नमस्कार दोस्तों मेरा नाम अरुण है और मेरी उम्र 24 साल है।
मैं छोटा मोटा काम करता हूं और अपना खर्चा निकाल लेता हूं।
हमारे गांव में एक घर में शादी हुई उधर सिर्फ एक भैया रहते थे जिनको में अच्छे से जानता था।
कहानी पढ़ने के बाद आपको समझ में आ जाएगा कि मैं उनको क्यों अच्छे से नहीं जानता था।
उनकी अभी शादी हुई थी और करीब 1 साल ही हुआ होगा।
मैं जो काम करता था वह लेडीस अंडर गारमेंट का था।
वही औरतों की ब्रा पेंटी कच्छी बनियान यह सब की दुकान पर काम करता था।
दिखने में ठीक ठाक था और सबकी मदद करता था।
वह जो भैया थे उनकी और मेरी दोस्ती भी अच्छी थी।
एक दिन वह मेरी दुकान पर आए तो दुकान पर मेरे अलावा कोई था नहीं सब खाना खाने गए थे ।
अपनी बीवी को अपने साथ लेकर आए थे उन्होंने अपनी बीवी को मेरे बारे में बताया कि मैं कितना अच्छा इंसान हूं वगैरा-वगैरा।
तो उसे अपनी बीवी के लिए अंडर गारमेंट्स लेने थे।
तो मैंने उसे साइज पूछा क्योंकि बहुत बड़ा था और गांड भी काफी सही थी उनकी।
खैर उनके बोले मैंने उनको और पेंटी दिखा दी और मैं और भैया आपस में बात करने लग गए।
ना जाने क्यों Dost ki Biwi को देख कर मुझे कुछ फीलिंग से आ रही थी और वह भी मुझे बार-बार देख रही थी जैसे कुछ चाहती हो।
पर समझ नहीं आया चाहती क्या है ना वह बोल पा रही थी और ना मैं कुछ बोल पाया।
भैया कुछ देर बाद बाहर चले गए हो तो कुछ फोन आ गया तो भाभी मुझे ऐसे देखने लगी जैसे कुछ चाहती हो।
तो मैंने उनसे बात करने की कोशिश करी कि सब ठीक है।
उन्होंने कहा जी सब ठीक है तो मैंने कहा कि आपको कौन सी वाली पसंद आई मैं वह पैक कर देता हूं।
जब मैंने उन्हें उनकी अंडर गारमेंट्स पैक करके पन्नी में दी तो उनका हाथ मेरे हाथ से टच हुआ और उन्होंने जानबूझकर मुझे टच किया था।
ऐसा करने के बाद वह मुझे घूरने लगी तभी पीछे से भैया आ गई और उन्होंने अपनी निगाहें नीचे कर ली और भैया के साथ चली गई।
यहां से मुझे समझ आ गया कि भाभी मुझसे कुछ चाहती है।
तो मैं थोड़ा बहुत भाभी के बारे में जानना शुरू कर दिया कि वह मेरे साथ ही ऐसी कर रही थी कि सब के साथ करती हैं।
मैंने किसी को बात नहीं बताई पर लोगों से बातें बातों में जानने की कोशिश करी।
तो मुझे पता चला कि वह बहुत ही सीधी-सादी लड़की है।
मुझे लगा शायद मुझसे कोई गलती हो गई होगी। कुछ दिनों बाद फ्रेंड उसी वक्त जब सब खाना खा रहे थे और मैं दुकान संभाल रहा था।
वह मेरी दुकान में आई पर इस बार अकेली आई थी वैसे मैं हमेशा साड़ी पहनती है लेकिन आज सूट पहन कर आई थी।
उनको नया सूट चाहिए था तो मैंने उनको सूट दिखाएं हमारी दुकान में सूट साड़ी और अंडर गारमेंट्स सब रखे जाते हैं।
तो उनको एक सूट पसंद आया और वह चेंजिंग रूम पूछने लगी जहां पे सूट पहन कर देख सके बगल में कमरा था मैंने उन्हें वहां भेज दिया।
काफी देर हो गई वह बाहर नहीं आई तो मैंने दरवाजा खटखटाया।
जैसे ही मैंने दरवाजा खटखटाया तो देखा कि दरवाजा खुला हुआ था और वह सूट को नीचे कर रही थी तो मुझे उनकी आधी नंगे पीठ दिख गई।
वह सीन देखकर मैंने लंड वैसे ही खड़ा हो गया तो मैंने उनसे माफी मांगी उन्होंने बोला कि कोई बात नहीं उनकी गलती थी।
दरअसल उनका सूट नीचे नहीं हो रहा था पीछे से अभी कितनी देर लग गई।
तो उन्होंने मुझसे मदद नहीं मांगी पर मैंने सोचा कि मैं ही नीचे कर देता हूं।
दरअसल उनके हाथ में चोट लगी थी इसलिए वह पूरा हाथ पीछे नहीं मुड़ पा रही थी।
मैंने उनका सूट नीचे कर दिया हमसे बिना पूछे वह गुस्से से मुझे मुड़ कर देखने लगी।
मैंने कहा मदद नहीं मान सकती तो कोई बात नहीं मैंने ही आपकी मदद कर दी।
उनके चेहरे पर गुस्सा था और वह लगा तो मुझे देखी जा रही थी पर मैं भी उन्हें देखे जा रहा था।
धीरे से वह भी आगे बढ़ी और मैं भी आगे बढ़ा और हमने किस कर ली ।
जी हां यह तो हैरान आप हो रहे हैं उससे ज्यादा हैरान में हो रहा था।
मुझे खुद समझ नहीं आया कि मैं धीरे-धीरे मेरे इतने करीब कैसे आ गई मुझे तक पूरा प्लान लग रहा था कि मैं घर से अकेली सूट पहनकर मेरी दुकान पर आई।
उस दिन मुझे वह घूर कर देख रही थी और आज भी ऐसा ही था।
अचानक हमारे बीच जो किस हुई वह बढ़ती चली गई।
और मेरे हाथ काबू नहीं हुए तो मैंने उनका सूट ऊपर कर दिया उनकी ब्रा का हुक खोल दिया।
थोड़ी देर में इतना कुछ हो गया मैं सोच भी नहीं सकता था।
तभी उस मुझे धक्का दिया और मुझे कमरे से बाहर कर दिया उन्होंने कहा सूट नीचे करो।
मैंने वैसा ही किया और वह रोकर वहां से चली गई।
मुझे कुछ समझ नहीं आया है क्या हुआ पर मेरी फटने लगी थी कि अगर उसने अपने पति को बता दिया उसका पति मुझे मारने आ गया तो ।
मैंने सोच लिया था की गलती मेरी नहीं थी हम दोनों ने मिलकर किया था तो मैं नहीं डरूँगा।
2 दिन गुजर गए पर ऐसा कुछ नहीं हुआ मुझे अगले दिन उसका पति मिला रास्ते में उसने मुझे अच्छे से बात करिए तो मैं समझ गया कि उसने अपने पति को कुछ नहीं बताया।
वह अपना पुराना सूट भूल गई थी दुकान पर तो मुझे वह वापस करने जाना था ।
पहले मुझे लगा कि वह खुद दुकान पर आएंगे पर वह नहीं आई।
कुछ दिन इंतजार करा पर वह नहीं आई एक दिन मैंने उसके पति को कहीं काम से बाहर जाते हुए देखा तो मैंने उनका पुराना सूट उठाया और उनके घर चल दिया।
घर पर मैंने दरवाजा खटखटाया पर कोई नहीं था और आपको तो पता ही है गांव के घर कितने छोटे होते हैं तो मैं बगल वाली दीवार से कूदकर अंदर चला गया।
अंदर मैंने आवाज लगाई तो मुझे कोई नही मिला और मैंने की तरफ से आवाज सुनी।
मैंने हल्का सा दरवाजा खोला और देखा दरवाजा खुला ही थी मैं पता नहीं क्यों अंदर ही चला गया।
वह नहा रही थी मुझे देखकर उन्होंने अपने बूब्स हाथ से ढक ली और दूसरे और अपनी चूत पर लगा दिया …..आगे पढ़े
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