हेल्लो दोस्तों,मेरा नाम राज है .और मई राची का रहेने वाला हु .ये आज से करीब 9 महीने पहले की घटना है. जो मेरी और मेरी भाभी सुनीता(नाम चेंज) की है और हम दोनों की मर्जी से शेयर हो रही है. भाभी 30 साल की है. उनका रंग गोरा है. क्या लगती है.. बहुत ही जबरदस्त माल है. माँ कसम.. बूब्स ३२डी.. उनका फिगर 36-28-32 का है और हाइट 5 फूट के आसपास है. मुझे घुमने का काफी शौक है और स्पेशली चाय की दुकान पर, चाय की चुस्की लेना. वहां मेरी मुलाकात एक बन्दे आदित्य से हुई.उसका आपना दुकान था. हम फोर्मली मिलते थे डेली. एकदिन उसने मुझे उसके बच्चे के फर्स्ट बर्थडे पर बुलाया. मैं गया उसके घर.. और भी गेस्ट थे. मैंने पहली बार जब सुनीता को देखा. तो समझ नहीं आया.. कि ये बला है क्या? फिर हमने डिनर किया और मैं वापस आ गया. धीरे – धीरे हमारी नजदीकिया बढती गयी और मैं डेली उसके घर जाने लगा.
उसने भी अपना प्रोफेशन चेंज कर दिया. अब वो डेली ड्रिंक करके घर आने लगा. उन दिनों मैं आदित्य सुनीता का पति आउट ऑफ़ टाउन था,फॅमिली के पास. मैंने वहां से कॉल किया आदित्य को. तो उसने सारी बात बताई. मुझे कुछ समझ नहीं आया. ऐसा क्या हुआ और अगर ये ही चलता रहा, तो उसका घर टूट जाएगा. क्योंकि सुनीता परेशान होकर आदित्य का घर छोड़ कर चली गयी थी. मैंने उससे काफी कांटेक्ट करने की कोशिश की, बट कुछ नहीं हुआ. फिर मैं जब वापस आया. तो उन दोनों को मैंने एक होटल में बुलाया और दोनों समझाया और सुनीता आदित्य के घर वापस आ गयी. अब मैं सुनीता के काफी क्लोज आ गया था और आदित्य का हमदर्द भी बन गया था. वो अब जरा – जरा सी बात पर कॉल करने लगा था. जब भी सुनीता भाभी को कोई काम होता, तो वो मुझे अब फ़ोन करके घर बुला लेती थी. मैं जब भी उसके घर पहुचता, तो वो या तो झाड़ू लगा रही होती थी या पौछा.. वो एक हाथ से अपने बूब्स को ढक कर रखती थी. एक दिन उसके बेटे को डॉक्टर के पास ले जाना था और आदित्य का कुछ काम था. तो मैं सुनीता भाभी को और उसके बेटे को डॉक्टर के यहाँ ले गया. रास्ते में, उसने मुझसे पूछा, कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है? मैंने उससे कहा – प्लीज लिव दिस टोपिक. जब उसने मुझसे कारण पूछा और मैंने बताया, कि मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है और मुझे अच्छा नहीं लगता; जब कोई इस बारे में बात करता है. तो उसने सॉरी फील किया और मुझसे कहा – मेरी उम्र में, जिन्दगी को ऐश से जीना चाहिए. जब हम डॉक्टर के यहाँ पहुचे, तो मैंने उसके बेटे को गोद में ले लिया था और मेरा हाथ बार – बार उसके बूब से टच हो रहा था.
मैं भी थोडा एन्जॉय कर रहा था. सुनीता भाभी ने भी कोई ऐतराज़ नहीं किया. हम फिर घर वापस आ गये और वो बोली – बैठो, मैं चाय लाती हु. मुझे तो आज बस उसकी गांड दिख रही थी और मैं लंड तो कब का खड़ा हो चूका था. पता नहीं, उसने इस बात को नोटिस किया कि नहीं.. मैं अपने घर वापस आ गया और उसके नाम की ३ बार मुठ भी मारी. ऐसा कुछ दिनों तक चला और अब वो मुझसे बहुत ही फ्रेंक हो गयी थी. एक दिन मैंने सुनीता को कॉल किया और कहा, कि मुझे एक लड़की से प्यार हो गया है और मैंने उसे प्रोपोज भी किया. वो मान भी गयी है. उसने मुझे बीजी बता कर फ़ोन काट दिया. ये आईडिया मुझे एक दोस्त ने दिया था. शाम को मैं उसके घर गया, तो वो सैड थी. मैंने उसको पूछा – क्या हुआ? वो बोली – कुछ नहीं. मेरे ज्यादा पूछने पर, वो बोली – आदित्य (उसका पति ) मेरा ज्यादा ध्यान नहीं रखते है. घर आते है, तो बहुत ज्यादा दारु के नशे में होते है और फिर खाना खा कर सो जाते है. महीनो से हमने ठीक से बात भी नहीं की है. मुझे सुनीता भाभी की आँखों में हवस और सेक्स की प्यास साफ़ झलक रही थी. मैं भी बहुत उत्सुक था, उसे चोदने के लिए. मैंने मन – ही – मन में सोचा, कि दोस्त का बताया हुआ आईडिया काम कर गया. दोस्तों, औरतो का इतिहास रहा है, कि उन्हें चोदन और भोजन दोनों भर पेट चाहिए होता है. अगर दोनों उनको घर में ना मिले, तो वो दोनों को बाहर तलाशने लगती है.
फिर मैंने नोटिस किया, कि अब वो काम करते वक्त अपने बूब्स को हाथ से नहीं ढकती थी. उसकी क्लीवेज साफ़ दिखती थी. अब वो दिन आ गया था, जिसका मुझे 6 महीने से इंतज़ार था दोस्तों. मेरे मन सुनीता को चोदना में था और उसको बड़ी ही शिद्दत से चोदने की खवाइश थी. वो किचन में चाय बना रही थी और अपनी गांड मटका रही थी. मैंने पीछे से जा कर उसे टच किया और उसने मुझे एक नॉटी सी स्माइल दे दी. मैं उसके कंधे पर हाथ रख कर सहलाने लगा. उसने मेरा हाथ हटा दिया और अजीब बिहेव किया और कहा – आप बैठो, मैं चाय लेकर आ रही हु. वो मेरे पास आई और सोफे पर आकर बैठ गयी. उसके और मेरे बीच में कोई डिस्टेंस नहीं थी. हमने चाय पी और उसने मुझे पूछा, कि उस लड़की का फोटो नहीं दिखाओगे? मैंने कहा – आप नाराज़ हो जाओगे. क्योंकि लास्ट टाइम जब मैंने बोला था, वो आपने गुस्से में फ़ोन काट दिया था. उसने कहा – नहीं आप दिखाओ. मैंने उसको बोला – मैं वाशरूम जाकर आता हु. आकर दिखता हु. मैंने वाशरूम से मिरर ले आया और उसे दिखा दिया. वो खुश हो गयी और मैंने उसे हग कर लिया. उसने भी मुझे टाइट पकड़ लिया और मैं अब उसकी नैक पर किस करने लगा था.
मैं अब आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो रहा था और उसकी भी साँसे तेज होने लगी थी. मैंने उसका टॉप उतार दिया और फिर ब्रा भी. फिर उसके निप्पल सक करने लगा. उसने अब मेरी पेंट शर्ट निकाल दी और फिर अंडरवियर भी. उसने मेरे पेनिस को देखकर कहा – इट इज ऐ बिग डील, आई थिंक. फिर से किस किया और फिर सक करने लगी. ऐसा लग रहा था, जैसे पहली बार हो. फिर जब मेरा पेनिस रियल साइज़ में आया, तो उसके मुह से निकला, कुछ ज्यादा ही बड़ा है यार. फिर मैंने उसे उठाया और बेड पर लिटा दिया और उसकी फुल सलवार उतार दी. फिर उसकी पेंटी के ऊपर हाथ फेरने लगा और किस कर रहा था और फिर उसकी पेंटी भी उतार दी. मैं शॉक रह गया, ये देखकर कि उसकी चूत बिलकुल शेव थी और अनटच थी. मुझे थोडा सरप्राइज हुआ, क्युकि ऐसा महेसुस पढ़ रहा था की आदित्य ने उसकी चूत को बोहोत दिन तक सेहेलाया और मारा नहीं था ,इसलिए वोह इतनी तड़प रही थी . मैंने ज्यादा कुछ ना पूछते हुए, किस करना जारी रखा. फिर, मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत पर रखा और लिक करना शुरू किया, वो अब बौखला सी गयी और कहने लगी, प्लीज अब मत तड़पाओ, प्लीज फक करो ना…
मुझे इसी का इंतज़ार था, मैंने उसके पैर फैलाये और अपने कंधे पर रखे और अपने पेनिस को उसकी वेग पर रखा और एक ट्राई मारा. लेकिन, मेरा लंड फिसल गया. फिर मैंने हल्का सा थूक लगाया और पेनिस को फिर से निशाने पर रखा और जोर का शॉट मारा. इस बार वो मजा ले रही थी और एकदम से सेक्स की मजा लेते हुए मेरी पीठ को पकड़ लिया और बोलने लगी – प्लीज और तेज़ डालो और तेज़, मुझे मर ही डालो.
मैं उसके बूब्स प्रेस करने लगा और उस किस करना शुरू कर दिया. फिर विथ इन अ मिनट वो नार्मल हुई और मैंने हलके-हलके शॉट लगाने शुरू कर दिए. अब वो रोने लगी. मैंने देखा, कि उसका खून निकल रहा है. मैंने उसकी चूत को किस करना शुरू किया और धीरे-धीरे उसका दर्द कम होने लगा, तो वो शांत हो गयी. अब मैंने पूरा पेनिस डाल दिया और जोर से शॉट मारने लगा. वो भी अहहहः आआआआआआअ यययय य्ह्यह्य्ह्यह्य्य्ह कम ओन, कम ओन .. चोदो मुझे .. चोदो मुझे …मेरी चूत को फाड़ दो…इसका भोसड़ा बना दो आज…अहहहहः …वो मोअन किये जा रही थी और उसकी सिसकिया मुझे जोश दिला रही थी. तभी उसकी बॉडी अकड़ने लगी.
मैं समझ गया, कि वो झड़ने वाली है. मैंने शॉट्स जारी रखे. उसने मुझे पकड़ लिया और उसका पानी निकल गया. अब मेरा पेनिस आसानी से अन्दर-बाहर होने लगा था. फिर मैंने उसे डौगी स्टाइल में किया और चोदने लगा और कुछ २५ मिनट बाद, वो फिर से झड़ गयी. अब मेरा निशाना उसकी गांड थी. मैंने उसकी गांड पर अपने लंड को रखा और धक्का मारा. मेरा लंड तो अन्दर चले गया, पर रिएक्शन सुनकर डर सा गया. वो चिल्ला उठी आआआआआआअ आआआआ ऊऊऊकोकोकोको ह्ह्ह्हह्ह मर गयी, मेरी माँ. यार तुम कितने क्रुयल हो. तुमने मेरी गांड फाड़ डाली. लेकिन, मैंने उसकी बातो को इग्नोर करके अपने धक्के जारी रखे और फुल स्पीड कर दी. अब मैं झड़ने वाला था.
करीब 50 मिनिट के बाद मैंने उसकी गांड से अपने लंड को निकाला और उसकी चूत में डाल दिया और अन्दर ही अपना सारा स्पर्म छोड़ दिया. मैंने लंड को अन्दर ही डाले रखा और उसके ऊपर ही लेते रहा. कुछ देर बाद, उसने मुझे उठाया और खुद भी उठी. वो ठीक से चल नहीं पा रही थी. मैंने अपने कपडे पहने और उसे बाथरूम तक छोड़ा और फिर उसने अपनी चूत को और अपने बदन को और वापस आकर कपडे पहन लिए.
फिर मेरे पास आई और बोली – आई लव यू और मुझे गाल पर किस किया .और तब दरवाजे में बेल की घंटी बजी ,वोह आदित्य था ,मई पीछे की खिड़की से किसी भी तरीके से कपड़ा पेहेनके निकल लिया .अब जब भी आदित्य घर में नहीं होता है ,तब सुनीता मुझे कॉल करके बुला लेती है .