बदला पार्ट 14

लेखक- सीमा सिंह

जिससे जैक का लंड प्रीति की चूत से बाहर आ गया, तभी जेनिफर बोली जय शकुंतला देवी जय शकुंतला देवी जय शकुंतला देवी ये सुनकर प्रीति फिर से उसी पोजीशन में आ गई।

इस बार प्रीति ने अपने हाथों से अपने मोड़े हुए पैरों को कस के पकड़ लिया, जैक ने फिर से अपने लंड को प्रीति की चूत में धीरे धीरे पूरा डाल दिया और उसकी कमर को कस के पकड़ लिया।

और जैक ने अपनी कमर को तेज तेज हिलाना शुरु कर दिया, कमर के तेज तेज हिलने से जैक की जांघें प्रीति के चूतड़ों से टकराकर एक मधुर सी ध्वनि कर रही थी।

थप थप थप थप थप, उधर प्रीति की चीखें पूरे कमरे में घुजाई मन हो रही थी उउउउह्ह्ह आआआ ह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह पर प्रीति इस दर्द को पूरा सहन कर रही थी।

जैक का वीर्य निकलने वाला था, उदर प्रीति की चीखे बदल गई क्योंकि प्रीति भी चरम सुख के पास थी और उसका भी योनिरस निकलने वाला था, उदर जैक जोर जोर से प्रीति की चूत को चोदने लगा।

वो दोनों ही चरम सुख की तरफ बढ़ रहे थे, जैक प्रीति को किस करने लगा और उसकी चूत जोर-जोर से मारने लगा, अगले चार मिनट बाद जैक को लंड पर गर्म लावा बहता सा महसूस हुआ।

जैक ने प्रीति को बोला मेरा वीर्य निकलने वाला है प्रीति बोली आहह लगता है, मेरा भी पानी छूट रहा है, जैक बोला मैं तेरी चूत के अन्दर अपना सारा वीर्य निकाल देता हूं।

वो दोनों एक साथ चरम सुख को प्राप्त हुए, जैक का वीर्य उसकी चूत के अन्दर बहने लगा, और उसका वीर्य भी छूट गया, जैक का वीर्य और प्रीति की चूत का वीर्य मिल कर उसकी जांघों से होकर नीचे बहने लगा।

वो दोनों चरम सुख को प्राप्त करने के बाद एक दूसरे की बांहों में बांहें डाले हुए पड़े थे, अभी भी जैक का लंड उसकी चूत के अन्दर पड़ा हुआ था, प्रीति का शरीर जैक के शरीर पर चिपका हुआ था।

दोनों पसीने से तरबतर निढाल पड़े थे, जैक ने उसे प्यार से चुंबन किया फिर जैक ने प्रीति को छोड़ा और उसे 100000 रुपए दिए, प्रीति ने जैक से रुपए लिए ।

और कपड़े पहन कर दोनों फिर से आश्रम आ गए और सब कुछ पहले की ही तरह हुआ, बस दूसरी रात को एक बजे प्रीति को कुछ दर्द हुआ तो जयंती देवी ने उसे जेनिफर के साथ फिर जंगल की बिल्डिंग में भेज दिया।

डॉक्टर ने आज भी उसका इलाज किया, फिर अगले दिन सब कुछ नॉर्मल रहा, और उसके अगले दिन प्रीति घर पर चली गई।

जिस दिन प्रीति घर गई थी, उस दिन दोपहर में जेनिफर सो रही थी, वो अपने सपनों में अपने पुराने समय में चली गई उसे प्रकाश से हुई पहली मुलाकात याद आई।

एक मई 2017 सोमवार का दिन था, सुबह जेनिफर किचिन में कुछ बना रही थी, और उसका पति रोबिन अपना सामान पैक कर रहा था, तभी जेनिफर किचिन से कुछ खाने का सामान पैक करके ले आई।

और रोबिन के बैग में रखते हुए बोली दिन में समय से खाना खा लेना, रोबिन उसकी बात सुनकर बोला तुमने इतनी तकलीफ क्यों की मैं ट्रेन में ही कुछ खा लेता।

जेनिफर उसके कपड़े ठीक करती हुई बोली मैं जानती हूं कि तुम कुछ ना कुछ खा लेते पर मैं चाहती थी कि मैं तुम्हारे लिए कुछ स्पेशल बनाऊं।

उसकी इस अदा पर रोबिन ने जेनिफर को अपनी बाहों में भर लिया और बोला स्पेशल देना चाहती हो तो विदा करने से पहले अपनी कुछ निशानी मुझे दे दो।

यह सुनकर जेनिफर शर्मा गई और अपने होठों को उसके होठों पर रख दिया उसे एक डीप किस करने लगी, यह किस काफी लंबा चला दोनों की जीभ आपस में खेल रही थी।

उसके बाद जेनिफर ने अपने होठों को उसके होठों से हटाया और लंबी लंबी सांस लेने लगी रोबिन ने जल्दी से उसे उल्टा किया और उसे हल्का सा झुका दिया।

और अपनी पेंट की जिप खोलकर अपना अंडरवियर हल्का सा नीचे करके अपना लंड बाहर निकाल लिया और जेनिफर की लेगी और पैंटी को एक साथ नीचे कर दिया।

और अपने लंड को जेनिफर की चूत में डालकर जल्दी-जल्दी झटका देने लगा, जेनिफर भी अपनी कमर हिला हिला कर उसका पूरा साथ दे रही थी, वह दोनों कुछ जल्दी-जल्दी कर रहे थे।

क्योंकि अगर वह नॉर्मली करते तो उसकी ट्रेन छूट सकती थी, पर 10 मिनट हो चुके थे रोबिन का वीर्य अभी छूट नहीं रहा था जेनिफर को लगने लगा की रोबिन ऐसे ही करता रहा तो वह जरूर लेट हो जाएगा।

और उसकी ट्रेन निकल जाएगी उसने रोबिन को हटाया और जेनिफर रोबिन के सामने घुटने के बल बैठ गई और जोर-जोर से जल्दी-जल्दी उसका लंड चूसने लगी।

इतने सारे लंडों से चुदने के बाद अब जेनिफर को लंड चूसना बहुत अच्छा आता था तीन मिनट में ही उसने रोबिन के लंड को झड़ा दिया और उसका सारा वीर्य गटक गई।

और खड़ी होकर स्माइल देते हुए बोली आखिरकार न चाहते हुए अपना पसंदीदा गिफ्ट ले ही लिया तुमने, पर रोबिन ने उसे एक तिरछी निगाह से देखा और बोला डार्लिंग मन तो कर रहा है कि तुम्हें भी अपने साथ ले जाऊं तीन दिन का टूर है वहां खूब मस्ती करेंगे।

तभी रोबिन का फोन बजा एक नौकर बाहर कार लेकर उसका इंतजार कर रहा था वह बोला सर मैं बाहर आ गया हूं आप बाहर आ जाओ रोबिन ने जल्दी से अपने लंड को पेंट में डाला।

और फिर से अपनी हालत सही करके अपने बैग को लेकर जेनिफर को बाय कहकर बाहर आ गया, रात को खाना खाने के बाद जेनिफर ने वीडियो कॉल पर रोबिन से बातें की फिर वह दोनों सो गए।

अगले दिन शाम के 7:00 बज रहे थे जेनिफर ने आज खाना बनाने का नहीं सोचा था उसने सोचा था कि जब भूख लगेगी तो वह कुछ आर्डर कर देगी और डिलीवरी मिलने पर वह खाना खा लेगी।

अभी वह बैठकर घर में टीवी देख रही थी कि इतने में दरवाजे की बेल बजी वह खड़ी हुई और दरवाजे को खोला, पर जैसे ही उसने दरवाजे को खोला वो भोचकी रह गई।

उसका शरीर बर्फ सा जम गया क्योंकि दरवाजे पर प्रताप एक अपनी ही उम्र के आदमी के साथ खड़ा हुआ था, पीछे खड़े आदमी की गंदी निगाह जेनिफर के जिस्म पर अटक गई थी।

वह उसे पूरी हवस की निगाह से देख रहा था जेनिफर ने भी उसकी निगाह को भाप लिया और अपने को छिपाते हुए वो दरवाजे से हटकर खड़ी हो गई और बोली रोबिन घर पर नहीं है।

प्रताप और वह आदमी घर के अंदर आए और दरवाजा बंद करके बोले हमें पता है इसीलिए तो यहां आए हैं इनसे मिलो यह मेरे दोस्त प्रकाश हैं हम दोनों बचपन के दोस्त हैं।

जेनिफर ने उसे नमस्ते किया तो प्रताप ने भी उसे नमस्ते किया उसके बाद वह दोनों हाल में आकर बैठ गए उन्होंने जेनिफर से पूछा तुमने क्या बनाया है खाने में तो जेनिफर ने उसे सब कुछ बता दिया।

यह सुनने के बाद प्रताप ने कहा अच्छा है हम तीनों बाहर से ही ऑर्डर कर देते हैं खाना खाएंगे और साथ में शराब भी पियेंगे कुछ देर बातें करने के बाद प्रताप ने खाने का आर्डर किया।

फिर तीनों ने एक साथ में खाना खाया प्रकास तो बस जेनिफर को ही देखे जा रहा था, जेनिफर के समझ में नहीं आ रहा था की प्रताप इस आदमी को यहां पर क्यों लाया है और वह क्या करने वाले हैं ?

खाना खाने और शराब पीने के बाद प्रताप ने जेनिफर को बताया कि आज की रात हम दोनों तेरे साथ चूदाई करेंगे, जेनिफर को पहले ही शक हो चुका था।

कि प्रताप आज उसके साथ सेक्स करेगा और इस आदमी को इसीलिए यहां पर लाया है, पर उसे यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि उसने पहले कभी ऐसा नहीं किया था।

वह उसके घर पर कभी किसी आदमी को नहीं लाया था, आज पहली बार वह अपने साथ किसी आदमी को लेकर आया था, इसी कारण जेनिफर को कुछ और होने की आशंका थी।

पर ऐसा कुछ नहीं था वह दोनों उसे कमरे में ले गए और उसकी चूदाई चालू कर दी अभी जेनिफर की चूदाई चल ही रही थी कि जेनिफर का फोन बजने लगा।

रोबिन उसे वीडियो कॉल कर रहा था इस समय, पर प्रताप पीठ के बल लेटा हुआ था, उसके ऊपर जेनिफर लेटी हुए थी, प्रताप का लंड जेनिफर की चूत में चल रहा था।

और जेनिफर के चूतड़ों के ऊपर प्रकाश घुटनों को मोड़कर उसकी गांड मार रहा था आप कह सकते हैं कि इस समय जेनिफर की चूत और गांड की एक साथ चूदाई हो रही थी।

फोन की आवाज सुनकर जेनिफर समझ गई कि किसका कॉल आया है, उसने सोचा फोन काट कर रोबिन को अभी मेसेज करके कॉल करने से मना कर देती हूं।

जेनिफर ने चुदते हुए अपने हाथ को बढ़ाकर अपना फोन उठाया और फोन काटने ही वाली थी की प्रताप ने जेनिफर के हाथ से फोन को छीन लिया।

और फोन की स्क्रीन को देखकर बोला क्या बात है ?, तेरा पति कॉल कर रहा है उसने फोन उठाया और बोला कैसे हो रोबिन ?, फोन उठते ही अपने सामने प्रताप की शक्ल को देखकर रॉबिन समझ गया की क्या चल रहा है उसके घर में।

रोबिन अपने दांतों को दबाकर गुस्से में कुछ ना बोल सका तभी प्रताप बोला वह क्या है ना ?,  इस बार शनिवार को मेरा एक दोस्त ही तुम्हारी बीवी के साथ रहेगा ।

इसलिए मैंने सोचा कि मैं और मेरा एक दोस्त आज तुम्हारी बीबी के साथ कुछ समय बिता लें, कही उसको बुरा न लगे, कि इस बार कम चूदाई हुई है उसकी।

और प्रताप जोर जोर से हंसने लगा, रोबिन उसके कमिनेपन को देखकर कुछ न कर सका, तभी प्रताप फिर से बोला अभी मैं तुम्हारी बीबी की चूत मार रहा हूं।

और साथ में मेरा दोस्त इसी समय उसकी गांड मार रहा है और तुम देखना चाहोगे कि कैसे तुम्हारी बीबी की चूत और गांड में एक साथ दो दो लंड अंदर बाहर हो रहे हैं।

यह सुनकर रोबिन बहुत गुस्से में आ गया और उसने अपना फोन काट दिया और रोने लगा उसे अपनी बीबी जेनिफर पर बहुत दया आती थी, पर जेनिफर ने उसे कसम दे रखी थी कि वह कुछ न करें ‌।

उस रात दोनों ने जेनिफर को कई बार चोदा और सुबह उसके घर से चले गए, रोबिन जब घर लौट कर आया उसने देखा तो जेनिफर उसके सामने नॉर्मल व्यवहार कर रही थी।

वह अपनी बीबी की हालत को देखकर बहुत दुखी हो रहा था पर वह उसके सामने जाहिर नहीं करना चाहता था, कि वह बहुत-बहुत दुखी है अगर वह उसके सामने जाहिर करता तो वह रोने लगती।

और रोबिन उसे बिल्कुल भी तकलीफ नहीं देना चाहता था, शनिवार के दिन शाम को प्रताप रोबिन के घर आया और जेनिफर को होटल के लिए ले गया।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस बदला कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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