीसेप्टिक क्रीम लगा कर पट्टी कर दी.

अब जब मैं फर्स्ट ऐड बॉक्स रख कर वापस आया. तो दीदी अभी भी बेहोशी की हालत में पड़ी हुयी थी. ना चाहते हुए भी मेरी नज़र उनकी शय्लो रंग की चमकती हई जांघो पर जा रहा था. मैं अपने आखो से उसके जिस्म का जायजा ले रहा था. उनके गालो पर जब वो मुस्कुराती है, तो गद्दे पड़ते है और डिंपल के निशान आते है. गुलाब की भांति कोमल गुलाबी सुर्ख लाल होठ, सुराही जैसी गर्दन और टॉप में खड़े कड़क – कड़क बूब्स. जिसमे से निप्पल की कड़ाई का साफ़ अनुभव हो रहा था. शायद दी ने कपड़े धोते समय दी ने ब्रा निकाल दी थी. सपाट से पेट मनमोहक खुले और दोनों मांसल जांघो के बीच में ट्रायंगल शेप में ब्लैक थोंग तो अपनी एक अलग ही खूबसूरती बिखेर रही थी. बहुत ही गजब लग रही थी तृष्णा दीदी. इतना सब कुछ देख कर मेरा लंड मुझ से बगावत कर बैठा और मेरे लिए अब बर्दाश्त करना मुश्किल होने लगा था. मैंने धीरे – धीरे आगे बढ़ना शुरू किया और आहिस्ते से उनके पेरो के नजदीक जाकर बैठ गया. मैंने दीदी की तरफ उतेजना भरी नजरो से देख रहा था. तृष्णा दीदी अभी तक नींद में ही थी.

दीदी मुस्कुराई और बोली चलो अब खाना खा लो मैने उनसे आँख मार के कहा पहले जिस चीज़ की भूख लगी है वो ही खा लेते है दीदी ने कहा जो मैने स्वीट्स बनाई है वो ही खा लो मैने उनसे कहा अपने हाथो से खिला दो हम दोनो साथ मे बैठे थे दीदी मेरी कुर्सी के पास आकर मेरे मुँह मे स्वीट्स डाल देती है और मेरी आँखें उनकी झूलती हुई चूची पर थी। दीदी बोली यहाँ गर्मी है। और उसने अपने नाइट गाउन का एक बटन खोल दिया। मेंने दीदी से कहा पानी भी पीला दो दीदी और लेने को बोली लेकिन मेरी आँखें तो उनकी चूचीयों पर टिकी थी। मेने कहा कि अगर इन कबूतरों पर रख के चाटने को मिले तो मज़ा आ जाये.

फिर हम बेड पर चले गये. दीदी बेड पर गिर जाती है और में उनके उपर दीदी के नाइट गाउन का बटन टूट जाता है गिरने के कारण और चूचीयाँ पूरी आज़ाद हो जाती है में तुरंत गेट बंद कर के आता हूँ और दीदी की चूचीयों को चूसने लगता हूँ छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक.

दीदी मुझे ज़ोर से पकड़ लेती है और आहें भरने लगती है में एक चूची चूस रहा था और एक चूची को दबा रहा था दीदी की आँखें बंद थी लेकिन उनके चेहरे पर मस्ती साफ झलक रही थी

दीदी – आह ये ठीक नही है.

मे – अब मज़े लो ना दीदी अब हम मर्द और औरत है भाई बहन नही.

दीदी हाथ नीचे ले जाकर मेरा लंड पकड़ लेती है और बोलती है इतना बड़ा मे उन्हे सहलाने के लिये बोलता हूँ फिर उनकी नाइट गाउन उतार देता हूँ दीदी पेंटी नही पहनती थी और उनकी गांड पर हाथ फेरने लगता हूँ दीदी मेरा लंड हाथ से आगे पीछे करती हुई बोलती है इतना बड़ा भाभी कैसे लेती है? मैने उन्हे जवाब दिया दीदी तुम भी लोगी और उछल उछल कर लोगी और मज़ा भी खूब आयेगा फिर हम लोग किस्सिंग करने लगते है हमारी जीभ एक दूसरे से मिलती है और मज़े से किस चलती है में दीदी की गांड को दबाते हुये किस्सिंग कर रहा था दीदी पूरी गर्म हो गयी थी उनके निपल्स नुकीले हो गये थे उनकी साँसें तेज़ चल रही थी फिर हम 69 पोज़िशन मे आ गये मैने अपना लंड उनके मुँह मे डाल दिया और उनकी चूत के छेद मे अपनी जीभ फेरने लगा दीदी मेरे लंड को चूसते हुये मेरे बॉल से भी खेल रही थी.

वो पूरी गर्म हो गयी थी फिर बोलती है भाभी बहुत खुशकिस्मत है जो उनको इतना प्यारा लंड मिला है चुदवाने के लिये फिर अपनी टांग खोल देती है और मुझे बोलती है अब सहा नही जा रहा है अब चोद दे भैया डाल दे अपना मूसल लंड मेरी चूत में में दीदी के उपर आकर एक ही झटके मे अपना पूरा लंड डाल देता हूँ दीदी चीखती है ज़ोर से वो मेरी जीभ को चूसने लगती है फिर ज़ोर ज़ोर से चुदाई शुरू हो जाती है घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा दीदी चुत्तड उठा उठा के मस्ती मे चुदवा रही थी.

दीदी – हाँ भैया मज़ा आ रहा है डालो रे ये मूसल लंड डालो फाड़ डालो मेरी चूत को आहह अहहहहहा हहा आहा हा

मे – ले बहना ले आज में बहनचोद बन गया लेकिन बड़ा मज़ा आ रहा है तुझे चोदने मे दीदी

दीदी – अब कौन भाई बस में प्यासी औरत हूँ और तू मेरा मर्द अहह्ह्ह डालो डालो ज़ोर से लंड अग्घह घहघग इसस्ससस

फिर दीदी की चुतड उपर उठा के उपर से चोदने लगता हूँ दीदी एक बार झड़ चुकी थी उनका रस बाहर निकल रहा था अब चोदने मे बड़ा मज़ा आ रहा था लंड बड़ी आसानी से अंदर बाहर हो रहा था बहुत ही अच्छी खुशबू रूम मे फैल रही थी और चुदाई की आवाज़ और मज़ा दे रही थी घपाक घप घपाक घप घप घपाक घपाक घप दीदी मेरी पूरी हेल्प कर रही थी में उनकी चूचीयों को चूस रहा था एक चीज़ हम ग़लती से भूल गये थे उनके कमरे की खिड़की बंद करना मुझे लगा कोई हमे वहा से देख रहा है घर के अंदर जो खिड़की होती है उसमे कुण्डी नही लगी होती है बाहर की खिड़की पर ही लोहे की कुण्डी लगी होती है हम चुदाई मे मग्न थे बहुत ही मज़ा आ रहा था दीदी के बाल खुले हुये थे चूचीयों को चूसने मे बड़ा ही आनंद आ रहा था तभी एक आवाज़ ने हमे चौका दिया.

सुजाता ( नौकरानी )–  ये क्या हो रहा है मुझे भी करना है ,मुझे भी चोदो ना मैने खिड़की से सब देख लिया है जब मुझे सहा नही गया तो में अंदर आ गयी.दीदी – उई माँ! तू अंदर कैसे आई सुजाता .सुजाता ( नौकरानी ) – में खिड़की से आई पहले तुम्हारी चुदाई देखी फिर आ गयी.दीदी –राहुल चोदते रहो क्या मूसल लंड है रे तुम्हारा ऐसे ही चोदते रहो अघ्घघग आह घ्घग ह घपक घप घपक घप घपक घपक घपक घपक घपक घपक घपक घपक घपक घपक घपक घपक घपक

सुजाता ( नौकरानी )– मुझे भी चोदो ना प्लीज़.दीदी – इधर मेरे पास आजा  किसी को बताना नही प्लीज़. में दीदी को मस्त चोद रहा था दीदी अब झड़ने वाली थी उसकी बॉडी टाइट हो रही थी वो दूसरी बार झड़ने वाली थी उसकी चूची बड़ी मस्ती से हिल रही थी.सुजाता ( नौकरानी ) –  मुझे भी चोदेगे तो में किसी को नही बताउंगी मुझे भी चुदवाना है बसदीदी अब झड़ चुकी थी.

दीदी – सुजाता ( नौकरानी )तुम्हे देखना है तो देख सकती हो राहुल का लंड बहुत बड़ा है तुम्हे तकलीफ़ होगी राहुल  ब लंड निकालो ना में झड़ चुकी हूँसुजाता ( नौकरानी ) – हाँ मुझे भी चाहिये नही तो सोच लो.मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया फिर दीदी ने मेरे रस से भीगे लंड को हाथ मे लेकर सुजाता ( नौकरानी ) को दिखाया और बोला देख कितना बड़ा है तेरी चूत  फट जायेगा उसमे कैसे जायेगा होगा.तेरी पति का ३ इंच का लंड तू लेटा है और साहब का लैंड अपने अन्दर लेगा , सुजाता ( नौकरानी ) – गुस्सा होते हुए कहा मुझे ट्राई करना है पहले दर्द होता है फिर बहुत मज़ा आयेगा .

दीदी – पर ये सब बात किसीको बोलना मत ,नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा सुजाता ( नौकरानी ) – मई किसीको क्यों बताऊ ,अगर मुझे जो चाहिए वोह मिल्गेया तो .

मे – तुम्हे दर्द होगा.सुजाता ( नौकरानी )– चलेगा.

राहुल तुम इसकी चूत चाटो में इसकी चूची चूसती हूँ तब तक तुम मुझे और चोदो और अपना माल निकाल दो मेरी चूत में मैने बहुत दिन से गरमा गर्म माल फील नहीं किया चूत के अंदर आओ ना चोदो फिर मैने सुजाता ( नौकरानी ) की चूत को अपने मुँह के सामने किया और उसे चाटने लगा दीदी उसकी चूचीयों को चूसने लगी मैने अपना लंड फिर दीदी की चूत मे डाल दिया था और मस्त चुदाई फिर शुरू हो गयी फकक्चह फ़चह फकक्चह फ़चह फकक्चह फ़चह दीदी सुजाता ( नौकरानी ) की निपल चूस रही थी में उसकी चूत को चाट रहा था क्या मस्त चूत थी प्यारी सी उसकी खुशबू मुझे पागल कर रही थी दीदी अब मुझे पानी अपनी चूत मे ही डालने के लिये बोल रही थी मै अब तेज झटके मारने लगा अब में भी झडने वाला था.दीदी ने मुझे कहा थोड़ी सा चूत मे डालने के बाद बाकी मेरी चूचीयों पर गिरा देना में तुम्हारा गाढ़ा रस देखना चाहती हूँ दीदी की चूचीयाँ मेरे गाढ़े रस से नहा गई.

 मेरा लंड अब फिर से खड़ा होने लगा था इस कुँवारी जिस्म को देख के और उसके मस्त चाटने से दीदी ने उसे बेड पर लेटाया और कमर के नीचे तकिया लगाया जिससे चूत खुली दिखने लगी और नंदिता को किस करने लगी जिससे अगर नंदिता सील टूटते समय चीखे तो आवाज़ बाहर नही जाये दीदी ने मेरे लंड को उसकी चूत के मुँह पर टिकाया और मुझे कहा भाई धीरे से डालना मैने हल्का सा झटका लगाया लंड थोड़ी दूर जाकर फंस गया दीदी ने सुजाता ( नौकरानी ) का मुँह अपने मुँह से बंद कर दिया पर उसके आँसू नहीं रुक पाये उसके गालो पर बहने लगे दीदी उसे किस करने लगी में उसकी जाँघ और कमर सहलाने लगा थोड़ी देर मे उसका जब दर्द कम हुआ तो में उतनी देर मे आगे पीछे करने लगा हर दो तीन झटकों के बाद एक थोड़ा तेज़ झटका लगा देता.

मैने आँखों ही आँखों मे दीदी को इशारा किया दीदी समझ गयी दीदी ने उसका मुँह पूरी तरह बन्द कर दिया अपने मुँह से फटाआआआककक और पूरा लंड अंदर सील टूट गयी सुजाता ( नौकरानी ) की वो थोड़ा छटपटाने लगी पर दीदी उसका शरीर सहलाने लगी में थोड़ी देर रुक गया फिर धीरे धीरे चुदाई शुरू की फ़च्चा फक फ़च्चा फक फ़च्चा फक फ़च्चा फक फ़च्चा नंदिता को दर्द हो रहा था पर में कहा रुकने वाला था मुझे टाइट चूत चोदने मे मज़ा आ रहा था थोड़ी देर बाद वो भी मज़ा लेने लगी उसका दर्द कम होने लगा होगा फिर दीदी ने उसके मुँह को आज़ाद कर दिया वो अब मज़े से गांड उठा उठा के मेरे धक्को का जवाब दे रही थी दीदी नीचे जाकर कभी मेरे लंड की गोलियाँ चूस रही थी तो कभी सुजाता की चूत के नीचे का रस फिर दीदी उपर आई और नंदिता के मुँह मे अपनी चूची दे दी.

फिर सुजाता दीदी की चूची चूसने लगी और में मज़े से टाइट चूत चोद रहा था मखमली कमर पकड़ के शॉट लगा रहा था थोड़ी देर के बाद मुझे सुजाता को उल्टा करके चोदने का मन कर रहा था उसके चुत्तड महसूस करने का मन कर रहा था मैने दीदी को बोला दीदी अब लेट जाओ और सुजाता से अपनी चूत चटवाओ में इसे पीछे से चोदूंगा अब मैने सुजाता को कुतिया स्टाइल मे कर दिया और पीछे से चूत मे लंड डाल दिया और उसके बाल पकड़ के चोदने लगा और उसका मुँह दीदी की चूत पर था

हर झटके के बाद वो अपनी पूरी जीभ दीदी की चूत के अंदर डाल देती मै अब बाल छोड़ के अब कमर पकड़ के ज़ोर ज़ोर से शॉट लगाने लगा घपाआक घप घपाआक घप घपाआक घप पूरा कमरा चुदाई और सिसकारियों की आवाज़ से गूँज रहा था सुजाता अब झड़ चुकी थी दीदी की चूसाई हो रही थी वो भी अब बहने लगी थी सुजाता अब अपनी माँ के रस को पी रही थी में भी अब झड़ने वाला था.

मेंने ज़ोर ज़ोर से चोदते हुये अपना सारा माल नंदिता की चूत मे ही गिरा दिया मेरे लास्ट झटके के बाद में उस पर गिरा और उसका मुँह दीदी की चूत पर फिर थोड़ी देर तक हम तीनो ऐसे ही पड़े रहे दीदी उठी और अपनी चूत को साफ किया और सुजाता को उठा कर बेडशीट बाथरूम मे डाला उस पर नंदिता के सील टूटने के कारण खून के धब्बे पड गये थे और हम लोगो का रस भी लगा था उस पर फिर हम तीनो कपड़े पहन कर सो गये सुजाता अपने कमरे मे चली गयी.

इसी तरह मई दीदी और नौकरानी की चुदाई की उसदिन ,पर ये बात हम तीन ओ के बिच ही रही .

Leave a Comment