माँ और बेटी की मस्त चुदाई

मैं पिछले एक साल से इस साइट पर कहानी पढ़ रहा हु सो मैंने सोचा क्यों न अपनी कहानी शेयर की जाये! तो मैं हाजिर हु अपनी कहानी से साथ कहानी से पहले मैं अपने बारे में बता दू दिखने में नार्मल हिघ्त ५”११ उसी हिसाब का लंड !

अब मैं अपनी कहानी माँ और बेटी की चुदाई पर आता हूँ यह कहानी है मेरी पड़ोसन दिशा की चुदाई की दिशा हाइट में छोटी लेकिन चुदाई करवाने में बहुत लम्बी!

दिखने में व् ज्यादा सुन्दर नहीं है सामान्य सी में आपको बताता हु कैसे मैंने उसको चोदा वह अभी फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट है और अपनी पढाई को लेकर परेशां थी! दिनभर पढ़ती रहती थी मेरी और उसकी नजरे कई बार मिल चुकी थी और उसको व् शायद पता था की मैं क्या चाहता हु!

एक दिन उसके घर का गैस सिलेंडर ख़तम हो गया और उसके घर में उसकी माँ और उसके अलावा कोई नहीं था तो वह मेरे घर पर आई और मुझसे सिलेंडर भरवाने की कहने लगी मैं उसकी माँ को भाभी कहता हु!

तो हमारी मज़ाक चलती रहती है तो मैंने कहा में सिलेंडर तो भरवा दूंगा लेकिन बदले में मुझे क्या मिलेगा तो वह कहने लगी जो चाहे ले लेना (मैं पहले भाभी को कई बार किश कर चूका हु और बूब्स दबा चूका हु) तो मैंने कहा फिर मना मत करना! तो कहती है नहीं करुँगी और मैं उनका सिलेंडर भरवा दिया और रखने क लिए उनके घर पर गया तो भाभी नहीं थी सिर्फ दिशा थी!

तो मैंने दिशा से पूछा तो उसने कहा की पदोष में गयी है और में जाने लगा तो दिशा कहने लगी सिलेंडर को लगा दो! तो मैंने सिलेंडर को लगाया और जाने लगा तो दिशा ने कहा की अब इतनी म्हणत की है तो चाय पि क जाओ! तो मैंने कहा ठीक है बनाओ और वह चाय बनाने लगी, मैं उसके कमरे में बैठ गया और उसकी कितबे देखने लगा तभी दिशा चाय वना क लाइ और हम चाय पिने लगे!

तो दिशा ने मुझसे पूछा की मेरी मम्मी से सिलेंडर भरवाने क बदले क्या लेने वाले थे तो मैंने कहा कुछ नहीं चाय पिता सो तुमने पीला दी तो मुझे वह शक भरी नजरो से देखने लगी जैसे उसे पता हो की उसकी मम्मी से क्या लेने वाला था और में चाय पि क जाने लगा तो दिशा ने कहा भैया मुझे मैथ्स में कुछ दिक्कत है मुझे पढ़ा दो तो मैंने कहा बिलकुल पढ़ा दूंगा!

तो वह कहने लगी की फिर यही पढ़ाएंगे या अपने घर पर तो मैंने कहा जब तुम्हारी मम्मी आ जाये तो मेरे घर आ जाना पढ़ा दुगा! जब तक में उसके बारे में इस तरह का कुछ नहीं सोच रहा था और में उसके घर से अपने घर आ गया में बहार ही खड़ा था!

तभी भाभी आई तो मैंने कहा अपने अपना वादा पूरा नहीं किया ये सब दिशा छत पर से सुन और देख रही थी ! तो भाभी ने कहा यही चाहिए या अंदर चलोगे और मेरे साथ मेरे घर में आ गई और हम दोनों एक दूसरे से लिपट गए और किश करने लगे!

मैं किश क साथ साथ भाभी क बूब्स को व् दबाते जा रहा था! मेरे घर में २ दिन से कोई नहीं था तो मैंने भाभी क पल्लू को गिरके उनके बूब्स को मुँह में लेकर ब्लाउज क ऊपर से ही चूसने लगा भाभी उत्तरजीत होती जा रही थी और मेरे सर को पकड़ कर अपने बूब्स में दबा रही थी!

मैंने व् भाभी की चूत क ऊपर हाथ रख दिया और सहलाना लगा! भाभी को पकड़ कर बिस्तर पर पटक दिया मैंने आज से पहले भाभी क साथ इससे ज्यादा कुछ नहीं किया था क्योकि उन्होंने कभी करने नहीं दिया था! तभी उसने आँखे खोली और कहने लगी एक सिलेंडर भरवाने की कीमत मैंने चुक्का दी और उठ गई और जाने लगी तो मैंने कहा भाभी इससे ज्यादा कुछ और तो करने दो तो वह मना करने लगी और जाने लगी तो मैंने उसे पीछे से पकड़ कर फिर बिस्तर पर खींच लिया तो वह कहने लगी शाम को सब कुछ कर लेना!

तो मैंने कहा पक्का तो वह कहने लगी आज तेरे भैया ७ दिनों क लिए बहार गए है और घर मेरे और दिशा क अलावा कोई नहीं! तो मैंने कहा दिशा का क्या करोगी तो कहने लगी उसकी चिंता तुम मत करो और एक किश देकर चली गई!

उसके जाने क बाद में अपने फ्रिज में बर्फ देखने लगा में भूल गया था की दरवाजा खुला रह गया है! मैं बर्फ देखने में मगन था और अपने लुंड को बहार निकलकर खेल रहा था और मुठ मर रहा था ! मुठ मरने क बाद जैसे ही उठा तो देखा मेरे पीछे दिशा खड़ी थी में यह देखकर घबरा गया और पसीने पसीने हो गया था!

दिशा ये देखकर मुस्कुरा रही थी मैं कुछ बोलता इससे पहले ही दिशा कहने लगी आप क्या कर रहे थे अभी तो उसको देख रहा था और वह मुझको देख कर मुस्कुरा रही थी ! मैंने उसे कहा तुम बैठो में आता हूँ और बहार जाकर मुँह धोया और दरवाजा वंद करके अंदर आया तो दिशा मुझे देखकर मुस्कुराने लगी में व् निशा में बाजु में जाकर बैठ गया और उसकी किताब उठा कर पढ़ने लगा!

लेकिन हमारा मन नहीं लग रहा था और दिशा भी मन से नहीं पढ़ रही थी और हम बातें करने लगे बातों बातों में मैंने उसका हाथ पकड़ लिया! पहले तो मन करने लगी फिर जब मैंने मनाया तो मान गई और मुझ से चिपक गई और हम दोनों किश करने लगे!

करीब १५-२० मिनिट क जोरदार किश क बाद दिशा अपने पुरे कपडे उतर क मेरी गोद में आकर बैठ गई! मैंने व् उसको पकड़ कर उसके छोटे छोटे बूब्स को दवाने और चूमने लगा और उसको वही बिस्तर पर लिटा दिया और उसके पुरे शरीर को किश करने लगा और मसलने लगा!

वो व् मेरा पूरा साथ दे रही थी अब मैंने व् अपने कपडे उतार दिए और उसके ऊपर चढ़ गया और फिर वही सब करने लगा उसके निप्पल को बूब्स को और होंठो को लगातार किश करता जा रहा और एक हाँथ से उसकी चूत को रगड़ रहा था! अब उसने कहा जल्दी में अंदर दाल दो तो मैंने उसकी टैंगो को उठाया और अपने लंड को उसकी बुर (चूत ) क छेद पर रखा और दिशा क ऊपर लेट गया और दिशा को किश करने लगा!

साथ में एक जोरदार झटका मारा मेरा आधा लंड उसकी बुर (चूत ) में उतर गया और मैंने समय खराब न करते हुए दोसरा झटका मरते हुए पूरा लंड उसकी चूत में उतर दिया !

उसकी आँखों से आंसू आ गए और वह मुझे धक्का देने लगी मैंने किश करना बंद किया तो कहने लगी बहुत दर्द हो रहा है बहार निकालो इसे मैंने उसकी बात को अनसुना करते हुए झटके मारने लगा कुछ देर बाद उसको व् मजा आने लगा और वह व् मेरा पूरा साथ दे रही थी!

आधे घंटे बाद में उसकी चूत में ही झाड़ गया और उसके ऊपर लेट गया हम दोनों पसीने पसीने हो गए थे! १५ मं हम दोनों उठे और मैं एक कपडा से अपना लंड पोछा और उसने अपनी चूत साफ़ की वह शायद पहले किसी से अपनी चूत मरवा चुकी थी !
इसलिए उस पर चुदाई का ज्यादा असर नहीं हुआ था और फिर मैंने उसे चाय वनवे और उसको पढ़ाया बातो बातो में उसने मुझसे पूछा में मम्मी क साथ आज क्या किया तुमने मुझे सब पता है तो मैंने व् उसको बता दिया की रात में उसकी मम्मी को चोदने वाला हूँ!

तो कहने लगी में व् मम्मी क साथ रहूगी तो मैंने उसे पूछा तो वह कहने लगी मम्मी क साथ में व् एक बार गांव में चुद चुकी!

उसके बाद मैं रात को मैंने उसकी माँ की चुदाई करी और उनके बाद दिशा की चुदाई भी करि उनके साथ में ही!

फिर हम तीनो नंगे एक दूसरे के साथ सो गए और पुरे एक हफ्ते हमने एक साथ चुदाई करि!

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