चूत की आग पार्ट 17

लेखक- सीमा सिंह

वो उसके साथ ऐसा बर्ताव कर रहे हैं, वो सब रात भर का प्यार नफरत में बदलता जा रहा था अब, साहिल ने एक और झापड़ उसे रसीद किया।

और फिर बोला सच बोल, तू ही थी न रात को वहां, कुमकुम ने आग उगलती हुई आंखों से साहिल को देखा और ना में अपना सर हिला दिया।

साहिल ने उसे जोर का धक्का दिया और उसका सर दिवार से जा लगा, और उसके माथे पर एक गोला सा दाग बन गया, कुमकुम दर्द से बिलबिला उठी ।

साहिल उसके करीब आया और फिर से उसके बालों को पकड़ा और उसके चेहरे के करीब आकर गुर्राया मेरी बात कान खोलकर सुन ले साहबजादी।

ये मेरा घर है, और मेरी मर्जी के बिना यहां  का पत्ता भी नहीं हिल सकता, फिर से ऐसी कोई भी हरकत न करना कि मैं तुझे और तेरी मां को धक्के मारकर इस घर से निकाल दूं।

समझी अगर यहां रहना है तो सीधी तरह से रह, और फिर बाहर निकलते हुए वो पीछे मुड़ा और बोला ये बात हम दोनों के बीच रहे तो सही है वरना अंजाम कि तुम खुद जिम्मेदार होगी ।

ये सारा किस्सा सीमा को न पता चले, इसकी धमकी देकर साहिल बाहर निकल आया, अपने बिस्तर पर दर्द से बिलखती हुई कुमकुम को छोड़कर ।

उसने उसी वक़्त शबाना को फ़ोन करके रोते रोते सारी बात बतायी, शबाना अभी रास्ते में ही थी, उसे भी विश्वास नहीं हुआ कि साहिल ऐसा कुछ कर सकता है उसके साथ।

शबाना ने कुमकुम को अपने घर पर आने के लिए बोला, वो नहा धोकर तैयार हो गयी, तब तक सीमा कमरे से बाहर आ गई थी, वो किचिन में गई तो घर की नौकरानी सब के लिए नाश्ता बना चुकी थी।

ये नौकरानी बंगले के सर्वेंट रूम में रहती थी, और जब साहिल फोन करता था तब ये बंगले में आती थी, सीमा सबके लिए नाश्ता टेबल पर लगाकर इन्तजार करने लगी।

तभी साहिल बंगले के बाहर से आया और टेबल पर बैठ गया वही कुमकुम जब टेबल पर आकर बैठी तो दोनों ने एक दूसरे कि तरफ देखा तक नहीं।

सीमा ने अपनी बेटी को उदास सा देखा तो उसके पास आयी और तभी उसके माथे पर उगे गुमड़ा और कुमकुम के एक गाल पर सूजन देखी तो वो चिंता में आ गई।

और वो भरी आवाज में बोली अरे मेरी बच्ची, ये क्या हुआ ?, ये चोट कैसे लगी ?, कुमकुम ने नफरत भरी नजरों से साहिल कि तरफ देखा, जो बड़े मजे से नाश्ता खाने में लगा हुआ था।

और फिर कुमकुम धीरे से बोली कुछ नहीं मां, रात को बिस्तर से चहरे के बल गिर गयी थी, ऐसे बेड पर सोने कि आदत नहीं है न इसलिए ये सब हो गया।

साहिल उसकी बात सुनकर कुटिल मुस्कान के साथ हंस दिया, अपना नाश्ता करने के बाद कुमकुम अपनी मां को बोलकर शबाना के घर पहुंच गयी।

शबाना के कमरे में पहुंचकर उसने विस्तार से वो सब बातें बतायी जो आज सुबह उसके साथ हुई थी, जिसे सुनकर शबाना का खून भी खोलने लगा था।

शबाना बोली साला, कमीना कहीं का, देख तो कितने वहशी तरीके से पीटा है तुझे, शबाना ने कुमकुम के माथे और गाल को छूकर देखा, उसे वहां अभी तक दर्द हो रहा था।

शबाना बोली यार, जिस तरह से तू साहिल के बारे में बता रही है, मुझे तो लगता है कि ये कोई साईको है, अगर जल्द ही इसका कुछ नहीं किया गया तो शायद किसी दिन ये आंटी के साथ भी ऐसा कुछ ना कर दे।

ये बात सुनते ही कुमकुम सिहर उठी, उसे अपनी मां से सबसे ज्यादा प्यार था और उसे वो ऐसे पिटते हुए नहीं देख सकती थी, कुमकुम बोली नहीं, मैं ऐसा नहीं होने दूंगी ।

शबाना बोली वो ऐसी हरकत ना करे, ना ही तेरे साथ और ना ही आंटी के साथ, इसके लिए हमें कुछ करना होगा, दोनों ने एक दूसरे को देखते हुए सहमति से सर हिलाया।

दोनों ने मन ही मन दृढ़ निश्चय कर लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो कभी साहिल को ऐसा कुछ नहीं करने देंगी, दोनों के अंदाज को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता था।

कि वो दोनों अपनी बात पूरी करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं, दोनों साहिल से निपटने कि रणनीति तैयार करने लगी की उसे कैसे शीशे में उतारें ।

शबाना बोली देख, अभी कुछ दिन के लिए तो तू बिल्कुल चुपचाप रह, तेरा ये सौतेला बाप क्या करता है ?, कौन कौन उसके दोस्त है ?, किन बातों से खुश होता है ?

किनसे नाराज होता है ?, ये सब नोट करती रह, उसके बाद हम उसके हिसाब से आगे का पूरा प्लान बनाएंगे, कुमकुम बोली यार शबाना इससे क्या हो जायेगा ?

शबाना बोली हमें बस ये सुनिश्चित करना है कि जो आज तेरे साथ हुआ है वो दोबारा न हो, और न ही कभी तेरी मां के ऊपर ऐसी नौबत आये ।

कुमकुम बोली और जो उसने मेरे साथ किया है आज, उसका क्या ?, शबाना बोली उसका भी बदला लिया जाएगा, तू चिंता मत कर, तभी तो मैं कह रही हूं।

उस पर नजर रखने के लिए, हमें उनकी कमजोरी पकड़नी है, ताकि उसका फायदा उठाकर हम अपनी मर्जी से उन्हें अपने इशारों पर नचा सके ।

कुमकुम की समझ में उसकी बात आ गयी , थोड़ी देर तक बैठने के बाद कुमकुम वहां से वापिस घर आ गयी, उसने अब शबाना कि बात मानते हुए साहिल के ऊपर नजर रखनी शुरू कर दी।

वो कोई भी बात कर रहा होता, उसे सुनने कि कोशिश करती, किन लोगो से मिलता है ?, कहा कहा जाता है ?, उन सब बातों का हिसाब रखना शुरू कर दिया कुमकुम ने।

साहिल चुदाई के मामले में एक नंबर का हरामी था, वो रोज दो से तीन बार सीमा की चूदाई करता था, एक सुबह ऑफिस जाने से पहले और फिर रात को सोने से पहले एक से दो बार चोदता था।

उसकी मां की मस्ती भरी चीखे पुरे घर में गूंजती थी, जिन्हे सुनकर वो भी गीली हो जाती थी, उसे तो यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी मां इतनी बड़ी चुदाकड़ है।

वो साहिल को माना भी नहीं करती थी, साहिल का कोई फ्रेंड सर्किल नहीं था, ऑफिस और घर के बीच चक्कर काटना , बस यही काम था साहिल का।

बस एक ही फ्रेंड था, उसका वकील दोस्त, लतीफ, जिसकी सलाह मानकर साहिल ने उसकी मां सीमा को प्रोपोस किया था, दोनों दोस्त अक्सर शाम को बैठकर दारु पीया करते थे।

और अपने दिल कि बाते एक दूसरे से शेयर करते थे, लतीफ अपनी फेमिली के साथ पास ही रहता था, ये सब बाते वो उसी बालकनी में बैठकर करते थे।

जहां छुपकर कुमकुम ने अपनी मां को चुदते हुए देखा था, पर पीने के बाद साहिल ये भूल जाता कि शायद कुमकुम अपने कमरे के अंदर बैठकर वो सब बाते सुन रही है।

जो वो दोनों कर रहे होते हैं और वो दोनों अक्सर चुदाई कि बाते भी करते थे या फिर ऑफिस में आयी किसी नयी लड़की के बारे में या कोर्ट में आये केस में फंसी बेबस लड़कियो और उनकी कारस्तानियों के बारे में।

कुल मिलाकर उनकी हर चर्चा का केंद्र सेक्स ही होता था, शादी के एक हफ्ते बाद दोनों दोस्त बालकनी में बैठकर बारिश और दारु का मजा ले रहे थे।

लतीफ बोला यार आजकल कोर्ट में एक तलाक का केस आया हुआ है, मिया बीबी अपनी शादी के तेईस साल बाद तलाक ले रहे हैं, मैं औरत कि तरफ से केस लड़ रहा हूं।

साहिल बोला तलाक की बजा क्या है ?, लतीफ बोला उसका पति उस पर और अपनी बेटी पर सक करता है, और सोचता है उनका बाहर चक्कर चल रहा है।

वो इतना सकी है की अपनी बेटी का कई बार चेकअप करा चुका है की वो कुंवारी है या नहीं, और उसकी बीबी किसी से बात भी कर ले तो वो उसे मारता पीटता था।

वो औरत हर तारिक पर आती है और मेरे केबिन में बैठती है, अपनी 22 साल कि लड़की को साथ लाती है, उसका नाम रोशनी पाण्डे है, यार, क्या बताऊ ?, इतनी गर्म और लबाबदार जवानी मैंने कही नहीं देखी।

उसके बूब्स देखकर मेरा मन करता है अपना मुंह उनके बीच डालकर अपनी सारी फीस वहीं से वसूल लूं और वो हंसने लगा हा हा हा ।

साहिल भी उसकी बात सुनकर बोला ये उम्र होती ही ऐसी है, कच्चे कच्चे अमरुद लगने जब शुरू होते हैं न जवान शरीर पर, उन्हें दबाने और मसलने का मजा ही कुछ और होता है।

साहिल आगे बोला वैसे मुझे उसके बारे में भी बात करनी थी, उनकी माली हालत ज्यादा ही खराब है, इसलिए रोशनी कोई जॉब करना चाहती है, अगर तेरे ऑफिस में कोई स्टाफ कि जरुरत है तो देख ले।

साहिल कुछ देर सोचकर बोला हां, चाहिए तो सही मुझे, अपनी पर्सनल असिस्टेंट, सीमा से शादी करने के बाद वो जगह अब खाली हो गयी है।

तू उसे मेरे ऑफिस भेज देना, मैं देख लूंगा, लतीफ बोला देखा, सिर्फ उसके बारे में सुनकर ही तू उसे जॉब देने के लिए तैयार हो गया है तो तू पूरा ठरकी है और हंसने लगा।

और फिर अपना गिलास एक ही बार में खाली करते हुए साहिल बोला एक तेरे क्लाईंट कि बेटी है, जिसके मस्त शरीर कि बाते सुनकर ही मेरा लंड खड़ा हो गया है।

और एक मेरी बीबी की बेटी है, साली ऐसी मनहूस है कि उसे देखकर खड़ा हुआ लंड भी बैठ जाए, कुमकुम छुपकर वो सब बातें सुन रही थी, ये पहली बार था जब साहिल और लतीफ उसके बारे में बाते कर रहे थे।

लतीफ बोला यार, ऐसा भी कुछ नहीं है, मुझे तो उसका मासूम सा चेहरा बड़ा ही प्यारा लगता है, और उसने अपने लंड के ऊपर अपना हाथ रखा और हिलाया।

दोनों पर शराब पूरी तरह से चढ़ चुकी थी, साहिल बोला यार, तेरा टेस्ट न बकवास होता जा रहा है आज कल, कहा से तुझे वो पागल लड़की सेक्सी लगती है ?

बिखरे हुए बाल, कपडे पहनने कि कोई समझ नहीं, सुखा हुआ शरीर, जिस्म पर पता नहीं कोई फल लगेगा भी या नहीं, और ऊपर से उसकी बेफकुपाना हरकतें।

सिर्फ सीमा कि वजह से वो मेरे घर पर है, वर्ना, और इतना कहकर वो चुप हो गया और उसने एक और नीट पेग एक ही बार में अपने गले के नीचे निगल लिया।

लतीफ बोला अरे, छोड़ न यार, तू भी कौन सी बात लेकर बैठ गया ?, अच्छा तूने सीमा भाभी से बात की थी या नहीं, हनीमून पर जाने वाली, जो मैंने कही थी तुझे।

साहिल बोला यार, ये भी कोई उम्र है मेरी हनीमून पर जाने की, वैसे भी टाइम ही नहीं मिला सीमा से पूछने का, अच्छा टाइम देखकर पूछता हूं।

लतीफ बोला देख, हनीमून कि कोई उम्र नहीं होती, गोवा शहर में जो लेक के किनारे रिसोर्ट है, तू वहां चला जा भाभी को लेकर ।

साहिल बोला और साथ में उसका दहेज़ भी तो जायेगा उसके साथ, मुझे याद है हमारी कोई बात हो रही थी बाहर जाने कि तो सीमा ने पहले ही बोल दिया था।

कि जहां भी जायेंगे कुमकुम साथ ही चलेगी, उसे अकेला छोड़कर वो कहीं भी घूमने नहीं जायेगी, लतीफ बोला अरे, तो लेजा न उसे भी साथ में।

वैसे भी हनीमून में तुझे जो भी करना है वो बंद कमरे में करेगा, वो तो दूसरे कमरे में रहेगी न, साहिल सोचने लग गया और फिर कुछ देर बाद बोला तो फिर तू एक काम कर।

लतीफ बोला क्या ?, साहिल बोला तू भी साथ चल, मुझे कौन सा सारा दिन बंद कमरे में रहना है, शाम को तो पेग चाहिए होता है मुझे, और अकेले पीने में वो मजा नहीं है जो तेरे साथ बैठकर पीने में है।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस चूत की आग कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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