दोस्तो, मेरा नाम सुष्मिता है। मेरा फिगर 36-28-34 का है।
मेरी उम्र 34 साल है।
मैं बहुत सेक्सी माल हूँ.
आप कह सकते हो कि मैं सनी लियोनी की देसी कॉपी हूं।
मैं शादीशुदा हूं।
आपको बता दूं कि मैं अपने पति की दूसरी बीवी हूं।
मेरे पति की पहली पत्नी भी है।
आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है?
मेरी Xxx लव सेक्स स्टोरी एकदम अलग है.
लेकिन उनकी पहली पत्नी उनको हर हाल में खुश रखना चाहती थी इसलिए उसने दूसरी पत्नी रखने की इजाजत भी दे दी।
मेरे पति का नाम सुचेत है।
उनकी उम्र 48 साल है।
उनकी पहली पत्नी का नाम मालिनी है।
इनके एक बेटा मिलिंद (24), और एक बेटी मिली (22) है।
शादी के कुछ साल बाद मालिनी, सुचेत और मिली नागपुर चले गए।
मैं मिलिंद के साथ मुंबई में ही रह गई क्योंकि उस वक्त मिलिंद का कॉलेज चल रहा था।
मेरे पति 2 साल के लिए ही नागपुर गए थे।
लेकिन इन दो सालों में ऐसी घटनाएं घटीं जिनके बारे में मैं आपको बताना चाहूंगी।
पति के जाने के बाद मिलिंद मुझसे ज्यादा बात नहीं करता था।
वह मुझसे चिढ़ा सा रहता था।
मैं कई बार उससे पूछने की कोशिश करती थी।
फिर धीरे धीरे मुझे पता लगा कि वह रेशम नाम की लड़की से प्यार करता है।
एक दिन हम दोनों में खुलकर बातें हुईं और उसने बताया कि मेरे रहने से उसको परेशानी होती है क्योंकि वह रेशम के साथ मेरे रहते खुलकर नहीं रह सकता है।
इस तरह मुझे पता लगा कि वह क्यों चिढ़ा रहता था।
तब मैंने उसको प्यार से समझाया कि वह जैसे चाहे रह सकता है, मैं उसके और उसके प्यार के बीच में नहीं आऊंगी।
ये बातें होने पर वह अगले दिन ही रेशम को घर लेकर आ गया।
उसने कहा- रेशम अब आती-जाती रहेगी।
मैं समझ गई कि अब यहां पर क्या होने वाला है।
उसके बाद से दिन-रात उनकी जवानी का खेल चलता रहता था, वे दोनों रोज चुदाई करते थे। सारे घर में उनकी चुदाई का खेल चलता रहता; कोई शर्म, कोई हया नहीं थी।
मैं भी बिल्कुल नॉर्मल ही रहती थी।
मिलिंद शुरू से ही मेरे दोस्त की तरह रहा था लेकिन गर्लफ्रेंड के आने के बाद वह बदल सा गया था।
ऐसे ही 2-3 महीने बीत गए।
अब वह नॉर्मल हो चुका था, चिढा सा नहीं रहता था।
उनकी चुदाई से गंदा हुआ बेड और कपड़े भी मैं ही साफ करती थी।
एक दिन की बात है कि मैं किचन में काम कर रही थी।
एकदम पीछे से रेशम आई और उसने मेरे होंठों से होंठ मिला दिए।
मैं तो समझ ही नहीं पाई कि उसने ये क्या और क्यों किया।
वह मुझे किस करने लगी।
मैंने उसे हटाया तो उसके मुंह से मिलिंद का माल टपक रहा था।
मैं तो दंग रह गई।
उसने ये जानबूझकर किया था।
बाद में मुझे पता चला कि वह बाइसेक्सुअल, यानी मर्दों और औरतों दोनों में ही रुचि रखने वाली है।
मैंने उनसे दूरी ही बनाई रखी।
ऐसे ही समय निकलता गया।
एक दिन वे दोनों हॉल में ही सेक्स कर रहे थे।
तभी घंटी बजी।
मिलिंद ने कहा कि दूध वाला होगा, दूध ले लो।
मैं गई तो दूधवाला नहीं, एक जवान मुस्टंडा वहां खड़ा था जो कम से कम 6 फीट का था।
वह गुस्से में था और दरवाजा खोलते ही सीधे अंदर घुस आया।
सामने मिलिंद और रेशम नंगे सेक्स करने में लगे हुए थे जो उस लड़के को देखकर एकदम से सन्न रह गए।
उस लड़के ने एकदम से अपनी बेल्ट खोली और दोनों को पीटने लगा।
तब तक मारता रहा जब तक कि वे दोनों रूम में जाकर बंद न हो गए।
वह लड़का दोनों को गाली देता रहा लेकिन वे दोनों बाहर नहीं निकले।
फिर उसकी नजर मेरे ऊपर पड़ी।
मैं तो कुछ समझ पाती इससे पहले उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने साथ बाहर तक खींचता हुआ ले गया।
उसने मुझे कार में बिठाकर कार लॉक कर दी।
वह मिलिंद से चिल्लाकर कहने लगा कि उसने उसकी इज्जत का ख्याल नहीं रखा तो अब वह भी उसकी इज्जत का ख्याल नहीं रखेगा।
फिर वह बाहर आया और कार को अपने फार्महाउस ले गया।
वहां वह मिलिंद के बारे में अपना गुस्सा मुझ पर निकालने लगा।
वह बोला- तेरे बेटे ये सही नहीं किया। रेशम मेरी एकलौती बहन थी। मैंने उसे बड़े लाड़ से पाला था। लेकिन मिलिंद ने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा। अब देख मैं तेरे साथ क्या करता हूं।
मैंने उसे समझाने की कोशिश की कि जवान हैं दोनों, गलतियां हो जाती हैं।
लेकिन वह सुनने को कुछ राजी ही नहीं था।
वह मुझ पर टूट पड़ा।
उसकी इस हरकत से मुझे कोई हैरानी नहीं हुई, ना ही गुस्सा आया क्योंकि मुझे भी काफी समय से लंड नसीब नहीं हुआ था.
बिना मुझे नंगी किए ही उसने मेरी पैंटी नीचे खींच दी और अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा।
उसके अंदर वासना नहीं थी, सिर्फ गुस्सा नजर आ रहा था।
वह मेरी चूत में लंड देकर चोदने लगा।
लेकिन फिर कुछ देर बाद बिना पानी निकाले ही मुझपर से हट गया।
फिर वह टेबल की ओर देखने लगा।
वहां पर कैमरा रखा हुआ था।
वह बोला- देख अब मैं कैसे तुझे एक बाजारू औरत बनाता हूं।
अब मैं घबरा गई कि ये मेरी इज्जत मिट्टी में मिला देगा।
मैं बोली- मुझे छोड़ दो। मेरी क्या गलती है इसमें, मैंने तो कुछ किया भी नहीं।
बहुत देर उसके पैरों में गिरी रहने के बाद वह बोला- ठीक है, किसी को नहीं भेजूंगा, लेकिन 7 दिन तुम्हें मेरे साथ ही रहना होगा।
मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थी।
फिर मेरी आंख लग गई और मैं ऐसे ही सो गई।
जब मैं उठी तो सामने का नजारा हैरान करने वाला था।
वह नंगा ही मेरे सामने लेटा हुआ था।
मेरे उठते ही वह मुझपर टूट पड़ा, मुझे किस करने लगा।
मैंने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माना।
वह बोला- इन 7 दिनों में मैं तुझे इतना चोदूंगा कि तू खुद ही मुझसे प्यार करने लगेगी।
फिर वह अपना लंड सहलाने लगा।
मैंने देखा कि शरीर का रंग गेहुंआ होने के बावजूद उसका लंड बिल्कुल काला था, करीब 7 इंच का।
लंड देख कर मैं भी गर्म होने लगी.
उसने अपना लंड मुझे पकड़ा कर सहलाने का इशारा किया।
मैं लंड को पकड़ कर सहलाने लगी।
उसका लंड खड़ा हो गया।
अब उसने मुझे सीधी लेटाकर अपना लंड मेरे मुंह की तरफ कर दिया और फिर मुंह में डालकर आगे पीछे करने लगा।
मैं भी उसका साथ देने लगी।
10 मिनट तक वह मुझे लंड चुसवाता रहा।
उसके लंड की गंध के साथ साथ उसके पेशाब की गंध भी मुझे उसमें से आ रही थी।
फिर वह अलग हुआ, बोला- तो बोलो, मेरा साथ दोगी?
मैंने अब कुछ नहीं सोचा और हां में सिर हिला दिया।
फिर उसने सारे कपड़े उतारने को कहा।
मैं ब्रा और पैंटी में आ गई।
देर ना करते हुए उसने पैंटी खींचकर मेरी चूत पर जीभ से हमला कर दिया।
वह जीभ को अंदर तक ले जाने लगा।
कुछ पल में ही मैं मदहोश होने लगी।
फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए।
मैंने इस बार उसका पूरा लंड अच्छे से चूसा।
फिर उसने मुझे सीधी होने को कहा और वह मेरे बाजू में आ गया।
मैं खुद साइड हुई और उसका लंड अपनी चूत में सेट करने लगी।
लेकिन वह लंड को अंदर घुसाने की बजाए चूत पर घिसता जा रहा था; साथ ही मुझे किस कर रहा था।
5 मिनट तक वह ऐसे ही करता रहा।
मैं चुदासी होती जा रही थी।
वह लगातार लंड को घिसे जा रहा था।
फिर वह अलग हुआ तो मैंने कहा- अब डाल भी दो!
वह भी बिना समय गंवाए चोदने के लिए तैयार हो गया।
उसने लंड मेरी चूत के मुंह पर लगाया और अंदर धकेल दिया।
लंड सीधा अंदर चला गया।
मेरी चूत भी नयी नहीं थी इसलिए लंड को गप से ले गई।
वह तेज तेज धक्के देते हुए मुझे चोदने लगा।
कुछ ही देर में मेरी चूत ने रस की धार छोड़ दी।
मैं पानी पानी हो गई।
लेकिन तभी उसने लंड हटाकर अपना मुंह मेरी चूत पर लगा दिया।
मेरी चूत को वह जोर से चाटने लगा और फिर मुंह हटाकर बोला- ऐसी चूत पर बहन क्या, मेरा सबकुछ बलिदान! अब मुझे तेरी सवारी करनी है।
मैं उसकी बात का मतलब समझ गई और उसके सामने कुतिया बन गई।
वह पीछे से मेरे ऊपर आया और मेरी फुद्दी का मजा लेने लगा।
15 मिनट लेने के बाद वह हटा और अपना लंड लेकर फिर मेरे मुंह के पास आया और इशारा करने लगा।
मैं समझ गई और लंड मुंह में लेकर चूसने लगी; मैं 10 मिनट तक लंड चूसती रही।
अब उसने मुझे बालकनी में चलने को कहा।
मैं बदहवास सी हो चुकी थी अब तक!
फिर बालकनी में ले जाकर उसने मेरी टांग को दीवार पर चढ़ा दिया और मेरी चूत फैला दी।
वह लंड देकर मेरी चूत को खड़ा खड़ा ही ठोकने लगा।
फिर उसने मुझे अपने ऊपर ले लिया, चूत में जोर जोर से धक्के लगाने लगा।
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं कोई 20-22 साल की लड़की हूं।
कुछ देर चोदने के बाद वह मुझे फिर से रूम में ले गया।
अंदर ले जाकर वह फिर से मेरी चूत में अपनी गाजर से खोदने लगा।
मैं झड़ने वाली थी अब!
जैसे ही मेरी चूत से पानी निकलने लगा, वह एकदम से पीछे हटकर मेरी चूत को देखने लगा।
फिर बोला- इसका रंग तो गुलाबी होता जा रहा है, तुम्हें लंड चाहिए कि नहीं!
कहकर वह चूत को चाटने लगा।
फिर बोला- आह्ह क्या रस है इस चूत का, इतना टेस्टी माल तो आज तक नहीं चखा! तू नहीं टेस्ट करना चाहेगी क्या?
सुनते ही मैंने उसके होंठों पर होंठ लगा दिए और चूसने लगी।
मेरी चूत की महक अब मुझे भी आ रही थी।
अब मुझे भी चुदास चढ़ गई और मैं खुद ही उसका लंड चूत में सटाते हुए अंदर लेने की कोशिश करने लगी।
वह हंसने लगा और बोला- क्या चाहिए!
मैंने कहा- चलो ना जल्दी!
उसने एक झापड़ मारा और बोला- साफ-साफ बोलकर बता मुझे।
मैं समझ गई कि वह पूरी खुलने के लिए कह रहा है।
तो मैं बोली- अपना लंड डालो मेरी चूत के छेद में!
उसने मुझे बेड पर पटका और ऊपर आकर बिजली की तेजी से चोदने लगा।
कुछ देर में उसने तेज झटकों के साथ चुदाई एकदम से रोक दी, माल मेरी चूत में गिरा दिया।
कुछ पल वह रुका और फिर से चोदने लगा।
उसका लंड अब ढीला होने लगा था।
वह मुझ पर से हट गया और अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया।
मैंने आखिरी बूंद आने तक उसका लंड चूसा।
उसके बाद हम नंगे ही एक दूसरे की बांहों में सो गए।
कुछ देर के बाद मेरी आंख खुली तो उसका लंड मेरी चूत के अंदर ही था।
वह पीछे से मेरी चूत मारने लग गया।
बहुत देर तक वह मुझे पीछे से एक ही पोजीशन में चोदता रहा।
मैं पड़ी पड़ी चुदती रही और उसके लंड का सुख लेती रही।
फिर वह मेरी चूत में ही झड़कर सो गया।
फिर हम सुबह उठे।
उसने मुझे किस किया।
मैं बोली- फ्रेश होकर शुरू करते हैं।
उसने कहा- फ्रेश होकर भी लूंगा तेरी 36-28-34 की चूत।
मैं बोली- तुम्हें कैसे पता मेरा फिगर?
वह बोला- तेरे चूचे और गांड रातभर मेरे ही लंड पर उछले हैं। सब बता सकता हूं मैं!
फिर चुदाई का एक छोटा राउंड हुआ और उसने मेरे मुंह पर माल छोड़ दिया।
मैंने चाटकर उसका लंड साफ किया।
फिर 3 दिन तक चुदाई ऐसे ही चलती रही।
अब हम दोनों के बीच गुस्सा नहीं, सिर्फ प्यार रह गया था।
तीसरे दिन वह बाजार जा रहा था तो मुझसे भी पूछा- कुछ लाना है क्या?
मैंने उसे कुछ कपड़े और गर्भनिरोधक गोली लाने को कहा।
इस बात पर वह बिगड़ गया।
लेकिन मैंने उसे किसी तरह समझाया।
फिर वह पूरा दिन बाहर रहा।
शाम को जब मैं चाय बना रही थी तो वह पीछे से आकर मुझसे चिपक गया, मेरे बूब्स दबाने लगा।
मैं भी उसका साथ देने लगी।
कुछ देर के बाद वह हटा और चला गया।
मैंने हॉल में जाकर पूछा- क्या हो गया?
वह बोला- कुछ नहीं, मैं तो बदला लेने चला था और दिल लगा बैठा। मैं अब तुम्हारे साथ कोई जबरदस्ती नहीं करूंगा। तुम जा सकती हो। लेकिन मेरी एक बात भी सुन लो, मैं तुम्हारे साथ अपनी जिंदगी बिताना चाहता हूं। तुम्हें रोज चोदना चाहता हूं, तुमसे अपने बच्चे पैदा करवाना चाहता हूं। मैं कोई जोर जबरदस्ती नहीं करूंगा। तुम तैयार हो जाओ, मैं तुम्हें घर छोड़ आऊंगा।
इतना कहकर वह चला गया।
मैंने भी मन में ठान ली कि मैं अब इसकी जरूर बनूंगी।
फिर वह जैसे ही सोफे पर आकर बैठा, मैं उसके पैरों में आ बैठी और उसका लंड निकालने लगी।
मैंने लंड निकाल कर सीधा मुंह में ले लिया और चूसने लगी।
वह देखता ही रह गया।
क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ था जब मैंने पहल की थी।
15 मिनट तक लंड चुसवाने के बाद वह उठा और मुझे सोफे पर घोड़ी बना दिया।
वह मुझे वहीं पर चोदने लगा।
आधे घंटे बाद मेरे अंदर ही उसने अपना माल छोड़ दिया।
वह उठने लगा तो मैंने उसे साथ में नहाने के लिए कहा जहां हमने एक राउंड सेक्स और किया।
फिर दोपहर को वह मुझे घर छोड़ने कार में ले गया।
जाते वक़्त कार में वह मुझ से कहने लगा- तुम अपना घर छोड़ मेरे साथ रहो, मुझसे शादी कर लो, मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता हूं। तुम्हें हमेशा अपने नीचे चाहता हूं। फिर तुम्हारी कोई फैमिली भी नहीं हैं, उन्होंने सिर्फ तुम्हारा इस्तेमाल किया है। लेकिन मैं तुम्हें अपना नाम दूंगा। तुमसे मेरे बच्चे होंगे।
मैं बोली- तुम्हें मुझसे अच्छी कोई भी मिल जाएगी, मैं तुमसे बड़ी भी हूं, लोग क्या कहेंगे?
वह बोलने लगा- इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं तुमसे ही शादी करूँगा।
मैं कहने लगी- हम छुप-छुप कर ये सब करेंगे, किसी को पता भी नहीं चलेगा।
वह कहने लगा- तुमको मैं अपनी रखैल नहीं, वाइफ ही बनाऊंगा। तुम सिर्फ मेरे लंड के नीचे रहोगी अब से, मैं तुमसे अपना बच्चा चाहता हूं।
इतना कह कर वह मुझे अपनी ओर खींच किस करने लगा।
मैं भी उसका पूरा साथ देने लगी।
फिर खड़ी कार में मैंने उसका लंड मुह में लेकर उसे अपनी आगे की सहमति दी।
घर पहुँचते ही वह मुझे अंदर तक छोड़ने आया और मिलिंद व रेशम के सामने ही मुझे किस करना चाहा।
मैंने मना किया तो वह जाने लगा।
वह बोला- रेशम घर चलो, तुम्हारी गलतियों को मैंने माफ कर दिया। मुझे भी पता चल गया सच्चा प्यार क्या होता है, अब मैं तुम्हारे साथ हूं।
यह देख मेरा मन भर आया, मैंने झट से उन दोनों के सामने ही उसे किस करना शुरू किया।
वे दंग रह गए लेकिन खुश भी थे।
मैंने उसे रूम में चलने को कहा।
जैसे ही हम रूम में घुसे, हमने हवस का नंगा नाच किया।
25 मिनट तक पूरे रूम में Xxx लव सेक्स की आवाज गूंजती रही।
यहां तक कि रेशम और मिलिंद को कहना पड़ा कि थोड़ा धीरे करो!
चुदाई खत्म हुई तो हमने उन दोनों को रूम में बुलाया।
वह अंडरवियर में ही बात करने लगा और बोला- सुष्मिता मेरे साथ रहेगी। मैं इससे शादी करने वाला हूं।
मिलिंद कुछ न बोल सका।
इसी बीच मैंने रेशम के भाई को किस करके अपनी सहमति दे दी।
हफ्ते भर हम चारों एक ही घर में रहे, जी भर सेक्स किया।
इसी बीच मेरे पीरियड भी मिस हो गए।
10 दिन बाद मुझे पता चल गया कि मैं प्रेग्नेंट हूं।
मैं उसे ये बात बताना चाहती थी।
उसी दिन सेक्स करते समय वह मुझे बोला कि अब जल्दी शादी कर लेते हैं, गर्भ निरोधक लेना बंद करो। मुझे तुम्हारे बच्चों का बाप बनना है।
मैंने उसे सच बताया तो वह हैरान रह गया और बोला- लेकिन तुमने तो मना किया था।
मैं बोली- हां लेकिन आज तक मैंने वह गोली ली ही नहीं थी। शायद तुम्हारे प्यार ने रोक रखा था।
यह सुनते ही वह जोर जोर से मुझे चोदने लगा।
लेकिन इस बार हम 69 में थे तो मैं उसका पूरा माल पी गई।
2 सप्ताह के बाद हमारी शादी हो गई।
उसके 9 महीने बाद हमारे जुड़वां बच्चे पैदा हुए।
मेरी पुरानी फैमिली भी खुश हुई।
हमारी शादी को 5 साल हो चुके हैं और मिलिंद मुझे उतनी ही बेकरारी से चोदते हैं।
रेशम पूछती है- भैया का लेते लेते थकती नहीं हो क्या?
अब उसे कौन बताए कि वे आज भी मेरे साथ नंगे सोते हैं।
बच्चों के लिए इसीलिए हमने अलग कमरा बना रखा है।
वे मुझे लेकर इतने पागल रहते हैं कि मुझे जल्दी से कहीं आने-जाने नहीं देते।
इस बीच मैं एक बार और प्रेग्नेंट हुई थी और मैंने एक बेटी को जन्म भी दिया।
सही मायनों में अब मेरा जीवन पूरा हो गया है।
मेरे पति मुझे शिद्दत से चोदते हैं, मैं भी उनका पूरा साथ देती हूं।
हां लेकिन, चूत में माल न छोड़ने के लिए उनको मना लेती हूं।
तो दोस्तो, आपको मेरी ये Xxx लव सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताना।
आप सबकी प्रतिक्रियाओं का मैं बेसब्री से इंतजार करूंगी।
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