चूत की आग पार्ट-2 Hindi Sex Stories

लेखक- सीमा सिंह

शबाना को गुस्सा आ रहा था, क्योंकि उसे लगा कुमकुम घोड़े बेच कर सो रही थी, तो शबाना ने अपना पैर भी कुमकुम पर रख दिया और अपना घुटना उसकी कमर के नीचे सटा दिया।

अब वो घुटने से थोड़ा हल्के से जोर दे रही थी, इससे कुमकुम को कुछ महसूस हुआ, उसने ये सब रोकने का सोचा तो वो जगीं और अपनी आंखें खोली।

शबाना की ओर देखा और फिर उससे चिपक कर सो गई, वो ऐसा अक्सर करती थी और वो कुमकुम का तरीका था, कुमकुम ने तीन चार बार शबाना की पीठ पर हाथ घुमाया, पर शबाना के कुछ और भाव थे।

अब वो दोनों एक दूसरे की बाहों में आ चुके थे, पर कुछ हो नहीं रहा था, शबाना का मुंह कुमकुम की गरदन के पास था और होंठ कान के नीचे।

तो शबाना ने अपना मुंह खुला रखा, अब उसकी सांसों की गरमी से कुमकुम को गुदगुदी महसूस हो रही थी, तो उसने गरदन को शबाना के होंठों से सटा दिया।

शबाना ने होंठ जुबान से गीले किए और कुमकुम की गरदन पर रख दिए और सांसें मुंह से निकालने लगी, अब शायद शबाना को पता चला कि कुमकुम जाग रही थी।

कुमकुम का एक पैर जो शबाना की दोनों टांगों के बीच था, उसको थोड़ा ऊपर किया, अब उसका पैर शबाना की चूत को दबा रहा था, फिर थोड़ा वो भी उल्टी हुई।

जिससे वो दोनों एक दूसरे से जोर से चिपके हुए थे, और एक दूसरे पर हाथ रखे हुए थे, अब उसे पूरा यकीन हो गया कुमकुम नींद में थी, पर मुड़ में थी, उसका बदन तप रहा था।

शबाना कुमकुम के पैर और उसके बदन की गर्मी के मजे ले रही थी, तभी कुमकुम अचानक से उठी और गरदन उठा कर शबाना को देखने लगी।

कुमकुम को ये लगा कि शबाना नींद में है, तो उसने शबाना के कंधे पर हाथ रखा  और उसे हल्का सा हिलाया और बोली शबाना क्या हुआ ?

शबाना डर गई वो कुछ जवाब न दे पाई, पर वो नींद में है, ऐसा दिखाते हुए नींद और दर्द वाला धीरे से ऊंह कर दिया, ये देखकर वो कुछ न बोली।

कुमकुम को लगा वो ये सब नींद में कर रही है, उसने पहले भी कई बार ये सब किया था पर आज ज्यादा आगे बड़ गई थी, कुमकुम ने अपने पैरों के बीच वाले हिस्से में खुजली की।

और पायजामा (लोअर) ठीक किया और थोड़ा दूर हो कर सोने लगी, पर उन दोनों के हाथ एक दूसरे के ऊपर ही थे, वो दोनों आंखें बंद करके पड़ी थी।

ऐसे ही दस मिनट बीत गए, अब कुमकुम की सांसे बहुत तेज तेज चल रही थी, पर शबाना यह तय नहीं कर पा रही थी कि वो नींद की है या उत्तेजनावश सांस ले रही है।

अब शबाना से रहा नहीं जा रहा था, उसकी हालत न झड़ने के कारण बहुत ही ख़राब थी, तभी शबाना ने अधखुली आंखों से देखा कि कुमकुम अपने लोअर में हाथ डाले कुछ कर रही थी।

शबाना समझ गई की कुमकुम अब गर्म हो चुकी है, और अपने आप को शांत करने की कोशिश कर रही है, अब जो कुछ करना था, शबाना को ही करना था।

वरना कुमकुम तो मजे लेकर कुछ ही देर में शांत हो जायेगी, शबाना घूम कर वापस कुमकुम से जोर से चिपक गई और ऐसे दिखाया कि वो नींद में ही है।

शबाना ने उसको अपना हाथ बाहर निकालने का मौका नहीं दिया और उसके हाथ पर अपने हाथ की कोहनी टिका दी और एक हथेली उसके छोटे से बूब्स पर रख दी।

शबाना को ऐसे लग रहा था कि उसके हाथ ने एक गरम पानी से भरा छोटा सा गुब्बारा थाम लिया हो, उसके बूब्स के निपल्स शबाना के अंगूठे और पहली उंगली के बीच में थे।

बड़ी वाली उंगली उसके छोटे से कड़क बूब्स से ढलान लेती हुई उसके बगल तक जा रही थी और उसने अपनी कोहनी से उसका हाथ जो उसके लोअर में था उसको दबा रखा था।

ये शबाना की चाल थी, अगर कुमकुम हाथ निकालती, तो शबाना उठ जाती और अपना हाथ भी हटा देती और अगर उसे ये पसंद आ रहा होगा तो वो उसे वैसे ही सोने देती और अपना हाथ भी वहीं रखे रहती।

अगले दो मिनट कुमकुम ने कुछ नहीं किया अब शबाना की गर्मजोशी बढ़ती जा रही थी साथ में उसकी हिम्मत को भी बढ़ा रही थी, अब दो ही रास्ते बचे थे।

या तो वो पलट के सो जाए या फिर हिम्मत जुटा कर अपनी बेस्ट फ्रेंड के साथ अपनी आग बुझाए, वही कुमकुम को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे ?

वो तो अपनी चूत की आग को शांत कर रही थी, उसने ये सब मूवी से सीखा था और जब वो गर्म हो जाती थी तो ऐसा करती थी, ये आज से पहले उसने चार पांच बार ही किया था।

शबाना अभी भी शंका में थी उसे डर था, अगर कुमकुम मुकर जाए तो वो उसकी नजरों से गिर जायेगी, पर अगर मान जाए तो उसे एक सुरक्षित तरीका मिल जाता अपनी वासना को शांत करने का।

जिसमें न बदनामी का डर होता, न कहीं घर से बाहर जाने की जरूरत होती, कुमकुम का हाथ वैसे ही था, अब उसे पीछे नहीं हटना था ये उसने सोच लिया था।

फिर शबाना ने अपनी बड़ी उंगली जो कुमकुम के बगल के पास थी उसको थोड़ा सा दबाया और मुंह उसके गाल के पास ले गई, अपनी हथेली को भी थोड़ा दबाया।

शबाना यह जानना चाहती थी कि कुमकुम के मन में क्या है इसलिए वो नींद में होने का नाटक करे पर उत्तेजित सी दिखे ताकि कुमकुम ही कुछ पहल करे।

शबाना की कोहनी जो उसके हाथ को दबाए हुए थी, उसमे उसे महसूस हुआ कि अन्दर वाला कुमकुम का हाथ कुछ हल्की हल्की हरकतें कर रहा है।

इससे शबाना की हिम्मत बढ़ी, तो वो जैसे नींद में ही हो ऐसे हिली और उसके स्तनों के ऊपर जो उसका एक हाथ था, उसे थोड़ा खींचा पर हाथ उठाया नहीं, उससे उसने उसके बूब्स को थोड़ा सहला भी दिया ।

अब शबाना की पहली उंगली उसके बूब्स के निपल्स पर थी और पास वाली बड़ी उंगली निप्पल के उभार पर टिकी थी, उंगली इस तरह थी कि निपल्स दबाव से ढल गई थी।

और बड़ी उंगली से वो बाहरी भाग पर हल्का हल्का दबाव डाल कर छोड़ रही थी, तभी कुमकुम ने अपना मुंह पीछे की तरफ ऊपर को कर लिया और उसका मुंह खुल गया वो लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी।

शबाना ने अपना मुंह उसकी ठोड़ी और छाती के बीच में थोड़ा सा ऊपर को किया, तो उसने कराहते हुए थोड़ा जगकर उसकी गरदन पर शबाना के भीगे होंठ रख दिए।

उसने होंठों को खुला छोड़ दिया, पर अब भी शबाना ये चाहती थी कि खुली तरह से पहल वो ही करे, वो तो सिर्फ उसको इसके लिए उकसाना चाहती थी।

अब तो कुमकुम की हालत ख़राब हो रही थी उसकी सिसकियां दब दब कर, फिर भी जोर से आ रही थी, वो काम उत्तेजना में कराह रही थी।

शबाना ने अपने हाथ से थोड़ी और हरकत की, अब शायद वो चरम पर जाने वाली थी, तो इन बातों पर उसने ध्यान नहीं दिया पर शबाना को ये नहीं होने देना था।

क्योंकि अगर कुमकुम संतुष्ट हो जाती तो शायद उसे अलग करके सो जाती, इसलिए उसे जल्द ही कुछ करना था, वो थोड़ी आवाज़ करके उसके पास में उल्टा सो गई।

ऐसा करते हुए वो थोड़ी कुमकुम के ऊपर जा गिरी, शबाना ने अपना कन्धा उसकी छाती पर दबा दिया और अपना पैर भी उसके पैरों पर डाल दिया।

शबाना ने अपनी जांघ से उसके हाथ को दबा दिया, जो अभी भी उसके लोअर के अन्दर ही था, कुमकुम सपक गई, शबाना अपनी सांसें नाक के ज़रिए उसके कान में  पहुंचा रही थी।

और जो हाथ उसके ऊपर था, उसको मोड़ कर उसके चेहरे को हल्के से थाम रखा था, शबाना भी उत्तेजना के चरम पर थी, शबाना सोचने लगी अब भी कुमकुम कुछ न करती है।

तो मैं कुमकुम के ऊपर चड़ जाऊंगी, पर तभी कुमकुम अचानक ताव में आई और शबाना को जोरों से पकड़ लिया, और अपना अन्दर वाला हाथ बाहर निकाल कर उससे लिपटा कर उसकी पीठ पर सहलाया।

और दूसरा हाथ जो उन दोनों के बीच में आ रहा था, उसको उसके नीचे से निकाल कर शबाना को ढंग से अपनी बाहों में ले लिया, शबाना आधी तो उसके ऊपर ही थी।

तो कुमकुम की पकड़ के कारण शबाना  ने कुछ नहीं किया और ऐसे ही पड़ी रही, अब उन दोनों का मुंह एक दूसरे के कान के पास था।

शबाना ने प्यार से कुमकुम को हल्के से चूमा और कान में आवाज दि आई लव यू कुमकुम बोलो कुछ, कुमकुम ने भी उसके कान को चूमते हुए बोला हां और फिर धीरे से कहा लव यू शबाना।

वो दोनों मुस्कुरा दी और फिर शबाना  अपने गाल से कुमकुम के गाल को सहलाने लगी, कुमकुम को बहुत अच्छा लग रहा था।

शबाना ने धीरे से कुमकुम के गालों को चूमा और वो फिर बार बार चूमने लगीं, कुमकुम भी उस दौरान उसकी पीठ सहलाने लगी।

तभी शबाना को अंधेरे में कुमकुम की गर्म सांसें उसकी नाक के पास महसूस हुईं, शबाना का ऐसा स्पर्स उसे बेचैन कर रहा था, शबाना का जी तो कर रहा था।

कि वो आगे बढ़ कर उसके लबों को चूम ले, पर वो बड़ी मुश्किल से अपने आपको संभाल पा रही थी, वो नहीं चाहती थी की कुमकुम बिदक जाए।

इसलिए वो किसी भी बात में पहल करना नहीं चाहती थी, कुमकुम शबाना की पीठ को एक तरफ से सहला रही थी, जिससे शबाना के स्तन के ऊपर के निपल्स कड़े हो चुके थे।

नहीं चाहते हुए भी शबाना का हाथ कुमकुम के बूब्स पर चला गया और कुमकुम के लिए जो उसकी सारी भावना थी वो उसके हाथों के जरिए उमड़ पड़ी।

शबाना ने जोर से उसके स्तनों को दबा दिया, उसी समय साथ में ही उसने अपना मुंह भी खोल दिया साथ में होंठ भी गीले कर लिए, कुमकुम कराह पड़ी।

एक आह्ह भरी और शबाना ऐसे ही किसी पल का इंतजार कर रही थी, उन दोनों की गरम सांसें एक दूसरे को महसूस हो रही थी, शबाना ने मुंह आगे बढ़ाया।

कुमकुम के होंठ खुले थे, शबाना ने थोड़ा मुंह टेढ़ा करके कुमकुम के लबों पर अपने तप्त होंठ रख दिए, वो दोनों तपतपा रहे थे, दोनों के होंठ गीले थे।

पहले तो शबाना कुमकुम के होंठों पर होंठ रख कर अपने होंठ बंद करने लगी, तीन चार बार ऐसा करने के बाद कुमकुम ने मुंह  थोड़ा और खोला तो वो कुमकुम के होंठों को चूसने लगीं।

कुमकुम को कुछ समझ नहीं आ रहा था, उसका दिमाग तो ब्लैंक था, वही शबाना तो मानो स्वर्ग में थी, उसे बहुत मजा आ रहा था, उन दोनों के शरीर बहुत ही तप रहे थे।

मानो दोनों को बुखार हो, इससे कुमकुम को यह भी पता चला कि शबाना का भी शायद ये पहला मौका ही था, तभी एक लंबा चुम्बन करके शबाना ने कुमकुम के मुंह में अपनी जुबान डाली।

कुमकुम को बहुत ही अच्छा लगा, जब शबाना ने निकाली तो उसने भी वैसे ही किया, तब शबाना उसकी जीभ को बड़े मजे से चूसने लगी, साथ में वो दोनों एक दूसरे का बदन सहला रही थी।

तभी कुमकुम शबाना से बोली शबाना ये हम क्या कर रहे हैं ?, और वो दूर हो गई और कुमकुम बहुत ज्यादा डर गई, उसे ये सब बहुत ही गलत लग रहा था।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस चूत की आग कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.seema.singh2003@proton.me

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