चूत की आग पार्ट 18

लेखक- सीमा सिंह

लतीफ बोला क्या ?, साहिल बोला तू भी साथ चल, मुझे कौन सा सारा दिन बंद कमरे में रहना है, शाम को तो पेग चाहिए होता है मुझे, और अकेले पीने में वो मजा नहीं है जो तेरे साथ बैठकर पीने में है।

लतीफ बोला अच्छा, अब तेरे साथ दारु पीने के लिए मैं तेरे हनीमून पर भी साथ चलु, साहिल बोला तू रिसोर्ट के सारे एकाउंट्स चेक कर लियो।

इतने महीनो से हम गए भी तो नहीं है न वहां, साहिल की बात में दम था, लतीफ ने वहां की जिम्मेदारी अपने साले को सोंप रखी थी, जो सारा हिसाब किताब रखता था वहां का।

सब सोचते थे ये पूरा रिसोर्ट लतीफ का था, पर हकीकत में इस रिसोर्ट का आधा मालिक साहिल था, ये बात केवल उन दोनों को ही पता थी।

लतीफ बोला बात तो तू सही कह रहा है, चल ठीक है, तू सीमा भाभी से बात कर और प्रोग्राम पक्का कर ले, मैं भी तेरी भाभी को कह के चलने के लिए तैयार हूं।

साहिल बोला इसमें सीमा से पूछने वाली क्या बात है ?, वो मना नहीं करेगी, उसे सिर्फ अपनी बेटी कि चिंता होती है, वो अगर साथ है तो उसे चांद पर भी ले चलो।

वो वहां भी चल पड़ेगी, और फिर दोनों दोस्तों ने एक एक पेग और पीया और इधर उधर कि बातें करते रहे, उनकी बाते सुनकर कुमकुम को बहुत गुस्सा आया था।

जब साहिल ने उसके बारे में वो सब बोला जो वो उसके बारे में सोचता था, क्या वो सच में ऐसी है ?, वो शीशे के सामने जाकर खड़ी हुई और अपने आप को देखने लगी।

वैसे साहिल सच ही तो कह रहा था उसके बारे में, उसके बाल बिखरे से रहते थे हमेशा, अपने शरीर में होने वाले बदलाव के बारे में वो चिंता भी नहीं करती थी।

कुमकुम के हाथ अपने आप अपनी छातियों पर चले गए, और उसने अपनी शर्ट के बटन खोलकर अपनी शर्ट उतार दी, अन्दर उसने सिर्फ एक शमीज ही पहनी हुई थी।

वो ब्रा कम पहनती थी क्योंकि ब्रा पहनने में उसे परेशानी होती थी, वैसे भी उसके बूब्स इतने बड़े नहीं हुए थे जो वो रोज ब्रा पहना करे, उसने अपने सारे कपडे उतार दिए।

और नंगी होकर सोफे पर बैठ गयी, और अपने शरीर को निहारने लगी, फिर उसने अपना फ़ोन उठाया और शबाना को फोन लगाया, शबाना ने उसका कॉल उठा लिया।

पहले हाय हेल्लो के बाद कुमकुम बोली एक बात बता मुझे, क्या मैं अट्रेक्टिव नहीं लगती हूं ?, शबाना भी उसकी बात सुनकर हैरान हो गयी।

और बोली नहीं बेबी, ऐसा नहीं है, किसने कहा कि तू अट्रेक्टिव नहीं है ?, उसके बाद कुमकुम ने वो सारी बाते शबाना को बता दी जो उसने छुप कर सुनी थी।

उन्हें सुनकर शबाना कुछ देर तक चुप रही, जैसे कुछ सोच रही हो, और फिर बोली देख, अगर वो लोग ऐसा कह रहे हैं तो हो सकता है कि वो लोग सही भी हो।

क्योंकि मैं तो एक दोस्त कि नजर से तुझे देखती हूं और तू मुझे अच्छी लगती है, और हमारे पास रहने वाले आदमी सब लड़के यंग है, उने तो कोई भी लड़की और औरत पसंद होती है।

और वो दोनों एक मेच्योर आदमी है उन्होंने तुझे देखा एक आदमी कि नजर से और हर आदमी लड़की को जब देखता है तो उसका चेहरा ही नहीं बल्कि पुरे शरीर को देखता है।

और उसके हिसाब से ही अपनी राय कायम करता है उसके बारे में, फिर थोडा रूककर शबाना बोली तेरा चेहरा किसी फ़िल्मी हिरोइन से कम नहीं है।

पर आदमी कि नजर चेहरे के नीचे पहले जाती है, जहां का वजन देखकर वो उसकी असली तारीफ करता है, लड़की के हर अंग में सही मात्रा में भराव होना चाहिए।

बस यही तरीका है उनका हॉटनेस नापने का, तेरा शरीर झल्ली सा है, कुमकुम उसकी बाते सुनती रही, और फिर बोली पर इसमें मेरी क्या गलती है ?

मैं जैसी हूं, वैसी हूं, अपने आप को कैसे बदलू मैं ?, शबाना बोली वो काम तू मुझपर छोड़ दे, आज के बाद जैसा मैं कहूंगी तो वैसा ही करेगी।

और कपडे भी मेरी मर्जी से पहनेगी ओके , कुमकुम बोली ओके, फिर वो दोनों और बाते करने लगी।

अगले दिन कॉलेज से हाफ डे बंग मारकर शबाना ने कुमकुम को अनीता मिश्रा से मिलवाया और वो गुरुमिंग क्लास चलाती थी, कुमकुम ने उसे अपनी सारी प्रॉब्लम बता दी।

उसके बाद दो घंटे तक अनीता उसे समझाती रही कि क्या खाना है ?, क्या नहीं ?, क्या पहनना है ?, कैसे पहनना है ?, कैसे चलना है ?, कैसे झुकना है ?, आदमियों के सामने कैसे बिहेव करना है ?

लड़कों और आदमियों के सामने नॉर्मल बरताब के बीच में ऐसा क्या करना होगा की उनका ध्यान उस पर जाए ?, वो उनकी ओर आकर्षित हो।

जिन लोगों का ध्यान पहले उस पर नहीं जाता था और वो भी उसे ध्यान से देखे और उनकी धारणा कुमकुम के लिए बदल जाए, सब कुछ सुनने और सीखने के बाद उसने अनीता को थैंक्स बोला।

फिर अनीता ने अपना फोन नम्बर उसे दिया और बोली कभी भी कोई प्रोबलन हो तो बता देना, फिर वो दोनों बाहर आ गई कुमकुम बोली कितनी अच्छी लेडीज थी ?

तो शबाना बोली एक लाख लिए हैं फीस के उस अच्छी लेडीज ने, कुमकुम कुछ बोली उससे पहले शबाना बोली तेरे काम को पूरा करने के लिए ये रुपए कुछ नहीं है।

अब कुमकुम ने सोच लिया था कि वो अपनी इमेज बदल कर रहेगी, जो उसके बारे में सोचा जाता है, जैसी वो दिखती है , वो सब बदल देगी।

और अपने आप को बदलने के लिए उसके सामने पहला मिशन था उसकी मम्मी का हनीमून, उसे इस मिशन को पूरा करने के लिए आज से ही शुरुवात करनी होगी।

शाम को सीमा ने खुश होते हुए कुमकुम को जब बताया की वो सभी लोग घूमने जा रहे हैं तो कुमकुम ने ऐसे जताया जैसे उसके लिए ये बात सर्प्राइज़ है।

सीमा ने उसे ये भी बताया की सन्डे के दिन वो शॉपिंग करने चलेंगे, वैसे सीमा का शॉपिंग पर जाने का एक और कारण भी था, साहिल का बर्थडे आने वाला था।

और उस वक़्त वो सभी लोग गोवा में ही होंगे, कुमकुम ने भी सोच लिया था की इस बार वो ऐसे कपड़े पहनेगी जो उसने आज तक नहीं पहने।

आख़िर उसके पिता को भी तो पता चले की वो चीज़ क्या है ?, सन्डे के दिन साहिल ने सीमा को बोला सॉरी डार्लिंग मुझे ऑफिस के काम से जाना है।

और साथ में मेरी सेकेट्री भी रहेगी, वो दिल्ली वाली पार्टी से कुछ डिस्कस करना है, सीमा को पता था साहिल के लिए  काम पहले होता है तो उसने कुछ नहीं कहा,

पर उसे क्या पता था कि पार्टी से तो बस एक घंटे ही काम है ?, बाकी का समय तो वो सेकेट्री की चूदाई करेगा, साहिल के जाने के बाद, दोनों मां बेटी शॉपिंग करने निकल पड़ी।

अंधेरी के एक बड़े से माल मे जाकर दोनों शॉपर्स स्टॉप के शोरुम में घुस गये, सीमा अपने लिए कपड़े निकालने लगी और कुमकुम अपने लिए, कुमकुम ने काफ़ी रंगो मे छोटी छोटी निक्कर यानी हॉट पेंट्स ली, जीन्स, स्कर्ट, केप्री।

और साथ मे नूडल स्ट्रेप वाले टॉप, हॉल्टर टॉप, स्किन टाईट टॉप, स्ट्रेप लेस टॉप, उसे जो भी सेक्सी ड्रेस मिलती गयी, वो लेती गयी, पैसों की तो चिंता ही नहीं थी।

साहिल ने तीन लाख रुपय दिए थे सीमा को शॉपिंग के लिए, बिल बनवाते हुए सीमा ने जब देखा की कुमकुम ने किस तरह के कपड़े लिए है ?

तो उसने उसे कुछ नहीं बोला, क्योंकि कुमकुम को मना करके वो उसका मूड खराब नहीं करना चाहती थी, इसलिए उसने सभी की पेमेंट कर दी।

उसके बाद दोनों एक लिंगरी शोरुम में भी गये, और वहां से भी कुमकुम ने अपनी पसंद के इन्नर वेयर खरीदे, जो आजतक उसकी मां ही खरीदा करती थी।

जब कुमकुम चेंजिंग रूम में गई, तब सीमा ने शोरुम में उन्हें अटेंड करने वाली लड़की को फोन पर एक फोटो दिखाई और बोली ऐसा कुछ है आपके पास।

लड़की में हां में सर हिलाया और उसे उस तरफ ले गई, उसके कुछ पीस लिए और वो भी चेंजिंग रूम में चली गई, चेंजिंग रूम से आकर उसने देखा कुमकुम अभी नहीं आई थी।

सीमा ने कुमकुम के आने से पहले केवल उस चीज का बिल पहले पेय कर दिया, उसके बाद जब कुमकुम आ गई तो उन्होंने बिल दिया यहां पर भी कुमकुम का बिल अपनी मां से ज़्यादा ही आया ।

उसके बाद दोनों लंच करके घर आ गयी, शाम को उसने शबाना को घर पर बुला लिया और उसे सारी बात बतायी, और साथ ही अपनी खरीदी हुई ड्रेसेस भी दिखायी।

जिन्हें देखकर शबाना की भी आंखे फटी रह गयी, शबाना बोली यार, मुझे नहीं पता था कि अनीता की बातों का तुझपर इतना असर पड़ेगा, तूने तो आज तक ऐसी ड्रेसेस पहनी भी नहीं।

मुझे भी देखनी है, कैसी लगेगी तू इनमें, प्लीज ना, मुझे पहन कर दिखा, कुमकुम भी तो यही चाहती थी की जो ड्रेसस वो लाई है, उन्हें पहन कर देखे।

उसने शबाना के सामने ही अपने कपड़े उतारे और पूरी नंगी होकर खड़ी हो गयी, तब शबाना ने गौर किया की उसने तो अपने पूरे शरीर के बाल भी साफ नहीं किए है।

अंडर आर्म्स, लेग्स और चूत सभी जगह बाल थे, ख़ासतौर पर उसकी चूत पर, वहां पर तो पूरा जंगल था, शबाना बोली रुक जा, कपड़े पहनने से पहले तेरी मरम्मत भी करनी है ।

कुमकुम बोली वो कैसे ?, शबाना उसके पास आई और सीधा उसकी चूत के ऊपर हाथ रख दिया और उसके बालों को अपनी मुट्ठी मे भींच कर खींच लिया।

कुमकुम के मुंह से एक चीख निकल गयी ओह आह्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह ओह शबाना बोली ये जंगल साफ करना है, आजकल बालों वाली चूत किसी को भी पसंद नहीं आती ।

कुमकुम बोली पर वहां तक दिखाना किसे है ?, शबाना ने जैसे पहले से ही सब कुछ सोच कर रख लिया था कुमकुम के लिए , वो मुस्कुराती हुई उसके पास आई।

और बोली मेरी बन्नो, तू कितनी भोली है ?, ये जिस्म की आग जब जलेगी ना, तो सामने कौन है ?, वो नहीं देख सकेगी तू, हमारे प्लान के अनुसार तुझे अपना सब कुछ दिखा कर ही सामने वाले को बस में करना है।

फिर वो चाहे तेरा ये सौतेला बाप साहिल हो या उसका जिगरी दोस्त लतीफ, कुमकुम हैरानी से उसे देखने लगी, शबाना बोली देख, हमने पहले ही डिसाइड कर लिया है।

कि तू अपने अपमान का बदला लेने के लिए कुछ भी करेगी, मैं भी तेरी मदद करूंगी, और देखना, हम दोनों मिलकर, तेरे अकड़ू बाप को अपने सामने झुकाएंगे, और वो भी पूरा नंगा ।

उसकी बात सुनकर कुमकुम के चेहरे पर अपने सौतेले बाप से बदला लेने की मुस्कुराहट आ गयी और दोनों ने एक दूसरे के हाथ पर हाथ मारकर हाइ फाईव किया।

शबाना बोली देख, तुझे सबसे पहले अपने बाप के दोस्त लतीफ को बस में करना है, क्योंकि साहिल सिर्फ उसकी बात ही मानता है ?, उसे शीशे में उतारकर ही हम तेरे खडूस पिता को कंट्रोल कर सकते हैं।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस चूत की आग कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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