चूत की आग पार्ट-4 (Hindi Sex Stories)

लेखक- सीमा सिंह

अब शबाना ने उसे लिटा दिया और उसके पैर फैला दिए, कुमकुम अपनी चूत पसार कर उसके सामने बेशर्मी से लेट गई, कुछ पलों तक शबाना ने उसकी चूत को देखा।

फिर शबाना आंखों में वासना का नशा लाते हुए कुमकुम की चूत पर अपनी एक ऊंगली फेरी तो वो सिहर उठी, उसकी ऊंगली कुमकुम की चूत के ऊपर चलने लगी और वो मचलने लगी।

कुमकुम को इस बात की कोई चिंता नहीं थी कि वो रस छोड़ देगी क्योंकि अब शबाना और उसका सेक्स शुरू हो चुका था, कुछ ही देर में उसने उसके बाजू में लेटते हुए उसके उरेजों की नोंकों को अपने मुंह  में भर लिया और उसकी चूत के ऊपर ऊंगली बदस्तूर जारी रखी।

इसके साथ ही कुमकुम ने भी शबाना की झांटों के बीच में अपनी ऊंगली फेरी तो उसे महसूस हुआ कि उसकी चूत भी गीली हो चुकी थी।

कुमकुम ने अपने होंठों को उसके होंठों से सटा दिया और अब दोनों की चूतों पर ऊंगली, वक्षों से वक्ष और जुबान से जुबान रगड़ दोनों एक दूसरे को सुख देने लगी थी।

शबाना को अपनी वासना की तृप्ति का मार्ग मिल चुका था वो बहुत खुश थी, फिर शबाना ने कुमकुम से पूछने के अंदाज में बोली 69 में करें क्या ?

कुमकुम तो स्वर्ग में थी उसने हां बोल दिया, शबाना तो जैसे इसी इन्तजार में थी, वो बिना और कुछ बोले कुमकुम के ऊपर 69 की अवस्था में आ गई।

बस अब क्या था ?, अब तो दोनों की बची कूची शर्म भी खत्म हो चुकी थी, शबाना की चूत कुमकुम के मुंह में थी और उसकी चूत पर उसकी जुबान फिर रही थी।

ये उन दोनों का लेस्बियन सेक्स पहली बार था तो उन दोनों की चूतों ने अपनी रसधार छोड़ने में अधिक वक्त नहीं लगाया और जल्द ही कुमकुम छूट गई उसके कुछ ही पलों बाद शबाना भी सराबोर हो उठी।

बहुत ही नशा चढ़ा था, जिश्म शिथिल हो उठे थे, कुछ देर वो दोनों यूं ही 69 में ही पड़े रहे, फिर कुमकुम उठी और बाथरूम गई, शबाना मन ही मन मुस्कुरा उठी कि अब से कुमकुम मेरी हुई।

और वो भी उसके पीछे बाथरूम में चली गई, कुमकुम ने बाथरूम बंद नहीं किया था, वो पेशाब कर रही थी, और शबाना से आंखे चुरा रही थी।

शबाना ने उससे कुछ नहीं किया वो उसके बाद पेशाब करने लगी, और कुछ पल बाद दोनों रूम में आ गई, कुमकुम कपड़े पहनने लगी तो शबाना एक मासूम बच्चे के तरह बोली हम ऐसे ही सौ जाते है।

तो कुमकुम ने उसकी बात मान ली और दोनों एक दूसरे से चिपक कर लेट गई, पर उन्हें नींद नहीं आ रही थी, उन दोनों के शरीर की गर्मी एक दूसरे को गर्म कर रही थी।

और कुछ ही देर में वो फिर से 69 की अवस्था में आ गई और एक दूसरे की चूत को चाट चाट कर साफ करने लगी, ये खेल उन दोनों का पूरी रात चला।

रात को 4 बजे जब वो दोनों पूरी तरह से थक गई जब उन दोनों ने एक दूसरे को छोड़ा और सो गई, वो दोनों संडे को देर तक सोती रही।

वही घर में सुबह 11 बजे शबाना के पिता ने अपनी पत्नी से पूछा कि शबाना अभी तक उठी क्यों नहीं है ?, तो उन्होंने अपने पति को जवाब दिया कि शबाना और कुमकुम किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।

और शायद पूरी रात काम किया है इसलिए सो रही होंगी, तो शबाना के पिता बोले दोनों बच्चियों को सोने दो, फिर वो दोनों टीवी देखने लगे।

12 बजे के बाद शबाना की आंख खुली तो उसने समय देखा और तुरंत बाथरूम में चली गई, बाथरूम से आने के बाद उसने कुमकुम को जगाया और कुमकुम उठ कर बाथरूम चली गई।

शबाना ने अपने रूम की हालत कुछ ठीक की जिससे नौकरानी को शक न हो की रात में इस रूम में क्या हुआ था ?, फिर वो दोनों खाना खाने बाहर आ गई।

वो घर वालों के सामने नॉर्मल ही रही और अपने प्रोजेक्ट में लग गई, उस रात कुछ नहीं हुआ, उसके बाद कुमकुम अपने घर आ गई, उसके बाद तो कुमकुम हर शनिवार को शबाना के साथ रुकती।

और वो दोनों खूब मस्ती करती थी, उसकी इस हरकत का किसी को भी नहीं पता था, पहला सेमिस्टर बीत चुका था, दूसरा सेमिस्टर 1 जनवरी से चालू होने वाला था।

उसके पास 15 दिन की छुट्टी थी, तो कुमकुम शबाना से बोली की अब में कुछ दिन तुम्हारे साथ रह सकती हूं, तो शबाना मासूम बनते हुए बोली ये हो नहीं सकता है।

तो कुमकुम शबाना को सवालिया नजरों से देखने लगी, तो शबाना बोली मैं बहुत बुरी फ्रेंड हूं, और रोने लगी, ये देख कर कुमकुम ने उसे अपने गले से लगा लिया।

और चुप करा कर उसे सब कुछ बता दिया ये सब सुन कर कुमकुम चुप हो गई और फिर झट से उसे गले लगाकर बोली ये तो बहुत अच्छी बात है कि मेरी फ्रेंड की नई जिंदगी शुरू होने वाली है।

फिर वो दोनों अपने अपने घर आ गई, कुमकुम शबाना की बात को याद करने लगी दरअसल ये बात दो महीने पुरानी है।

एक जवान लड़का वसीम एक 22 वर्षीय नौजवान है और अपने माता पिता का इकलौता बेटा है, उसकी ऊंचाई 6 फीट है वो गोरा है और गठीले बदन का मालिक है ।

वो पढ़ाई में शुरू से अच्छा रहा था और अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में ही लगाया था,

पढ़ाई के अलावा उसको एक ही शौक था जिम में कसरत करने का।

चाहे कुछ भी हो, वह अपनी कसरत कभी नहीं भूलता था, इसकी वजह से उसका शरीर काफी अच्छा हो गया था, वह कभी दोस्ती, यारी या प्यार के चक्कर में नहीं पड़ा।

वसीम ने सोच रखा था अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद ही दम लेगा, वसीम ने शादी होने तक ब्रह्मचर्य व्रत लिया था, वह कभी हस्तमैथुन नहीं करता था।

जिससे उसका शरीर और भी बलिष्ठ हो गया था, कभी कभी स्वप्न दोष जरूर उसको हो जाता था, वसीम की मेहनत रंग लायी उसने आईआईटी कॉलेज में टॉप किया था।

उसके माता पिता चाहते थे की वो अब खुद का बिजनेस शुरू करे या फैमली बिजनेस ज्वाइन कर ले, पर वसीम कुछ साल बाहर जाकर जॉब करना चाहता था।

फिर खुद का बिजनेस करना चाहता था, उसके माता पिता ने बड़ी मुस्किल से वसीम की बात मानी पर अपनी एक शर्त रख दी की उसे शादी करके जाना होगा।

वसीम ने ना चाहते हुए हां कर दी, उसके माता पिता एक लड़की ढूंढने लगे, पर कोई मिल नहीं रही थी, एक दिन वसीम के पिता अपनी कार से एक दूर के पार्क में घूम रहे थे।

तभी उनकी मुलाकात शबाना के पिता से हुई वो दोनों बचपन के दोस्त थे और दस साल बाद दोनों मिल रहे थे, फिर शबाना के पिता उन्हें अपने घर ले आए।

वहां वसीम के पिता ने चर्चा में अपने दोस्त को अपनी समस्या बताई और बोले कई रिश्ते आ रहे हैं पर अभी तक कोई लड़की उसको पसंद नहीं आई है।

और पसंद आ जाती है तो वसीम की इच्छा सुनकर सब मना कर देते है, क्योंकि वसीम बाहर रहेगा और वो लड़की यहां पर रहेगी, पर वसीम की मां चाहती है कि वो शादी करके जाए।

तो हम बहुत परेशान हैं, हम चाहते हैं जल्द से जल्द कोई लड़की हां कर दे और शादी करके वे अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएं, तभी शबाना अपने कमरे से बाहर आई।

और हॉल में आकर अपने पापा से बोली पापा में कॉलेज जा रही हूं, तभी शबाना के पिता ने शबाना को अपने पास बुलाया,

वसीम के पिता ने जैसे ही शबाना को देखा, लड़की उन्हें भा गई।

शबाना के पास आते ही उन्होंने उसको बैठने को कहा और कुछ औपचारिक बातें हुई, शबाना के पिता ने शबाना को बताया की ये उनके बेस्ट फ्रेंड है।

कुछ देर बाद शबाना उठकर कॉलेज के लिए चली गई, वसीम के पिता ने अपने दोस्त से बोला अगर हम समधी बन जाएं कैसा रहे, वसीम के पिता बोले आपने तो मेरे मुंह की बात कह दी।

उन्होंने एक दूसरे को गले लगाया और शबाना की एक फोटो मांगा, दोनों ने वसीम और शबाना के फोटो अपने अपने फोन गैलरी से साझा कर दिए और दोनों दोस्तों ने अपने अपने परिवार में रिश्ते की बात बताई।

तो शबाना की मां बोली की शबाना अभी छोटी है और हम अभी घर में ही उनकी शादी करा देते है, और जब वसीम वापिस लोटकर आयेगा तो धूम धाम से उनका रिसेप्शन करेंगे।

जब तक शबाना की पढ़ाई भी पूरी हो जायेगी, शबाना के पिता ने ये बात वसीम के पिता को बता दी, उसके घर वाले भी उनकी बात मान गए।

वसीम को जब शबाना की फोटो दिखाई तो उसे शबाना पसंद आ गई, उसने तुरंत हां कह दिया, पर दूसरी तरफ जब शबाना को इस बारे में पता चला तो उसने अपने घर को सर पर उठा लिया।

फिर एक दो दिन उसकी मां ने उसे समझाया तो शबाना ने हां कह दिया था, फिर दोनों परिवार ने एक अच्छा सा चांद का दिन देखकर दोनों की सगाई पक्की कर दी।

और 19 दिसंबर को शादी की तारीख तय कर दी, अब वसीम और शबाना के फोन नम्बर एक दूसरे के फोन में दर्ज हो चुके थे और सूरतें एक दूसरे के दिल में।

दोनों रोज एक दो घंटे प्यार भरी बातें करते और अपने भविष्य के सुनहरे सपने बुनते, पर शबाना ने कभी कुमकुम को वसीम की भनक भी नहीं लगने दी।

कुमकुम ने अपनी मां सीमा को बताया कि 19 दिसंबर को उसकी फ्रेंड शबाना के पिता अपने दोस्त के फार्महाउस में एक पार्टी में जा रहे है और वो मुझे अपने साथ ले जा रहे है।

सीमा अपनी बेटी को हमेशा खुश देखना चाहती थी, और उसे पता था शबाना के पापा मम्मी बहुत अच्छे है, वो कुमकुम का पूरा ख्याल रखेंगे, तो उसने हां कह दिया।

वो सब फार्महाउस पहुंच गए, शादी में कुछ 100 लोग ही होंगे, जो दोनों परिवारों के खास खास लोग थे, शादी में कुमकुम किसी को नहीं जानती थी।

कुमकुम एक मिडिल क्लास परिवार की लड़की थी, पर शबाना ने उसके लिए एक ब्रांडेड लहंगा चोली खरीद लिया था, जब कुमकुम और शबाना फार्महाउस पहुंची थी तो शबाना ने कुमकुम को वो सब सामान दे दिया ।

कुमकुम ने मना किया पर शबाना ने जोर दिया तो उसने रख लिया, जब शबाना और कुमकुम तैयार होकर आई तो दोनों स्वर्ग की अप्सरा लग रही थी।

शबाना को तो सब जानते थे लेकिन कुमकुम को कोई नहीं जानता था सब शबाना के पिता और मां और उसके भाई निजाम से कुमकुम के बारे में पूछ रहे थे।

तो शबाना का परिवार उसके बारे में बता रहे थे, कई लड़के कुमकुम पर लाइन मार रहे थे, पर शबाना के पिता को देख कर किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी, वो कुमकुम के पास में आकर उससे बात कर सके या कुछ बोल सकें।

और कुछ हरामी लड़के और मर्द बाथरूम में जाकर कुमकुम का ख्याल अपने मन में लाकर मुठ मार कर वापिस आ जाते थे, आखिर कर शादी पूरी हो गई।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस चूत की आग कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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