रण्डी बनकर चुदने ki चाहत

मैं सेक्स स्टोरीज की नियमित पाठिका हूं और मुझे फैमिली सेक्स स्टोरीज और गैंगबैंग सेक्स स्टोरीज पढ़ना बहुत पसंद हैं.

मेरे बूब्स बड़े बड़े और गांड एकदम भारी है.
मैं परफेक्ट चुदाई मेटेरियल हूं।
मेरा फिगर 36 32 38 है.

और अब जो इंडियन स्ट्रीट सेक्स कहानी में आपको बताने वाली हूं वह मेरी शादी के बाद की कहानी है.
जिसमें मेरे शौहर काम के सिलसिले में बाहर चले गए थे और मैं लंबे समय से चुदाई के लिए तरस रही थी.

एक दिन जब मेरी चुदास बहुत बढ़ गई तो मैंने अपना मन बहलाने के लिए पास ही के शॉपिंग मॉल में शॉपिंग के लिए जाने के बारे में सोचा.
मैं अपना बैग लेकर शॉपिंग मॉल चली गई.

उस समय मैंने एक टाइट कुर्ता और रेड प्लाजो पहन रखी थी और गले में नेट की चुन्नी डाली थी.
मेरी कुर्ता डीप नेक होने के कारण मेरे बूब्स उसमें से बाहर झांक रहे थे जो किसी का भी लंड खड़ा कर देने के लिए काफ़ी थे।

मैं जानबूझकर अपनी गांड मटकाती हुई पूरे मॉल में इधर उधर टहल रही थी ताकि लोग मेरी तरफ देखें और मेरे नाम से मुट्ठ मारें और शायद कोई मुझे मजा देने वाला भी मिल जाए!

पर मुझे यहां कोई ऐसा नहीं मिला जो मुझे चोदने की हिम्मत कर सके!

फिर मॉल में इधर उधर टहलने के बाद कुछ सामान लेकर मैं वापस घर जाने के लिए मॉल के बाहर आ गई.

तभी मेरी नजर पार्किंग में एक आदमी पर पड़ी जो बहुत हैंडसम और बॉडी बिल्डर था जिसे देखकर मेरी चूत में खुजली होने लगी और ना चाहते हुए भी मैं चुदने के लिए उसकी ओर चल दी.
वह पार्किंग में खड़ा अपने मोबाइल पर कुछ देख रहा था.

मैं उसके पास पहुंची तो पता चला कि वह मोबाइल पर सेक्सी पोर्न वीडियो देख रहा था।
मुझे देख कर वह सकपका गया और जल्दी से उसने फ़ोन बंद कर दिया.

पर मैं तो उसे देखकर मुस्कुरा दी और पार्किंग से बाहर आकर टैक्सी का इंतजार करने लगी.

तभी वह आदमी मेरे पास आकर खड़ा हो गया और मेरी तरफ देख मुस्कुराते हुए बोला- क्या हुआ? चलेगी क्या? बोल कितना लेती है?
मुझे उसकी बात से जोरदार झटका लगा क्योंकि वह मुझे शायद कोई रंडी समझ रहा था.

पर मैंने भी मन ही मन सोचा कि चुदना तो वैसे भी है. अगर कमाई हो हो जाए तो क्या हर्ज है.
मैंने भी जवाब में मुस्कुरा कर 2000 रुपए बोल दिया.

उसने मुझे ऊपर से नीचे तक ध्यान से देखा और कहा- माल तो कड़क है पर मैं ₹ 1200 ही दे सकता हूं.
तो मैंने भी ज्यादा नखरे ना दिखाते हुए हां कर दी क्योंकि मैं भी चुदाई के लिए तडप रही थी.

पर वहां यह सब संभव नहीं था तो हम दोनों मॉल के कुछ दूरी पर एक सुनसान गली की तरफ चल दिए।
वह गली एकदम सुनसान थी और वहां कोई आने जाने वाला नहीं था।

गली में जाते ही उस आदमी ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपनी और खींच लिया और मेरे होठों पर अपने होंठ लगाकर चूमने लगा.

मैं थोड़ा घबरा रही थी कि कहीं कोई देख ना ले!
पर वह इस मौके को छोड़ना नहीं चाहता था और वह कसकर मेरे होठों को चूसने लगा जिससे मैं भी थोड़ी गर्म होने लगी।

उसका हाथ मेरी कमर पर और मेरी गांड पर चारों ओर घूम रहा था.
मैं भी उसका लंड पेंट के ऊपर से सहला रही थी.

अब मैं ही चुदाई के लिए उत्तेजित होने लगी थी.
उसने अपना जिप खोलकर अपना लंड बाहर निकाल दिया और मुझे चूसने का इशारा किया.

मैं थोड़ी झुक कर उसका लंड चूसने लगी।
मैंने अपनी जीभ उसके लंड के सुपाडे पर फेरनी शुरू की और धीरे-धीरे उसके लंड की चमड़ी को ऊपर धकेलना शुरू कर दिया जिससे उसका गुलाबी टोपा दिखने लगा.

अपने दोनों हाथों में मैंने उसका लंड थाम कर उसे धीरे-धीरे सहलाना और चाटना शुरू कर दिया.
उसे भी लंड चुसाई में बहुत मजा आ रहा था और मैं भी किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह उसका लंड चूस रही थी.

चूस चूस कर मैंने उसका लंड गीला कर दिया।
उसने अपने दोनों हाथों से मेरा सिर पकड़ लिया और मेरे मुंह में जोर-जोर से लंड के झटके मार कर मेरा मुंह चोदने लगा.

थोड़ी देर में उसका लंड तन गया और उसका सारा माल मेरे मुंह में झड़ गया.
मैंने सारा माल चाट कर अच्छी तरह साफ किया और सारा माल पी गई.
फिर मैं उसके लंड को हिला हिला कर फिर से खड़ा करने लगी.

थोड़ी ही देर में उसका लंड फिर से खड़ा हो गया और चुदाई के लिए तेयार हो गया.

फिर वह मुझे वहीं पर एक बहुत बड़ी डस्टबिन के पीछे ले गया ताकि कोई हमें देख नहीं सके.
उसने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरा कुर्ता ऊपर उठा कर मेरे बूब्स दबाने लगा.

मेरी प्लाजो को उसने घुटने तक नीचे उतार दिया और मेरी गांड पर हाथ फेरते हुए उसने पैंटी को खींच कर साइड कर लिया और चूत और गांड पर थूक कर उसे चिकना कर दिया।

मैं भी टांग खोल कर लंड लेने के लिए तैयार हो गई.

उसने लंड का सुपारा मेरी चूत पर रखकर रगड़ना चालू कर दिया.

मेरी चूत की फांकें खुल गई.
उसने एक तगड़े झटके में लंड मेरी चूत में घुसा दिया.

इंडियन स्ट्रीट सेक्स में पहले ही धक्के से मेरी चीख निकल गई.
पर इससे पहले मैं उसे रोकती, उसने एक और झटका देते हुए बचा हुआ उसका मूसल लंड भी मेरी चूत में पेल दिया.

वैसे तो मैं पहले भी बहुत चुद चुकी हूं पर उसका लंड बहुत बड़ा और मोटा था और मुझे चुदे हुए भी बहुत दिन हो गए थे इसलिए मेरी चूत टाइट हो गई थी जिससे मुझे बहुत दर्द हो रहा था.
इसलिए वह रुक गया और बोला- वाह, तू तो एकदम कड़क माल है. लगता है इस धंधे में अभी नई आई है.

वह मेरी पीठ पर किस करने लगा और अपने हाथों से मेरे बूब्स को मसलने लगा.

धीरे-धीरे मैं अपना दर्द भूल गई और उसका साथ देने लगी।
यह देखकर वह धीरे-धीरे अपने लंड को मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा.

जब मेरा दर्द खत्म हो गया तो मैं भी गांड उठा उठा कर उसका लंड अपनी चूत लेने लगी.

वह समझ गया था कि मैं चुदने के लिए तैयार हूं.
तो उसने भी अपने चोदने की स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर के झटके मार कर मेरी चूत फाड़ने लगा.

वह किसी घोड़े की तरह मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चोद रहा था और मैं बेपरवाह उस सुनसान गली में उसके लंड से रंडियों की तरह चुद रही थी.
मेरी वासना की आग इतनी भड़क चुकी थी कि मैं गली में ही उससे चुदने लग गई.

मुझे रण्डी बन कर चुदने में बहुत मजा आ रहा था.
वह भी अपने लंड से मुझे स्वर्ग की सैर करवा रहा था.
उसके हर एक झटके में मुझे पूरा आनंद मिल रहा था. उसके लंबे लंबे दमदार झटके मेरी चूत की दीवारों को हिला रहे थे.

उसका लंड मेरी बच्चेदानी को ठोकर मार रहा था.
कसम से वह बहुत गजब की चुदाई कर रहा था.

मैं अपने दोनों हाथों से डस्टबिन पकड़ कर घोड़ी बनी हुई थी और उसके लंड का मजा ले रही थी.

काफी देर तक हम इसी पोजीशन में चुदाई का मजा लेते रहे.
फिर उसने मुझे घुमा दिया और मेरी एक टांग उठाकर अपने कंधे पर रख ली और मुझे दीवार के सहारे खड़ा कर चोदने लगा.

मैं ‘आह … ओह्ह यह्ह्ह ऊह ऊऊई आह अह आह उफ्फ’ करके कराहने लगी।

उसने कहा- क्यों रण्डी, मजा आ रहा है या नहीं? आज तक तुझे कोई ऐसा चोदने वाला मिला?
तो मैंने कहा- नहीं, आज तक इस तरह किसी ने भी नही चोदा जैसा तुम चोद रहे हो. मुझे बहुत मजा आ रहा है.

और उसे जोश दिलाने के लिए मैं ओर जोर से कराहने लगी- आह आह … ओह … मर गई! हाय … मेरी जान निकाल दी! उफ्फ आह ओह … उह ओह … जालिम बस कर!
ऐसे कहकर मैं उसे जोश दिला रही थी.

इससे उसने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और मुझे गालियां बकने लगा- ले हरामजादी चुद … और चुदवा! बहुत आग लगी थी ना तेरी चूत में! आज सब बुझा दूंगा! साली मस्त माल है तू! आज तेरी चूत का भोसड़ा ना बना दूं तो मेरा नाम बदल देना। आज मस्त माल मिली है. साली तू तो पक्की छिनाल राण्ड है. पता नहीं कितनों से चुदी है अब तक!

उसकी बातें सुनकर मुझे भी अपनी जवानी की सारी चुदाई याद आ गई और मैं जोश में बकने लगी- साले मादरचोद चुपचाप चोद मुझे! मैं जितनों से चुदी हूं, उसका तो तुझे हिसाब नहीं। आज इस चूत का भोसड़ा बनाकर ही दम लेना। ऐसा माल तुझे बार-बार नहीं मिलेगा चोदने के लिए! वह तो मेरा शौहर बाहर गया है इसलिए तुझसे चुद रही हूं वरना मैं कोई रंडी नहीं हूं।

मेरी बातें सुनकर वह चोंक गया।
मैं भी घबरा गई कि जोश जोश में मैंने उसे सब सच कह दिया.

पर अब उसे और ज्यादा मजा आ रहा था कि मैं रंडी नहीं बल्कि किसी की बीवी चोद रहा हूं.
और उसने लंड बाहर निकाल कर जोर से एक झटके में चूत में डाल दिया.
जिससे मैं चीख पड़ी- हाय अम्मी, मैं मर गई … अरे मार डाला … उफ्फ आआह्ह आआ आह्हह आह ह!

वह और जोर से मुझे चोदने लगा और मैं उसका जोश बढ़ा रही थी- हाय मर गई रे … उईईई अम्मी मर गई! बचा ले आल्ला आआह्ह ओह बस ओह्ह उह्ह उईई आह्ह्ह!

ऐसी सिसकारी की आवाज़ से मैं उसे ओर जोश दिला रही थी और वह मेरी घमासान चुदाई कर रहा था.

इतनी देर तो मेरा शौहर कभी नहीं चोद पाया मुझे!
और ये है कि झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था.

काफी देर तक ऐसी ही ज़ोरदार धक्का पेल चुदाई के बाद मेरा पूरा बदन ऐंठने लगा.
कुछ ही देर में मेरे चूत का लावा फटा और मेरा चूतरस बह कर मेरी जांघों तक चला गया.

पर उसने मुझे चोदना चालू रखा और मेरी चूत से फच फच फच की आवाजें आने लगी.
उसका लंड हर झटके में मेरी बच्चेदानी तक जा रहा था और उसके गोटे मेरी गांड से टकराकर थप थप की आवाज पैदा कर रहे थे.
ऐसा लग रहा था कि आज मेरी चूत का भोसड़ा नहीं बल्कि कुआं बना देगा.

थोड़ी देर में उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और वह भी अपने चरम पर पहुंच गया.
वह भी ऐंठने लगा और मेरी चूत में झड़ गया और अपना सारा माल मेरी चूत में भर दिया.

जब उसने लंड बाहर निकाला तो मेरी चूत पूरी खुल गई थी और मैं इस चुदाई से पूरी तरह तृप्त हो गई थी।

इंडियन स्ट्रीट सेक्स के बाद मैं खड़ी हुई और अपनी पैंटी सही करने लगी.

और फिर हम दोनों ने अपने कपड़े सही किए.

उसने मेरी तरफ रुपए बढ़ाए जो मेरी चुदाई के थे.
पर मैंने लेने से मना कर दिया क्योंकि मुझे भी बहुत मजा आया था और मैं कोई रण्डी नहीं थी.

पर उसने ज़िद करके मुझे पैसे दिए तो मुझे लेने पड़े।

फिर मैंने अपना थैला उठाया और पहले मैं गली से बाहर की ओर चल दी.

मैंने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि अभी जो कुछ भी हुआ वह किसी को पता लगे.
और तेज कदमों से चलते हुए गली से बाहर आ गई.

फिर वह भी गली से बाहर आ गया.

मैंने टैक्सी पकड़ी, उसे बाय किया और घर आ गईं।

उसके बाद तो मेरी हिम्मत बढ़ गई.
फिर तो मैंने बहुत बार अलग अलग लोगों से चुदाई करवाई और खूब मजे लिए.
जिसके बारे में मैं आपको मेरी अगली कहानी में बताऊंगी।

मेरी इंडियन स्ट्रीट सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे कमेंट में जरूर बताना!
मेरी मेलआईडी है
banonargis308@gmail.com

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