लेखक- सीमा सिंह
तभी कुमकुम शबाना से बोली शबाना ये हम क्या कर रहे हैं ?, और वो दूर हो गई और कुमकुम बहुत ज्यादा डर गई, उसे ये सब बहुत ही गलत लग रहा था।
शबाना समझ गई की कुमकुम डर रही है, उसे लगा कि अब खुल कर बात करनी ही पड़ेगी, कुमकुम बैठ गई, तो शबाना उठ कर पानी पीने चली गई।
शबाना कुमकुम के लिए जब पानी लेकर आई तो कुमकुम ने जब तक लाइट जला दी थी और अब उसके मुंह पर बारह बजे हुए थे, वैसे तो अब शबाना भी डरी हुई थी।
तभी कुमकुम डर कर घबरा कर बोली, शबाना प्लीज़ तू किसी को ये बात मत बोलना, मुझसे अन्जाने में गलती हो गई, उसने कुमकुम को पानी पिलाया ।
और शबाना ने दोनों बाहों से उसको जकड़ कर शांत किया और कुमकुम को अपनी गोदी में लिटा लिया, शबाना बोली कुमकुम कुछ नहीं हुआ है और मुझे ये पसंद आया, तुम कुछ गलत मत सोचो।
तब कुमकुम बोली मैं अभी इस चक्कर में पड़ना नहीं चाहती थी, मुझे पढ़ाई में ध्यान देना है, इसीलिए मैंने किसी लड़के को आज तक घास नहीं डाली।
मुझे मालूम है कि इसके लिए बहुत वक्त देना पड़ता है, पहले प्यार करो, फिर उसके लिए वक्त निकालो, पूरी जिन्दगी डिस्टर्ब हो जाती है और पढ़ाई में तो फिर मन ही नहीं लगता।
शबाना ने भी उसी अंदाज़ में जवाब दिया हां सही बात है, ऊपर से परिवार की बदनामी का डर, तुम्हारी मां का भरोसा, जो छूट मिलती है, वो भी छिन जाए।
पर कुमकुम कभी कभी बहुत मन होता है, मुझे भी इस चक्कर में नहीं पड़ना पर, शबाना ने जानबूझ कर बात आधी छोड़ दी, कुमकुम कुछ सोच रही थीं।
कुमकुम का मुंह कठोर हो रहा था, जो शबाना के इरादों के लिए सही नहीं था, शबाना ने भोली सी सूरत बनाते हुए पूछा कुमकुम हम जो अभी कर रहे थे, क्या वो गलत है ?
इससे तो कोई फरक नहीं पड़ेगा, ये तो सिर्फ हम दोनों के बीच ही रहेगा, कुमकुम को भी जैसे कोई जवाब मिला हो, इससे वो रिलेक्स हो गई।
कुमकुम के चेहरे के भाव देख कर शबाना को लगा कि वो नार्मल हो गई है, तभी शबाना के मुंह पर एक छोटी सी नॉटी वाली हंसी आ गई और वो बोली मेरी बेस्ट फ्रेंड मेरी हमराज मेरे बारे में कुछ गलत तो नहीं सोचेगी ?
कुमकुम भी अब तक गर्म हो चुकी थी, उसे भी कुछ नया करने का मन कर रहा था, तो उसने भी मुंह बना कर इतरा कर जवाब दिया जब हमराज बहुत खुश होगी, तो गलत क्यों सोचेगी ?
तुम मेरी प्यारी सबसे अच्छी वाली फ्रेंड हो, ये सुनकर शबाना बोली मैं तुम्हारी तरह बनना चाहती हूं और मैं तुम से बहुत प्यार करती हूं ।
ये सुनकर कुमकुम जोर से मुस्कुरा दीं, उसने शबाना को अपनी बाहों में भर लिया और अपने स्नेह से उसे नहला दिया, फिर नटखट की तरह बोली अब सो जाओ रात बहुत हो गई है।
शबाना ने कुमकुम की आंखों में देखा और बोली तू बोलेगी तो जरूर सो जाऊंगी, फिर से शबाना मुंह मटका कर बोली तो सो जाऊं, बाद में तुम उठाने मत आना, क्योंकि लोहा गरम करो तो उसे पीटना भी चाहिए!
खाली गरम करने का क्या फायदा ?, ये सुनकर कुमकुम जोर से शबाना की ओर लपकी और बोली शैतान हो तुम और मुझे कुछ नहीं आता है।
तो शबाना बोली तुम खड़ी रहो में तुम्हें लोहा पीटना सिखाती हूं, कुमकुम खिलखिला कर हंसकर भाग खड़ी हुई और भाग कर सोफे पर लेट गई।
शबाना कुमकुम के पास आकर सोफे के नीचे बैठ कर उसे गुदगुदी करके छेड़ने लगी और बोली बोल कहां पीटूं, बोल, बोल कैसे पीटूं ?, कुमकुम ने कहा जैसे तुमको और मुझे दोनों को अच्छा लगे।
शबाना कुमकुम की ओर प्यार से देखने लगी और बोली कुमकुम हम दोनों आज एक दूसरे को बहुत प्यार करेंगे, आज किसी को कोई कमी महसूस नहीं होने देंगे।
कुमकुम को बहुत अच्छा लग रहा था, शबाना बोली मैं इस काम में बड़ी हूं तो पहले में तुझे सब सिखाऊंगी तुम पूरा मजा लेना, शबाना ने जाकर लाइट बंद कर दी।
और लाल वाला नाइट बल्ब जलाया और ए सी को और ठंडा किया, फिर वो कुमकुम के पास आकर बैठ गई और कुमकुम के हाथ को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी।
कुमकुम आंखें बंद करके सब महसूस कर रही थी, और इस पल का मजा ले रही थी कि मानो वो जन्नत में हो, ये अहसास उन दोनों के लिए नया था।
अब ठण्ड बढ़ रही थी, माहौल बना हुआ था, कुमकुम सोफे पर लेटी हुई थी और शबाना नीचे कालीन पर बैठी थी और कुमकुम की उंगली को उसने अपने मुंह में डाला और बड़े प्यार से उसे चूसने लगी।
उसे कुछ कुछ होने लगा, कुमकुम मुंह में उंगली के इर्द गिर्द अपनी जीभ फिराने लगी तो सब गीला हो रहा था, तभी शबाना हथेली को काटने लगी।
इससे कुमकुम बहुत ही कामातुर हो गई थी, उसकी सिसकियां निकल रही थी, और वो कराह रही थी, अब उससे सहा नहीं जाता था इसलिए उसने अपना हाथ अपनी चूत पर रखना चाहा तो शबाना ने पकड़ लिया।
अब कुमकुम के दोनों हाथ उसकी गिरफ्त में थे, शबाना मजबूती से पकड़े हुए थी, शबाना ने उसे अपने करीब खींच कर उसकी टी-शर्ट में पीछे से हाथ डाल दिया।
और दूसरे हाथ से उसके बाल पकड़ लिए और उसका सर पीछे की ओर हो गया, शबाना ने पहले उसके सर को बड़े प्यार से चूमा, फिर उसकी दोनों आंखों को बारी बारी से चूमा।
फिर वो कुमकुम के गालों को चूमने लगी, और फिर कान को चूमा और उसके कान में अपनी जीभ डाली, उससे कुमकुम को अजीब सी झुनझुनाहट हुई और वो तिलमिला गई।
शबाना कुमकुम की तिलमिलाहट महसूस कर पा रही थी, शबाना ने ये सब लेस्बियन सेक्स विडियो में देखा था, और वो ये सब किसी की साथ करना चाहती थी।
इसलिए उसने ये सब अच्छे से याद कर रखा था, और आज उसके पास पूरा मोका था, वो धीरे से उसके कान में फुसफुसाई मेरी जान आज का दिन तू कभी नहीं भूल पाएगी।
ये सुनकर कुमकुम उत्साहित होकर आधी खड़ी हो गई, शबाना ने कस कर उसके होंठों को चूम लिया, अब दोनों जोश में थे, अब कुमकुम पर तो मानो मस्ती सर चढ़ रही थी।
और शबाना भी अजीबोगऱीब तरीके से उस पर प्यार लुटा रही थी, उसको इतना जोश में कुमकुम ने कभी नहीं देखा था, अब कुमकुम भी खुल रही थी।
उसने आधे लेटे लेटे अपने एक पांव को नीचे किया और शबाना के दोनों पैरों के बीच में अपने पैरों की उंगलियों से घात देने लगी, वो शबाना को भी अच्छा लगा।
शबाना ने उसे उकसाया और उसके पांव को पकड़ कर वो अपनी चूत पर रगड़वाने लगी, और अब वो फिर से कुमकुम को चूमने लगी।
शबाना अपने दोनों हाथ कुमकुम के टी-शर्ट में डाल कर उसकी पीठ की मसाज करते करते टी-शर्ट निकालने लगी, शबाना ने बालों में से बड़ी नजाकत से उसकी टी-शर्ट को निकाला।
शबाना अपनी अत्यधिक चाह से सब कर रही थी, उसका ये नया प्यार कुमकुम के दिल को छू रहा था, कुमकुम के स्तन उससे थोड़े छोटे थे।
जो मोटे संतरे जैसे छोटे और निप्पल लाइट गुलाबी रंग के थे, कुमकुम को अपने जिश्म में अपने बूब्स बहुत ही पसंद थे, कुमकुम पहले से ही स्पोर्ट ब्रा पहनती थी।
उससे कुमकुम को बहुत तकलीफ तो होती थी पर उसी ने उसके बूब्स को जरा सा भी झुकने नहीं दिया था, कुमकुम के बूब्स बहुत ही कसे हुए और काफी कड़क थे।
कुमकुम देख सकती थी कि उसके बूब्स ने शबाना को भी इम्प्रेस किया था, वो उसके स्तनों को प्यार से घूर रही थी, जैसे उसे मोका मिले तो उसे पूरा खा जायेगी ।
कुमकुम ने जब अपने स्तनों को देखा तो लाल रोशनी उन पर गिर रही थी, जिससे अत्यधिक गोरे रंग पर हल्का लाल रंग मिलाने से जैसा सुर्ख लाल बनता है, वैसे ही उसके बूब्स दिख रही थी।
इस समय कुमकुम को अपने वक्ष पर गर्व महसूस हुआ, पर तभी शबाना ने जता दिया कि आज की रात उसके स्तन उसकी मिल्कियत हैं।
कुमकुम को इस पर कोई आपत्ति नहीं थी, फिर इसके बाद कुमकुम सिर्फ लोअर में रह गई थी, उसने शर्म के मारे अपने वक्ष को हाथ से ढकने की कोशिश की।
कुमकुम को ऐसा करते देखकर शबाना हैरानी से उसकी ओर प्रश्नवाचक भाव से देखने लगी, उसने बताया शबाना मुझे शर्म आ रही है।
तब शबाना ने आगे आकर उसका झुका हुआ सर उठा कर बड़े ही आशिकाना अंदाज़ से बोली मेरी जान पहले ये नाम बोलना भूल जा बाक़ी की शर्म मैं छुड़वा दूंगी।
कुमकुम बोली तो क्या बोलू ?, शबाना बोली रण्डी बोल, वेस्या बोल, तो कुमकुम बोली चुप हो जाओ, तो शबाना फिर से बोली जानू, चिकनी, रानी, हनी, छमिया, अप्सरा जो तेरा जी चाहे बोल मेरी जान।
शबाना का ये अंदाज़ देख कर कुमकुम के तो होश ही उड़ गए, कुमकुम पर भी अब वो नशा चढ़ने लगा, तभी उसने कुमकुम के बिल्कुल पास आकर उसके वक्षों पर वो झुक गई।
और अपनी जुबान नुकीली बनाकर स्तनों की नोक को छूने लगी, उसने पास आना चाहा, तो उसने पेट पर हाथ रख दिया, वो सिर्फ निप्पलों को ही छू रही थी।
फिर शबाना ने कुमकुम के निपल्स को मुंह में भर लिया और अब वो उसे चूस रही थी, जो अब पूरी तन कर कड़क हो चुकी थी, वो सिर्फ तने हुए निपल्स का आधा भाग ही चूस रही थी और छू रही थी।
जबकि कुमकुम चाह रही थी कि शबाना पूरा निपल्स मुंह में ले कर चूसे, वो कुमकुम को तड़पा रही थी, तभी उसने अपने दांतों से उसके आधे निपल्स को पकड़ लिया।
और वो झुके झुके यूं ही उलटे पांव चलने लगी, कुमकुम दर्द से सिसकार उठी, और वो उसके साथ खिंचती चली गई, उसने निपल्स के दम पर उसे खींच कर ले जाकर बिस्तर पर लिटा दिया।
अब शबाना ने कुमकुम के लोअर को निकाल दिया, अब उसके बदन पर सिर्फ पिंक पैन्टी ही बची थी, शबाना उसे लगातार चूम रही थी और सब जगह चाट रही थी और दबा रही थी।
कुमकुम बड़े चाव से इस लेस्बियन सेक्स के मजे ले रही थी, अब उन दोनों के शर्म के परदे हट चुके थे और उनकी हर हरकत पर वो दोनों बेशर्मी की हदें पार कर रहे थे।
अब कुमकुम के ऊपर थी शबाना, उसने उसके गुब्बारों का तो हाल बुरा कर दिया था, इतना चूसा और चाटा था और खूब दबादबा कर पूरे वक्षों को निचोड़ कर रख दिया था।
अब शबाना ने अपने कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगी होकर कुमकुम से चिपक गई, उसके रूप यौवन में एक मस्त सी कशिश थी।
उसके स्तन कुमकुम से किसी भी तरह कम सुंदर नहीं थे, वो भी बिल्कुल उठे हुए थे, कुमकुम ने ध्यान से देखा कि उसकी चूत के पास हल्के हल्के रेशमी झांटें डिजाइन में थी।
शायद शबाना अपनी चूत को महीने में बहुत बार समय देती थी, जबकि उसे अपनी चूत को रोज ही देखना होता था तो आज उसकी चूत चिकनी चमेली ही बनी रहती थी।
अब शबाना ने उसे लिटा दिया और उसके पैर फैला दिए, कुमकुम अपनी चूत पसार कर उसके सामने बेशर्मी से लेट गई, कुछ पलों तक शबाना ने उसकी चूत को देखा।
आप मेरे साथ बने रहिए और इस चूत की आग कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.