चूहे ने दिलाई पड़ोसन की चूत (पड़ोसन सेक्स स्टोरी)

कुछ देर बाद पड़ोसन ने कमरा बंद कर लिया और अपने कपड़े पहनने लगी।

मैंने आवाज लगाई क्या वह ठीक है तो उन्होंने कहा हां मैं ठीक है कुछ देर बाद दरवाजा खुला और मैं कपड़ों में थी जिसमें तो वह और भी सुंदर लग रही थी।

वो थोड़ा शर्म आ रही थी तो मैंने पूछा क्या हुआ उन्होंने कहा माफ करना मैंने आपको तकलीफ दी और बिना कपड़े के बाहर आ गई।

मैंने उन्हें समझाया और कहा कि ऐसा कुछ नहीं है मैंने उन्हें नहीं देखा घबराने की कोई बात नहीं है ।

उन्होंने कहा किसी कोई बात ना बताएं मैंने कहा ठीक है।

फिर मैं घर आ गया और आकर उनके नाम की मुठ मारने लगा क्योंकि उनका बदन था इतना खूबसूरत कि मेरे मन में बार-बार आ रहा था।

यह हादसा होने के बाद शायद अब रीमा मुझे और अच्छे से समझ चुकी थी।

वह अभी भी मेरे घर पर आया करती थी चाय पीने या मिलने ।

मुझे अब लगने लगा था कि समय आ गया है की उसे पूछा जाए और इस कहानी को आगे बढ़ाया जाए।

एक दिन मैंने अपने घर बुलाया जिस दिन के घरवाले गए हुए थे ।

उसके पति ऑफिस गए थे बच्चे स्कूल और मैंने छुट्टी ले ली थी तो मैंने उन्हें बुलाया।

वह भी सज धज के आई हुई थी शायद उन्हें कहीं जाना था ।

वह भी मुझे मुस्कुरा कर बार-बार देख रही थी पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि उन्हें कैसे बोलूं।

मैंने उनके लिए समोसा बनाया था और कोल्ड ड्रिंक भी रखी हुई थी और हम वही खा पी रहे थे।

वह मुझे बार-बार देख रही थी और मैं भी उन्हें बार-बार देख रहा था। पर शुरुआत कैसे करूं यह समझ नहीं आ रहा था।

मैं उसके बगल में बैठ कर बात घुमा फिरा रहा था ताकि वह समझ जाए लेकिन सीधा बोलने में मेरी फट रही थी।

आपको याद है तो चूहा मैंने घर के बाहर फेंका था उनके वही चूहा मेरे घर आ चुका था ।

खाते-खाते थोड़ा समोसा नीचे गिर गया था और जैसे ही रीमा गिरे हुए समोसे को उठाने लगी साफ करने के लिए इतने में चूहा आ कर उस समोसे में टूट पड़ा ।

यह देखकर रीमा घबरा आ गई और फिर से मुझ पर चिपक गई।

बस चूहे ने अपना काम कर दिया और रीमा और मैं गले से लगे हुए थे।

मेरी रीमा को और अच्छे से गले लगा लिया पहले वह ढीली पड़ी हुई थी ।

कुछ देर बाद उन्होंने मुझे गले से लगा लिया और हम बहुत देर तक ऐसे ही चिपके रहे।

थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे छोड़ा और शरमा गई तो मैंने उनका चेहरा ऊपर किया और उनके होठों पर किस कर दी।

वह भी मुझे चूमने लगी और अब हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह घूम रहे थे।

मै उसकी कमर पर हाथ फेर रहा था और वह मेरी कमर पर हाथ पर रही थी।

मैंने धीरे से उसका सूट ऊपर किया और उसकी ब्रा का हुक खोल दिया।

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